Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Maharajganj Lok Sabha Election: जातियों की गणित में उलझे राजनीति के सूरमा, बड़े नेताओं की हो रहीं जनसभाएं

    Updated: Wed, 22 May 2024 02:01 PM (IST)

    Maharajganj Lok Sabha Election 2024 आइएनडीआइ गठबंधन उम्मीदवार वीरेंद्र चौधरी के नामांकन सभा में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे व सपा के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव मौजूद रहे। इसके जरिए अनुसूचित जाति एवं यादव मतदाताओं को संदेश देने की कोशिश की गई। कोल्हुई क्षेत्र के अड्डा बाजार में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की सभा कराई गई।

    Hero Image
    महराजगंज में रणनीतिकार जातीय समीकरणों को साधते हुए कदम आगे बढ़ा रहे हैं।

     विश्वदीपक त्रिपाठी, जागरण महराजगंज। सातवें चरण के मतदान की तिथि जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, महराजगंज लोकसभा क्षेत्र में चुनावी रण रोचक होता जा रहा है। जन कल्याणकारी योजनाओं व विकास से शुरू हुई बात अब जातीय गणित बैठाने में उलझ गई है। भाजपा, आइएनडीआइ गठबंधन व बसपा के रणनीतिकार जातीय समीकरणों को साधते हुए कदम आगे बढ़ा रहे हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    राजनीतिक दलों के दिग्गज नेता भी उन्हीं क्षेत्रों में भेजे जा रहे हैं, जहां उनके बिरादरी के मतदाताओं की संख्या अधिक है। इस सीट पर भाजपा व आइएनडीआइए के उम्मीदवार के बीच सीधी लड़ाई के आसार बन रहें हैं। वहीं बसपा प्रत्याशी की चाल पर भी सबकी निगाहें टिकी हैं। इस चुनाव में बसपा के परंपरागत वोट बैंक की भूमिका महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

    संसदीय क्षेत्र में अन्य पिछड़ा वर्ग के लगभग 22 प्रतिशत मतदाता हैं। अनुसूचित जाति के 18 व मुस्लिम समाज के मतदाताओं की संख्या लगभग 17 प्रतिशत है। महराजगंज में कुर्मी व पटनवारों (पटेल) की संख्या नौ प्रतिशत है। वैश्य व निषाद मतदाता सात-सात प्रतिशत तो ब्राह्मण लगभग आठ व यादव नौ प्रतिशत हैं। क्षत्रिय मतदाताओं की संख्या जिले में लगभग तीन प्रतिशत है।

    इसे भी पढ़ें- गोरखपुर में हूटर लगा कर चल रहे थे नेता व अधिकारी, इस IPS ने बीच सड़क गाड़ी रोक की कार्रवाई

    भाजपा व आइएनडीआइए अपने प्रत्याशियों के नामांकन के दिन से ही जातीय समीकरण साधने में जुट गए। पार्टी के नेताओं को बुलाकर नामांकन सभा कराई गई। केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री व भाजपा प्रत्याशी पंकज चौधरी के नामांकन जुलूस में ब्राह्मण चेहरे के रूप में भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व सांसद डा. रमापति राम त्रिपाठी शामिल हुए। वहीं कुर्मी समाज में अपना प्रभाव रखने वाले राज्यसभा सांसद कुंवर आरपीएन सिंह भी पहुंचे थे। एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह व अन्य क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों को भी जातीय समीकरण साधने के लिए बुलाया गया था।

    आइएनडीआइ गठबंधन उम्मीदवार वीरेंद्र चौधरी के नामांकन सभा में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे व सपा के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव मौजूद रहे। इसके जरिए अनुसूचित जाति एवं यादव मतदाताओं को संदेश देने की कोशिश की गई। कोल्हुई क्षेत्र के अड्डा बाजार में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की सभा कराई गई।

    इस क्षेत्र में क्षत्रिय मतदाताओं की संख्या अच्छी-खासी मानी जाती है। इस सीट पर निषाद मतदाताओं को रिझाने के प्रयास भी चल रहे हैं। भाजपा ने इसके लिए निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री संजय निषाद को मैदान में उतार दिया है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव की बरगदवा कस्बे में सभा होगी। इसके जरिए यादव मतदाताओं को भाजपा के पक्ष में लाने का प्रयास किया जाएगा।

    इसे भी पढ़ें- परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस के लिए बदला गया नियम, इसे हासिल करने के लिए देना होगा यह टेस्‍ट

    केवल एक बार सांसद बन सका मुस्लिम चेहरा

    महराजगंज लोकसभा क्षेत्र में मुस्लिमों की संख्या लगभग 17 प्रतिशत है। सभी पार्टियां इन्हें अपने पाले में करने के लिए रिझाती हैं। लोकसभा चुनाव में यह निर्णायक भूमिका निभाते हैं, लेकिन प्रत्याशी बनाने में राजनीतिक दलों की रुचि नजर नहीं आती।

    मुस्लिम वोट बैंक का दावा करने वाली सपा ने भी यहां से कभी मुस्लिम प्रत्याशी नहीं उतारा। 1980 के चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर अशफाक हुसैन सांसद चुने गए थे। उन्हें एक लाख 33 हजार 88 मत मिले थे। इसके बाद कांग्रेस ने इस सीट पर कभी मुस्लिम उम्मीदवार नहीं उतारा।

    बहुजन समाज पार्टी ने 1999 व 2004 के चुनाव में तलत अजीज को टिकट दिया था। दोनों चुनावों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। 2024 के आम चुनाव में बसपा ने एक बार फिर मुस्लिम प्रत्याशी पर भरोसा जताते हुए मोहम्मद मौसमे आलम को हाथी का महावत बनाया है।

    कुर्मी मतदाताओं का बंटवारा रोकने के लिए हो रही जुगत

    लोकसभा क्षेत्र में कुर्मी, पटनवार व सैंथवार मतदाताओं की अच्छी संख्या है। अभी तक भाजपा के बेस वोटर रहे ये मतदाता इस बार आइएनडीआइए की तरफ से भी सजातीय उम्मीदवार वीरेंद्र चौधरी के उतरने से असमंजस में पड़ गए हैं।

    भाजपा प्रत्याशी पंकज चौधरी ने अपने इस परंपरागत वोट बैंक का बंटवारा रोकने के लिए - पूरी ताकत झोंक दी है। दूसरी तरफ विपक्षी उम्मीदवार इन वोटों में सेंधमारी करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। बिरादरी में प्रभाव रखने वाले बड़े-बुजुर्गों को गांव-गांव भेज संबंधों की दुहाई देकर मतों का बिखराव रोकने का प्रयास किया जा रहा है।

    जिले के सिसवा विधानसभा क्षेत्र में कुर्मी व पटनवार जाति के लोगों की बहुलता है। पनियरा विधानसभा क्षेत्र में सैंथवार व कुर्मी जाति के लोग अधिक हैं। फरेंदा में कुर्मी तो सदर विधानसभा क्षेत्र में कुर्मी व पटनवार दोनों की संख्या है।

    1991 के चुनाव में पहली बार भाजपा ने पंकज चौधरी को टिकट देकर यहां से कुर्मी मतदाताओं को साधने का प्रयास किया था। इसके बाद से अब तक भाजपा उन पर नौ बार भरोसा जता चुकी है। छह बार वह संसद पहुंचने में कामयाब रहे थे।