वाराणसी के दुर्गाकुंड इमामबाड़ा मामले में मुस्लिम पक्ष संग प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक, निकला यह हल
वाराणसी के दुर्गाकुंड स्थित बाराती बेगम जनाना और मरदाना इमामबाड़ा के भूमि विवाद को लेकर भेलूपुर एसीपी कार्यालय में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। मुस्लिम समुदाय के प्रतिनिधियों ने अपना पक्ष रखा जिसे अधिकारियों ने सुना। मुतवल्ली नवाब प्यारे हुसैन ने बताया कि दोनों इमामबाड़ों के बीच की जमीन पर अतिक्रमण की अफवाह है।

जागरण संवाददाता, वाराणासी। दुर्गाकुंड स्थित बाराती बेगम जनाना और मरदाना इमामबाड़ा के भूमि विवाद के मामले में गुरुवार को भेलूपुर एसीपी कार्यालय में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में मुस्लिम समुदाय के प्रतिनिधियों ने अपने पक्ष को प्रस्तुत किया, जिसे जिला, नगर निगम और पुलिस कमिश्नरेट के अधिकारियों ने ध्यानपूर्वक सुना और कागजी जांच की प्रक्रिया की बात कही।
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बैठक अपराह्न चार बजे के बाद शुरू हुई, जिसमें इमामबाड़ा के मुतबल्ली नवाब प्यारे हुसैन और उनके पुत्र नवाब साजिद हुसैन ने अपने दस्तावेज प्रस्तुत किए। उन्होंने बताया कि परिसर में पूरब दिशा में मर्दाना और पश्चिम दिशा में जनाना इमामबाड़ा का अस्तित्व है। पश्चिम दिशा के इमामबाड़े पर गुम्बद है, जबकि पूर्वी दिशा के मर्दाना इमामबाड़े के ऊपरी भाग को विकास प्राधिकरण ने तोड़ दिया था। इसके बाद मुतबल्ली प्यारे हुसैन और अन्य ने इसे पुनः बनवाया, जिसके लिए विकास प्राधिकरण ने मुआवजा भी दिया था।
मुस्लिम पक्ष का कहना है कि कुछ लोगों ने इन दोनों इमामबाड़ों के बीच की खाली जमीन पर अतिक्रमण की गलत अफवाह फैला दी है। यह 2458 वर्ग फुट की जमीन शिया सेंट्रल वफ्फ कमेटी उत्तर प्रदेश की है। इस जमीन पर 2015 से नवाब अच्छे मिर्जा और नगर निगम के बीच मुकदमा चल रहा है, जिसमें नगर निगम के लेखपाल नियमित रूप से तारीखों पर उपस्थित होते हैं।
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सूत्रों के अनुसार, अधिकारियों ने मुस्लिम पक्ष को स्पष्ट किया कि नगर निगम ने दोनों इमामबाड़ों को तोड़ने का कोई इरादा नहीं रखा है और न ही इसे तोड़ा जाएगा। बैठक में कागजातों की जांच के बाद उचित कार्रवाई की बात भी सामने आई।
इस बैठक ने भूमि विवाद के समाधान की दिशा में एक सकारात्मक कदम उठाया है, जिससे स्थानीय समुदाय में शांति और सद्भावना को बढ़ावा मिलेगा। अधिकारियों ने सभी पक्षों को आश्वस्त किया कि उनकी चिंताओं को गंभीरता से लिया जाएगा और उचित कदम उठाए जाएंगे।
जिला प्रशासन के एडीएम सिटी व नगर निगम ने यह स्पष्ट किया कि वे इमामबाड़ों को तोड़ने नहीं गए थे, बल्कि अपनी 24 58 वर्ग फीट की जमीन पर कब्जा करने गए थे। मुस्लिम पक्ष ने कहा कि इसपर तो 2015 से नवाब अच्छे मिर्जा व नगर निगम के बीच मुकदमा चल रहा। नगर निगम के लेखपाल तारीख पर जाते भी हैं। अभी जांच के बाद कार्रवाई होगी।
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