सांप काटने पर डाक्टर ने इलाज से पहले बीस हजार रुपये मांगे, देर होने पर हो गई मौत, जमकर हंगामा
वाराणसी के चोलापुर में सर्पदंश से एक युवक की मौत हो गई जिसके बाद परिजनों ने हंगामा किया। उन्होंने चिकित्सक पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए वाराणसी-आजमगढ़ मार्ग पर शव रखकर चक्का जाम कर दिया। परिजनों का कहना है कि चिकित्सक ने इलाज शुरू करने से पहले 20 हजार रुपये मांगे और पैसे देने में देरी होने पर इलाज में देर की जिससे युवक की हालत बिगड़ गई।

जागरण संवाददाता, (चोलापुर) वाराणसी। चोलापुर क्षेत्र के धरसौना बाजार में शुक्रवार रात एक युवक की सर्पदंश से मौत हो गई, जिसके बाद उसके परिजनों ने हंगामा कर दिया। आक्रोशित परिजनों ने थाने के सामने सड़क पर शव रखकर वाराणसी–आजमगढ़ मार्ग पर चक्का जाम कर दिया।
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और परिजनों को समझा-बुझाकर जाम समाप्त कराया। इसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया।
जानकारी के अनुसार, रजला गांव निवासी आदित्य उर्फ छोटू (22) पुत्र कांता को रात में सोते समय एक जहरीले सर्प ने डस लिया। परिजनों ने तुरंत उसे धरसौना स्थित चिकित्सक शोभनाथ पाल के क्लिनिक पर ले जाने का निर्णय लिया।
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परिजनों का आरोप है कि चिकित्सक ने इलाज शुरू करने से पहले 20 हजार रुपये जमा कराने की मांग की। इसके बाद चिकित्सक ने 40 हजार रुपये और मांगे। आरोप है कि पैसे देने में देरी होने पर चिकित्सक ने करीब एक घंटे तक इलाज रोक दिया, जिससे युवक की स्थिति गंभीर हो गई।
जब आदित्य की हालत बिगड़ गई, तो चिकित्सक ने उसे शहर स्थित शुभम अस्पताल रेफर कर दिया। लेकिन, दुर्भाग्यवश, रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। इसके बाद परिजन शव लेकर पुनः धरसौना स्थित क्लिनिक पहुंचे और चिकित्सक की लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। परिजनों ने कहा कि यदि समय पर इलाज शुरू किया गया होता, तो आदित्य की जान बचाई जा सकती थी।
इस घटना के बाद चोलापुर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर आक्रोशित परिजनों और ग्रामीणों को शांत कराया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजने की प्रक्रिया शुरू की। आदित्य की मौत की खबर सुनकर उसकी माता गीता और अन्य परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। आदित्य अपने परिवार में बड़ा बेटा था और बीए का छात्र था।
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इस घटना ने क्षेत्र में चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता और चिकित्सकों की जिम्मेदारी पर सवाल उठाए हैं। परिजनों का आरोप है कि चिकित्सक की लापरवाही के कारण ही युवक की जान गई। इस मामले में स्थानीय प्रशासन को उचित कार्रवाई करने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके।
इस घटना ने न केवल परिवार को बल्कि पूरे गांव को शोक में डुबो दिया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए और चिकित्सा सेवाओं में सुधार की आवश्यकता है।
आदित्य की मौत ने एक बार फिर से स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति पर ध्यान आकर्षित किया है। लोगों का मानना है कि यदि चिकित्सक समय पर उचित कदम उठाते, तो शायद यह दुखद घटना टल सकती थी। अब देखना यह है कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है और क्या भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस उपाय किए जाएंगे।
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