सूर्य कुमार यादव बने सियासत के केंद्र बिंंदु, अब सपा सांसद ने बता दिया ‘पीडीए का साथी’
एशिया कप में पाकिस्तान पर भारत की जीत के बाद सपा सांसद वीरेंद्र सिंह ने कप्तान सूर्य कुमार यादव को पीडीए का साथी बताकर विवाद खड़ा कर दिया। उनके इस बयान पर भाजपा नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है इसे राजनीति से प्रेरित और समाज को बांटने वाला बताया।

जागरण संवाददाता, चंदौली। एशिया कम में भारत पाक मैच के साथ ही देश में सियासी बोलों को लेकर भी खूब चर्चा हो रही है। इसके केंद्र में अचानक से पूर्वांचल में गाजीपुर के हथौड़ा गांव के भारतीय क्रिकेट टीम के टी 20 के कप्तान सूर्य कुमार आ गए हैं। कप्तानी पारी खेलकर टीम को जिताने के बाद से ही वह सियासी बोलों के शिकार हो गए हैं। सत्ता और विपक्ष के बीच वह इन दिनों टिप्पणियों का बाउंसर भी झेल रहे हैं।
एक दिन पूर्व आम आदमी पार्टी नेता व नई दिल्ली के पूर्व मंत्री सौरभ भारद्वाज ने भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान सूर्यकुमार यादव को चैंलेज देकर सियासी हलचल मचा दी है। उन्होंने कहा है कि 'सूर्यकुमार यादव अगर तुम्हारी औकात है और अगर तुम्हारी बीसीसीआई और तुम्हारी आईसीसी की औकात है तो जितना पैसा तुमने इसकी ब्रॉडकास्टिंग लाइन से कमाया है और इस धंधे से कमाया है वो शहीदों की विधवाओं को दे दो। हम भी मान जाएंगे कि तुमने डेडिकेट किया है। औकात नहीं है इनकी।'
यह भी पढ़ें : GST में छूट से घोड़ी चढ़ना भी हुआ सस्ता, घराती-बराती तक लाखों की होगी बचत, जानें शादी का बदला हुआ गणित
अभी सौरभ भारद्वाज के बयान का विवाद थमा भी नहीं था कि एशिया कप में पाकिस्तान को हराने वाली भारतीय टी20 टीम के कप्तान सूर्य कुमार यादव पर चंदौली से सपा सांसद वीरेंद्र सिंह की विवादास्पद टिप्पणी सामने आ गई। सांसद ने सूर्य को “पीडीए का साथी” करार दिया है, जिस पर भाजपा नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। रविवार को दुबई में हुए एशिया कप के मुकाबले में भारत ने पाकिस्तान को सात विकेट से हराया। इस मैच के बाद भारतीय खिलाड़ियों ने पाकिस्तानी टीम के खिलाड़ियों से हाथ नहीं मिलाया। यहां तक कि टॉस के दौरान भी कप्तान सूर्य कुमार यादव ने पाकिस्तानी कप्तान सलमान अली आगा से हाथ नहीं मिलाया।
वीरेंद्र सिंह ने इस संदर्भ में कहा कि यह सूर्य कुमार यादव का व्यक्तिगत निर्णय था। उन्होंने यह कदम भारत के स्वाभिमान और सेना के सम्मान के लिए उठाया। सांसद ने यह भी कहा कि भारतीय कप्तान पीडीए के साथी हैं, जो कि एक विवादास्पद बयान है। भाजपा नेताओं ने इस बयान को राजनीति से प्रेरित और समाज को बांटने वाला बताया है। भाजपा जिला अध्यक्ष काशीनाथ सिंह ने इसे छोटी सोच का परिणाम बताया, जबकि भाजपा की राज्यसभा सांसद साधना सिंह ने इसे “नासमझी और बेमानी” करार दिया।
इस विवाद ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। भाजपा नेताओं का कहना है कि इस तरह की टिप्पणियां समाज में विभाजन पैदा करती हैं और यह उचित नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि खेल को राजनीति से अलग रखना चाहिए और खिलाड़ियों को उनके प्रदर्शन के आधार पर ही आंकना चाहिए।
यह भी पढ़ें : TET की अनिवार्यता के खिलाफ काशी से उठा आक्रोश, बोले शिक्षक - "खेल के बीच में खेल के नियम नहीं बदले जाते"
वहीं सूर्य कुमार यादव की कप्तानी में भारतीय टीम ने एक बार फिर से अपनी ताकत साबित की है। एशिया कप में पाकिस्तान के खिलाफ जीत ने भारतीय क्रिकेट प्रेमियों में उत्साह भर दिया है। इस जीत के बाद, खिलाड़ियों के बीच हाथ मिलाने की परंपरा को न निभाना एक नया विवाद खड़ा कर सकता है।
इस मामले में सपा सांसद वीरेंद्र सिंह की टिप्पणी ने एक नई बहस को जन्म दिया है। क्या खिलाड़ियों को अपने व्यक्तिगत विचारों को खेल के मैदान पर लाना चाहिए? या फिर उन्हें खेल को राजनीति से अलग रखना चाहिए? यह सवाल अब चर्चा का विषय बन गया है।
भारतीय क्रिकेट में यह घटना न केवल खेल के लिए, बल्कि राजनीति के लिए भी महत्वपूर्ण बन गई है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस विवाद का आगे क्या परिणाम निकलता है और क्या इससे भारतीय क्रिकेट पर कोई प्रभाव पड़ेगा। इस प्रकार, सूर्य कुमार यादव की कप्तानी में भारत की जीत और उसके बाद की घटनाएं भारतीय क्रिकेट के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकती हैं।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।