Lok Sabha Election 2024: विकास से वंचित है मुस्लिम समुदाय? क्या है उनके मन में, किसे देंगे वोट, खास बातचीत में मुस्लिमों ने बताई अपनी परेशानी
Lok Sabha Election 2024 पांच चरणों का मतदान संपन्न हो चुका है। अब अगले चरण का मतदान 25 मई को है। इस बीच जागरण संवाददाता ने मुस्लिम समुदाय से खास बातचीत की। इस दौरान मुस्लिम वोटरों ने बताया कि वे किस पार्टी को वोट देंगे। इस बार उनके मन में क्या है। साथ ही उन्होंने अपनी परेशानी को भी सामने रखा। पढ़िए बातचीत के प्रमुख अंश...

अहमद रजा हाशमी, पटना। पटना साहिब लोकसभा सीटर पर चुनाव होने में महज दस दिन शेष हैं। एक जून जैसे-जैसे करीब आ रहा है, मुस्लिम मतदाता गोलबंद होने लगे हैं। मोहल्ला, नुक्कड़ से लेकर ड्राइंगरूम तक में चुनाव को लेकर चर्चाएं तेज होने लगी हैं। बिहार में साम्प्रदायिक सौहार्द को बनाए रखने और शराबबंदी करने वाली पार्टी को लेकर भी ये अपने पत्ते नहीं खोल रहे हैं। शिक्षकों की भारी संख्या में हुई नियुक्ति को बेरोजगारी दूर करने की दिशा में मजबूत कदम मान रहे हैं।
जागरूक हो रहे मुस्लिम वोटर
पार्टियों के एजेंडों पर नजर रख रहे मुस्लिम वोटर चुप्पी साधे हैं। अधिक से अधिक मतदान करने को लेकर इस बार महिला, पुरुष एवं युवा मुस्लिम वोटर अधिक जागरूक नजर आ रहे हैं। मुस्लिम बहुल इलाका आलमगंज में समाज का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ नागरिकों से दैनिक जागरण ने बातचीत की।
'सांसद नहीं लेते सुध'
इस्लामिक शिक्षाविद मौलाना फजले करीम कासमी ने कहा कि चुनाव आते ही सभी मुस्लिम की बातें करते हैं, लेकिन मुसलमान और मुस्लिम इलाके उपेक्षित हैं। सांसद सुध नहीं लेते हैं। मुस्लिम वोट को नेता अपनी जागीर समझ अधिकार जताते हैं। इस बार वोट का प्रतिशत बढ़ाकर जवाब दिया जाएगा।
डर के माहौल का होगा खात्मा
सेवानिवृत प्रो. अब्दुल वाहिद अंसारी ने कहा कि सरकारी योजनाओं के लाभ से अधिक मुसलमानों के समक्ष सुरक्षा अहम मुद्दा है। देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत बनाए रखने के लिए उत्पन्न किए जा रहे डर के माहौल को खत्म करना होगा।
'योजनाओं से वंचित हैं हमलोग'
लेखक अख्तर आदिल गिलानी ने कहा कि उज्ज्वला योजना, राशन, स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय, आवास योजना, अल्पसंख्यक छात्रवृति योजना, आयुष्मान योजना के लाभ से मुस्लिम समाज का एक बड़ा तबका वंचित है।
गंभीर है मुस्लिम वोटर
शिक्षाविद डॉ. रेहान गनी ने कहा कि विश्व में भारत सांप्रदायिक सौहार्द की अनूठी मिसाल है। यहां लोगों को बांट कर नफरत की राजनीति करने का मंसूबा कभी कामयाब नहीं होगा। लोकतंत्रिक देश की एकता व अखंडता को मजबूत करने को लेकर मुस्लिम वोटर गंभीर है।
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नहीं ध्यान दे रही सरकार
सेवानिवृत्ति बैंक कर्मी अनवर उल हक ने कहा कि बेरोजगारी और महंगाई से मुस्लिम समाज परेशान है। कोरोना काल ने रोजगार छीन लिया। सरकार की प्राथमिकता से यह समाज बाहर है।
तीन तलाक पर क्या बोले मतदाता
समाजसेवी फैजुर रहमान ने कहा कि युवा मतदाताओं ने इस बार चुनाव परिणाम बदलने की ठान ली है। तीन तलाक के मामले को सरकार ने तोड़ मरोड़ कर पेश किया है। यह व्यवस्था इस्लामिक शरीअत में पहले से थी।
एनआरसी पर क्या बोले मुस्लिम वोटर
शिक्षाविद मुजफ्फर अहमद ने कहा कि हिजाब प्रकरण से युवतियां व महिलाएं डरी हैं। एनआरसी का जिन फिर बोतल से बाहर आकर डरा रहा है। मुस्लिम वोटर विकास के साथ सुरक्षित समाज निर्माण के पक्षधर हैं।

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