सिपाही ने किशोर पर वाराणसी में सरेराह तानी पिस्टल, पुलिस ने सफाई में कहा- 'बेल्ट ढीली हो गई थी', देखें वीडियो...
वाराणसी जिले के कोटवा गांव में एक किशोर को स्कूल से आते समय दबंग सिपाही ने रोक लिया और पूछताछ की। आरोप है कि सिपाही ने किशोर पर पिस्टल तान दी और उसे चौकी पर ले जाकर मारपीट की। किशोर का कहना है कि उसे जबरदस्ती माफी मंगवाकर छोड़ा गया।

जागरण संवाददाता, वाराणसी (लोहता)। वर्दी का रुआब देखना है तो यह फोटो और वीडियो देख लीजिए। देख लीजिए कि पहलवान की तरह दिखने वाले पुलिस को एक किशोर से जान का इतना खतरा हो गया कि कमर में खोंसी पिस्टल तक निकालनी पड़ गई। यह सारी वारदात का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल भी हो रहा है और चर्चा में है थानाध्यक्ष निकिता सिंंह का वक्तव्य कि - "पिस्टल सटाने की बात गलत है"।
पहले आप वीडियो देखें-
#Varanasi में पुलिस कर्मी को एक किशोर से इतना खतरा महसूस हुआ कि सरेराह पिस्टल निकालनी पड़ गई। pic.twitter.com/1Vt8Z15A9v
— Abhishek sharma (@officeofabhi) September 20, 2025
हालांंकि, वीडियो वायरल होने के बाद लोहता थानाध्यक्ष की ओर से वायरल वीडियो पर सफाई भी जारी करनी पड़ गई। सफाई में कमर में बेल्ट ढीली होने से पिस्टल निकालने की बात कही जा रही है। मगर सफाई और वायरल वीडियो का आपस में कितना और क्या तालमेल है यह आम जनता खुद ही वीडियो देखकर तय कर सकती है।
अब पूरा मामला जानिए, प्रकरण के अनुसार थाना क्षेत्र के कोटवा गांव में शुक्रवार की सायंकाल चार बजे अपनी बहन को स्कूल से लेने गये युवक को रोकर उसकी बहन के बारे में पूछताछ करने के बाद गुस्से में आकर कोटवा चौकी का सिपाही कमर से बहस के दौरान पिस्टल निकाल लेता है। इसके बाद जबरन चौकी पर ले जाकर किशोर से मारपीट करने की जानकारी सामने आती है। हालांकि बिना किसी कार्रवाई के किशोर को छोड दिया गया।
इस बाबत कोटवा गांव के अनूसूचित बस्ती का आयुष 17 साल ने बताया कि मैं अपनी बहन खुशी जो छितौनी गांव में स्थित देववाणी इंटर कालेज में 11 में पढती है। सायंकाल चार बजे लेने गया था। जब छुट्टी हुई तो उसे अपनी बाइक पर बैठा कर घर आ रहा था। तभी कोटवा चौकी का सिपाही सुशील शुक्ला एक और सिपाही के साथ आए। मेरी मोटरसाइकिल रोककर पूछे कि लडकी को लेकर कहा जा रहे हो तो हमने बोला कि यह मेरी बहन है। जिसको हम लेकर घर जा रहे है।
लेकिन उसके बाद भी वह नहीं माने हमें जबरदस्ती चौकी ले जाने लगे तो हम विरोध किए तो वह हमारे ऊपर धमकाते हुए पिस्टल निकाल दिए। चौकी पर फोन करके चौकी इंचार्ज और सिपाही को बुला लिए। उसके बाद हमें चौकी पर ले जाकर मारे तथा हमसे माफी मंगवाकर शाम को छोड दिया। इस बाबत उस समय तो थानाध्यक्ष निकिता सिंह ने बताया कि पिस्टल सटाने की बात गलत है। आपस में मारपीट हुई थी। जिसको पकड़कर पुलिस पुछताछ करने गई थी। प्रश्न यह भी है कि किशोर से पुलिस को कैसी पूछताछ करनी थी वो भी चौकी ले जाकर यह स्पष्ट नहीं हो सका।
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