Digital Arrest: रिटायर्ड असिस्टेंट रजिस्ट्रार से 49 लाख की ठगी, नरेश गोयल मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार करने का दिखाया डर
डिजिटल अरेस्ट के मामले कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। ताजा मामला वाराणसी से सामने आया है। पटना हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त असिस्टेंट रजिस्ट्रार सुभाष चंद्र को डिजिटल अरेस्ट करके साइबर ठगों ने 49.4 लाख रुपये ठग लिए। रविवार तक रुपये वापस नहीं आने पर उन्हें ठगी का एहसास हुआ। इस मामले में साइबर क्राइम थाना में मुकदमा दर्ज कराया गया है।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। पटना हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त असिस्टेंट रजिस्ट्रार सुभाष चंद्र को डिजिटल अरेस्ट करके साइबर ठगों ने 49.4 लाख रुपये ठग लिए। इस मामले में साइबर क्राइम थाना में मुकदमा दर्ज कराया गया है।
पुलिस को दी गई तहरीर में सुभाष चंद्र ने बताया कि महमूरगंज के कृष्णा अपार्टमेंट में रहते हैं। छह मई को उनके मोबाइल पर काल आई। कॉल करने वाले ने खुद को ट्राई का कर्मचारी बताते हुए मोबाइल सिम डिएक्टिव होने की जानकारी दी। उसने खुद को साइबर क्राइम अधिकारी राकेश कुमार बताया।
इसी दौरान सीबीआई ऑफिसर राजीव रंजन कुमार बनकर एक व्यक्ति ने बात की। सुबह सवा नौ बजे से दोपहर दो बजे तक बात करता रहा। सुभाष को बताया कि नरेश गोयल मनी लांड्रिंग केस में उसका नाम आ रहा है। उनके नाम से एक सिम मुंबई से खरीदा गया है जिसका दुरुपयोग मनी लांड्रिंग के लिए किया जा रहा है। नरेश गोयल ने उसे कमीशन दिया है।
इस दौरान साइबर ठग सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायाधीश बीआर गवई बनकर गिरफ्तार करने का डर दिखाया। पटना के बैंक खाते में रखे रुपयों को वाराणसी के बैंक खाते में ट्रांसफर करने के लिए कहा। रुपयों की जांच के नाम पर ठगों ने अपने बताए गए बैंक खातों में ट्रांसफर करने के लिए कहा। इस दौरान 24 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट किए रहे। साइबर ठगों ने बताया था कि जांच के बाद रुपये वापस मिल जाएंगे। डर की वजह से सुभाष चंद्र ने साइबर ठगों के बताए बैंक खातों में रुपये ट्रांसफर कर दिए। रविवार तक रुपये वापस नहीं आने पर उन्हें ठगी का एहसास हुआ।
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