Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अरे बाप रे! जल्‍दी से आइए, बचाइए हमको, बनारस बार में एफआइआर कर रहे हैं, देखें वीड‍ियो...

    Updated: Fri, 22 Aug 2025 12:04 PM (IST)

    वाराणसी ज‍िले के बनारस बार में फर्जी वकीलों को पकड़ने का अभ‍ियान जारी है। इसी क्रम में गुरुवार को दो फर्जी वकील पकड़े गए। इसमें एक फर्जी वकील पर जब मुकदमा ल‍िखा जा रहा था तो उसने कि‍सी को फोन करके बुलाया और इस दौरान की बातचीत वायरल हो गई।

    Hero Image
    बनारस बार की कार्रवाई में पकडे गए फर्जी वकील।

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। अधिवक्ता जांच समिति ने गुरुवार को वाराणसी की कचहरी में फर्जी अधिवक्ताओं के रजिस्ट्रेशन और सीओपी की जांच की तो इस दौरान कुछ संदिग्ध व्यक्तियों को वकीलों के वेष में पकड़ा गया। इस दौरान जांच में दो व्यक्ति काला कोर्ट, सफेद शर्ट और काला पैंट पहने हुए पाए गए।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    देखें प्रसार‍ित वीड‍ियो :

    इन दोनों को पकड़कर उड़ाका दल द्वारा बनारस बार के अध्यक्षीय कक्ष में लाया गया। जब जांच समिति ने कड़ाई से पूछताछ की तो पता चला कि वे दोनों फर्जी अधिवक्ता थे। उनके पास न तो बार कौंसिल का पंजीकरण सर्टिफिकेट था और न ही सीओपी।

    बनारस बार के महामंत्री शशांक श्रीवास्तव ने कचहरी चौकी प्रभारी को बुलाकर दोनों संदिग्धों को पुलिस के हवाले कर दिया। देर शाम, शशांक श्रीवास्तव ने विवेक कुमार गुप्ता और एस पटेल के खिलाफ कचहरी चौकी प्रभारी को तहरीर दी। पुलिस द्वारा विधिक कार्रवाई हालांक‍ि लगातार इस मामले में जारी है।

    जांच दल का नेतृत्व शशांक श्रीवास्तव कर रहे थे, जिनके साथ ओम शंकर श्रीवास्तव, दीवाकर दूबे, अमित उपाध्याय, यामिनी शर्मा, रंजीत मिश्रा, कमलेश यादव, विशाल मौर्या, गौतम कुमार झा जैसे अधिवक्ता शामिल थे। यह कार्रवाई बनारस बार के प्रयासों का हिस्सा है, जो न्यायालय में फर्जी अधिवक्ताओं की पहचान और उन्हें रोकने के लिए निरंतर प्रयासरत है।

    यह भी पढ़ें वाराणसी में पार्किंग विवाद में शिक्षक को ईंट और लोहे के राड से हमलाकर मार डाला

    फर्जी अधिवक्ताओं की पहचान करना और उन्हें न्यायालय से बाहर रखना अत्यंत आवश्यक है, ताकि न्यायालय की गरिमा और वकीलों की पेशेवर छवि को बनाए रखा जा सके। इस प्रकार की जांच से यह सुनिश्चित होता है कि केवल योग्य और पंजीकृत अधिवक्ता ही न्यायालय में प्रकट हों।

    बनारस बार के महामंत्री ने कहा कि इस तरह की कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी। उन्होंने सभी अधिवक्ताओं से अपील की कि वे इस मामले में सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत दें। यह कदम न केवल न्यायालय की सुरक्षा के लिए आवश्यक है, बल्कि यह समाज में कानून के प्रति विश्वास को भी बढ़ाता है।

    इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि बनारस बार फर्जी अधिवक्ताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस प्रकार की जांच से यह भी संदेश जाता है कि न्यायालय में किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

    इस कार्रवाई के बाद, बनारस बार ने सभी अधिवक्ताओं को सतर्क रहने और अपने पेशेवर दायित्वों का पालन करने की सलाह दी है। यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि न्यायालय में केवल वे ही अधिवक्ता उपस्थित हों, जो कानून के प्रति समर्पित और योग्य हैं। इस प्रकार, वाराणसी में फर्जी अधिवक्ताओं के खिलाफ की गई यह कार्रवाई एक महत्वपूर्ण कदम है, जो न्यायालय की गरिमा को बनाए रखने में सहायक सिद्ध होगी।

    यह भी पढ़ेंवाराणसी के दुर्गाकुंड इमामबाड़ा मामले में मुस्लिम पक्ष संग प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक, न‍िकला यह हल