Maha Kumbh 2025: यात्रियों से ठसाठस भरा कैंट स्टेशन, दो दिनों में गंतव्य तक भेजे गए 60 हजार श्रद्धालु
महाकुंभ 2025 के दौरान वाराणसी का कैंट रेलवे स्टेशन श्रद्धालुओं और यात्रियों से खचाखच भरा हुआ है। दो दिनों में ही 12 ट्रेनों से 60 हजार से अधिक रेल यात्रियों को उनके गंतव्य तक भेजा गया है। भीड़ नियंत्रण के लिए रेलवे प्रशासन ने कई नए उपाय किए हैं लेकिन यात्रियों की संख्या में कोई कमी नहीं आ रही है।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। 48 घंटे में 12 ट्रेनों से 60 हजार रेल यात्री विभिन्न गंतव्य स्थलों को भेजे गए। इसके बावजूद कैंट रेलवे स्टेशन मंगलवार को श्रद्धालुओं और यात्रियों से ठसाठस भरा रहा। भीड़ नियंत्रण के अनवरत प्रयास के बाद भी यात्रियों की संख्या में कोई कमी नहीं आने से रेल अधिकारी और कर्मचारी थके नजर आए, लेकिन अधिकांश इस बात को लेकर हौसले में दिखे कि उनके प्रयासों के कारण भी 30 दिनों में करीब 50 लाख लोग गंतव्य को पहुंच चुके हैं।
भीड़ नियंत्रण के लिए अपनाई नई रणनीति
कैंट रेलवे स्टेशन के निदेशक अर्पित गुप्ता ने बताया कि प्लेटफार्म नंबर वन की साइट में हमने बैरीकेडिंग लगा दिया है। भीड़ नियंत्रित करने के लिए उन्हीं यात्रियों काे प्लेटफार्म पर एंट्री दी जा रही, जिनके गंतव्य स्थल जाने के लिए ट्रेनें उपलब्ध रह रहीं हैं। शेष को होल्डिंग एरिया में भेजा जा रहा है। नई रणनीति के कारण प्लेटफार्मों पर भीड़ नियंत्रित हो पाई है।
स्पेशल ट्रेनों की रवानगी से पूर्व जगाकर भेजे जा रहे श्रद्धालु
कैंट रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर नौ और एक की साइट में बनी होल्डिंग एरिया पैर रखने की जगह नहीं बची। ऐसे में महाकुंभ स्पेशल ट्रेनों की रवानगी से पूर्व होल्डिंग एरिया में सो रहे यात्रियों को जगा-जगाकर भेजा गया।
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कैंट स्टेशन में जो ट्रेन पहुंचती उसी में चढ़ने लगते श्रद्धालु। जागरण
अनरिजर्व टिकट से किया जा रहा भीड़ का आंकलन
अनरिजर्व टिकटों की स्थिति पर नजर रखी जा रही है। बनारस से अयोध्या के जितने टिकट बिक रहे, उससे अफसर कयास लगा रहे कि यह भीड़ कैंट रेलवे स्टेशन पर लौटेगी भी। स्टेशन निदेशक ने बताया कि प्रत्येक दो घंटे पर हम सिस्टम के जरिए यह देखने की कोशिश कर रहे कि अपने यहां से कितने अनरिजर्व टिकट बने हैं।
कहां भेजी गईं कितनी ट्रेनें
- 06 ट्रेनें प्रयागराज।
- 04 ट्रेनें अयोध्या भेजी गईं।
- 01 ट्रेन औड़हार।
- 01 ट्रेन औड़िहार।
कैंट रेलवे स्टेशन पर बने होल्डिंग एरिया में भारी भीड़ के कारण श्रद्धालुओं के लिए जगह नहीं बची। जागरण
15 फरवरी तक शाम छह बजे के बाद नहीं चलेंगी नावें
जनज्वार को देखते हुए जल पुलिस ने गंगा में नावों का संचालन मंगलवार शाम छह बजे बंद करा दिया। यह आदेश 15 फरवरी तक लागू रहेगा। इससे नाविकों में रोष रहा। मां गंगा निषाद सेवा न्यास के अध्यक्ष प्रमोद माझी ने कहा कि घाट पर आने वाले श्रद्धालुओं के नावों में बैठने से भीड़ नियंत्रित होती है।
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नाव न चलने से भीड़ घाटों पर ही रहेगी जिससे व्यवस्था बिगड़ेगी। कुछ दिन पूर्व पुलिस ने नाविकों पर क्षमता से अधिक सवारी बैठाने का खतरनाक तरीके से नौका संचालन करने के आरोप लगाते हुए 14 नाविकों को गिरफ्तार कर लिया था। इसे लेकर नाविकों ने हड़ताल किया था जिस पर पुलिस अफसरों ने उत्पीड़न न करने रात आठ बजे तक गंगा में नौका संचालन करने का आश्वासन दिया था।
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