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    प्रदेश में पहली बार प्रशिक्षुओं व शिक्षकों के लिए तैयार हो रही पाठ्य सामग्री, कालेज आफ टीचर एजुकेशन को म‍िला जिम्मा

    वाराणसी के कालेज आफ टीचर एजुकेशन को प्रदेश में पहली बार प्रशिक्षुओं और शिक्षकों के लिए शिक्षा शास्त्र में पाठ्य सामग्री तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है। बाल विकास एवं शिक्षण अधिगम के सिद्धांत जैसे विषयों पर पाठ्य सामग्री विकसित की जा रही है जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप होगी।

    By Mukesh Chandra Srivastava Edited By: Abhishek sharma Updated: Fri, 22 Aug 2025 12:24 PM (IST)
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    यह सामग्री प्रदेश के सभी डायट और निजी संस्थानों के लिए उपलब्ध होगी।

    मुकेश चंद्र श्रीवास्तव, वाराणसी। प्रदेश में पहली बार प्रशिक्षुओं व शिक्षकों के लिए शिक्षा शास्त्र में पाठ्य सामग्री तैयार की जा रही है। इस कार्य का जिम्मा वाराणसी के कालेज आफ टीचर एजुकेशन (सीटीई) को दी गई है। इसमें दो अनिवार्य विषय ‘बाल विकास’ एवं ‘शिक्षण अधिगम के सिद्धांत’ रखे गए हैं। इसपर आधारित पृथक-पृथक दो पाठ्य सामग्री/पुस्तक का विकास होना है।

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    इसके लिए शिक्षाशास्त्र विषय के प्रवक्ताओं का एक समूह गठित किया गया है। अभी तक डायट तथा निजी संस्थानों के प्रशिक्षुओं के लिए वर्तमान शिक्षा नीति एवं एनसीएफ 2023 के आलोक में विभाग द्वारा निर्धारित सामग्री उपलब्ध नहीं हैं। अब राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 (एनईपी) व राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा-2023 (एनसीएफ नेशनल करिकुलम प्रेमवर्क) की गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए पाठ्य सामग्री का विकास किया जा रहा है। यह पाठ्य सामग्री सीटीई वाराणसी के साथ ही प्रदेश के सभी 75 डायट व सहायता प्राप्त निजी संस्थानों के लिए होगी।

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    वर्तमान में प्रशिक्षुओं को कार्यशाला के माध्यम से शैक्षणिक जानकारी दी जाती है। या फिर प्राइवेट पब्लिकेशन से पढ़ाते हैं। सरकार की ओर से पहली बार पाठ्य सामग्री/पुस्तक विकसित की जा रही है। इसके लिए सीटीई में कार्यशाला भी आयोजित की जा रही है। कार्यशाला समन्वयक व कालेज की रीडर डा. ऋचा जोशी बताती हैं कि जो पाठ्य सामग्री तैयार की जा रही है वह बहुत ही सहज व सरल भाषा में होगी। पाठ्य सामग्री के अंतर्गत विभिन्न गतिविधियों एवं अवधारणा चित्रों को सम्मिलित किया जा रहा है। साथ ही तकनीक का भी समावेश किया जा रहा है। ताकि प्रशिक्षु पाठ्य वस्तु /सामग्री को सहजता से आत्मसात कर सके। बताया कि यह कार्य दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा।

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    इसके बाद प्री ट्रायल किया जाएगा। सारी प्रक्रिया पूरी करने के बाद इसे विभाग को सौंपा जाएगा। इस कार्य में वाराणसी, मऊ, देवरिया, अमरोहा गोरखपुर, बाराबंकी सहित विभिन्न जनपदों की जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) के प्रवक्ता जुटे हैं, जिसका निर्देशन सीटीई के प्राचार्य अखिलेश पांडेय कर रहे हैं। पाठ्य सामग्री तैयार करने में कालेज के शिक्षक अरुण श्रीवास्तव की अहम भूमिका है। कालेज के डा. मनीष कुमार यादव व प्रवक्ता निधि बताती हैं कि विकसित पाठ्यसामग्री का फील्ड ट्रायल करके अंतिम स्वरूप दिया जाएगा।

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