बदरीनाथ धाम के निकट माणा हेलीपैड के ऊपर ग्लेशियर टूटकर गिरने से अफरा-तफरी
बदरीनाथ धाम के निकट माणा हेलीपैड के ऊपर ग्लेशियर टूटकर गिरने से अफरा-तफरी का माहौल रहा। हालांकि यह ग्लेशियर आवासीय बस्ती तक आने से पहले ही रुक गया जिससे कोई नुकसान नहीं हुआ। बारिश के बाद अलकनंदा नंदाकिनी और ङ्क्षपडर नदियों का जलस्तर भी बढ़ गया है।
संवाद सहयोगी, गोपेश्वार। बदरीनाथ धाम के निकट माणा हेलीपैड के ऊपर गुरुवार को ग्लेशियर टूटकर गिरने से अफरा-तफरी का माहौल रहा। हालांकि यह ग्लेशियर आवासीय बस्ती तक आने से पहले ही रुक गया, जिससे कोई नुकसान नहीं हुआ। बारिश के बाद अलकनंदा, नंदाकिनी और ङ्क्षपडर नदियों का जलस्तर भी बढ़ गया है। ङ्क्षपडर नदी पर सिमली में चल रहे मोटर पुल का निर्माण कार्य रोक दिया गया है। नदी के किनारे पुल निर्माण की सामग्री को भी निर्माण एजेंसी ने वहां से हटा दिया है। इसके अलावा जोशीमठ-मलारी हाईवे भी जगह-जगह मलबा आने से बंद पड़ा है। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) हाईवे से मलबा हटाने में जुटी है। वहीं निचले इलाकों में बारिश के साथ ही बदरीनाथ धाम और हेमकुंड साहिब समेत अन्य उच्च इलाकों में बर्फबारी का सिलसिला जारी है।
जिलाधिकारियों को प्रभावितों तक सहायता पहुंचाने के निर्देश
उत्तराखंड में कई स्थानों पर अतिवृष्टि और भूस्खलन की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने संबंधित जिलाधिकारियों को फोन कर प्रभावितों तक तुरंत सहायता पहुंचाने तथा घायलों के समुचित इलाज और बेघर लोगों के भोजन व रहने की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। साथ ही अधिकारियों को नुकसान का आकलन करते हुए प्रभावितों को अविलंब अनुमन्य सहायता राशि उपलब्ध करवाने के भी निर्देश दिए हैं। किसानों कि फसलों को हुए नुक़सान का आकलन कर शीघ्र मुआवज़ा देने के लिए भी ज़िलाधिकारियों को निर्देशित किया।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं में प्रभावित लोगों को आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करवाने और राष्ट्रीय राजमार्ग सहित अन्य प्रमुख मार्गों पर आवागमन सुचारू करने के लिए राज्य सरकार समुचित प्रबंध कर रही है। उन्होंने बताया कि विभिन्न स्थानों पर अतिवृष्टि से हुए नुकसान की जानकारी मिलते ही राजस्व पुलिस, पुलिस, प्रशासन और एसडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंच कर राहत एवं बचाव कार्यों में जुट गई ।
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