अल्मोड़ा के महतगांव में आतंक मचाने वाला गुलदार पिंजरे में फंसा, ग्रामीणों ने ली राहत की सांस
अल्मोड़ा के हवालबाग ब्लाक के महतगांव में आतंक मचाने वाला गुलदार आखिरकार पिंजरे में कैद हो गया है। इससे ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है। वन विभाग की टी ...और पढ़ें

हवालबाग ब्लाक के महतगांव में पिंजरे में कैद गुलदार। जागरण
संस, जागरण, अल्मोड़ा: हवालबाग ब्लाक के महतगांव में लंबे समय से दहशत का पर्याय बना गुलदार पिंजरे में कैद हो गया है। गुलदार के कैद होने से ग्रामीणों ने राहत की सांस ली। सूचना के बाद मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने गुलदार को एनटीडी स्थित रेस्क्यू सेंटर भेजा गया।
हवालबाग ब्लाक के महतगांव, इटोला, जाख, पेंसारी, भनरगांव, मैणी, पंचगांव, स्यूरा सहित आसपास के गांवों में गुलदार की लगातार सक्रियता से ग्रामीण भयभीत थे। गुलदार के डर से शाम के समय लोगों का घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया था। इसको लेकर ग्रामीणों ने वन विभाग से गुलदार को पकड़ने के लिए गांव में पिंजरा लगाने की मांग की थी।
ग्रामीणों की मांग पर एक सप्ताह पूर्व पिंजरा लगाया गया था। रविवार सुबह जब ग्रामीणों ने गुलदार को पिंजरे में फंसा देखा तो तुरंत इसकी सूचना वन विभाग को दी।
सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और गुलदार का स्वास्थ्य परीक्षण किया। वन क्षेत्राधिकारी मनोज लोहनी ने बताया कि पिंजरे में फंसा गुलदार नर है, जिसकी उम्र करीब पांच वर्ष है और पूरी तरह स्वस्थ है। गुलदार को सुरक्षित रूप से एनटीडी स्थित रेस्क्यू सेंटर भेज दिया गया है।
आरा-आराखेत में गुलदार की चहलकदमी से दहशत, घोड़े को मारा
संस, जागरण, जैंती: तहसील मुख्यालय के आरा-आराखेत क्षेत्र में गुलदार की लगातार चहलकदमी से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। आरा-आराखेत निवासी धन सिंह ने बताया कि शनिवार सुबह उन्होंने अपने घोड़े को गांव के समीप खेतों में चरने के लिए छोड़ा था। शाम तक घोड़ा घर नहीं लौटा, जिसके बाद उन्होंने उसकी तलाश शुरू की।
खोजबीन के दौरान गांव के पास स्थित एक गधेरे के बीच घोड़ा मृत अवस्था में मिला, जिसे गुलदार अपना शिकार बना चुका था। आराखेत की सामाजिक कार्यकर्ता विमला ने वन विभाग से क्षेत्र में तत्काल पिंजरा और पीड़ित पशुपालक को मुआवजा देने की भी मांग की।

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