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    फर्जी 'आधार कार्ड' पर ठिकाना नहीं बना सकेंगे 'रोहिंग्या-बांग्लादेशी', UP पुलिस घर-घर जाकर कर रही सत्यापन

    वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट फर्जी आधार कार्ड के सहारे रह रहे रोहिंग्या और बांग्लादेशियों के खिलाफ सख्त कदम उठा रही है। चंदौली गाजीपुर जौनपुर समेत वाराणसी परिक्षेत्र में पुलिस घर-घर जाकर लोगों के आधार कार्ड और पते का सत्यापन कर रही है। साढ़े 11 लाख मकानों में रहने वालों की जांच की जा रही है ताकि अवैध रूप से रहने वालों पर शिकंजा कसा जा सके।

    By Rakesh Srivastava Edited By: Vivek Shukla Updated: Wed, 14 May 2025 09:20 AM (IST)
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    जौनपुर जिले में डोर-टू-डोर दस्तक दे रही पुलिस। जागरण (सांकेतिक तस्वीर)

    राकेश श्रीवास्तव, वाराणसी। फर्जी ‘आधार कार्ड’ पर ठिकाना नहीं बना सकेंगे रोहिंग्या व बांग्लादेशी। संदिग्धों की पहचान के लिए पुलिस कमिश्नरेट वाराणसी व वाराणसी परिक्षेत्र के चंदौली, गाजीपुर, जौनपुर जिले में डोर-टू-डोर दस्तक दे रही पुलिस।

    सभी तरह के मकान, आवास, झोपड़ियों में रहे लोगों के आधार कार्ड पर अंकित पता व उनके मूल पता का सत्यापन किया जा रहा है। वाराणसी परिक्षेत्र की पुलिस साढ़े 11 लाख मकानों तक पहुंच बनाने का लक्ष्य लेकर काम शुरू की है। सत्यापन में सच्चाई से इतर रिपोर्ट मिलने पर संबंधी के खिलाफ कानून का शिकंजा कसेगा।

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    क्यों पड़ी नए सिरे से जांच की जरूरत:

    वाराणसी और आस-पास के जिलों में बहुतेरे ऐसे लोग रहते हैं, जिनके रहन-सहन, भाषा स्थानीय प्रतीत नहीं होती। फिर भी वे आधार कार्ड, राशनकार्ड के जरिए रह रहे हैं। पुलिस ऐसे लोगों के मूल पते के बारे में सरकारी मशीनरी से जांच करा रही है।

    पुलिस मामले की जांच कर रही है। जागरण


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    संबंधी प्रांतों में रहने का पुख्ता प्रमाण नहीं मिला तो ऐसे लोग कानून के रडार पर होंगे। खुफिया और सुरक्षा एजेंसियां हाल के दिनों में देश में अलग-अलग स्थानों से बड़ी संख्या में लोगों को पकड़ा था, जो घुसपैठिया होने के बावजूद जरूरी दस्तावेज बनाकर रह रहे थे।

    सरकार के निर्देश पर सभी तरह के मकानों में रह रहे लोगों का सत्यापन किया जा रहा है। इसमें किराएदार, संदिग्ध सभी आएंगे। नियमित के सर्वे रिपोर्ट का संयोजन हो रहा है। अभी पुलिस मकानों की संख्या का लगभग में लक्ष्य निर्धारित करके आगे बढ़ रहे हैंं, जबकि अभियान समाप्त होने पर हमारे पास कई तरह के अधिकृत आंकड़े उपलब्ध होंगे। - वैभव कृष्ण, डीआइजी।

    थाना स्तर पर मेल से किया जा रहा सत्यापन:

    थानेदार अपने-अपने क्षेत्र में रोजाना सर्वे कराने के बाद संबंधी जिलों को वेरीफिकेशन के लिए रिपोर्ट मेल कर रहे हैं। सर्वे का बकायदा ब्योरा तैयार किया जा रहा है, जिसका जनपद में पुलिस कप्तान और रेंज में डीआइजी आंकड़ों का संयोजन करा रहे हैं।

    नंबर गेम

    • 2,31,109 कुल आवासों के सत्यापन का चंदौली पुलिस का लक्ष्य।
    • 3,88,040 कुल आवासों के सत्यापन का गाजीपुर पुलिस का लक्ष्य।
    • 5,26,368 कुल आवासों के सत्यापन का गाजीुपर पुलिस का लक्ष्य।
    • 58,308 कुल आवासों का सत्यापन कर चुकी वाराणसी परिक्षेत्र पुलिस।

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    पक्का मकान से झोपड़ी तक में रह रहे लोगाें का सत्यापन हो रहा है। बीट के सिपाही एक फार्मेट पर डेटा इकट्ठा कर रहे। डेटा का संबंधी जनपद व प्रांतों में सत्यापन को भेजा जा रहा। इस कार्यवाही की मानीटरिंग हो रही, जल्द ही पुलिस के पास एक-एक मकान में रह रहे लोगों के बारे में पुख्ता जानकारी होगी। -मोहित अग्रवाल, पुलिस कमिश्नर वाराणसी।