वैष्णव और स्मार्तजन रोहिणी नक्षत्र में एक साथ श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाएंगे, जानें शुभ मुहूर्त
वाराणसी में इस बार जन्माष्टमी 16 अगस्त को मनाई जाएगी जब वैष्णव और स्मार्तजन रोहिणी नक्षत्र में एक साथ कृष्ण जन्मोत्सव मनाएंगे। मंदिरों और घरों में विशेष आयोजन होंगे। बीएचयू के प्रो. विनय कुमार पांडेय के अनुसार भगवान कृष्ण का जन्म भाद्रपद कृष्ण अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था इसलिए यह पर्व महत्वपूर्ण है।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव जन्माष्टमी पर्व इस बार शनिवार 16 अगस्त को मनाया जाएगा। खास यह कि इस बार वैष्णव व स्मार्तजन रोहिणी नक्षत्र में एक साथ प्रभु का जन्मोत्सव मनाएंगे।
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केवल औदायिक रोहिणी नक्षत्र मतावलंबी अगले दिन 17 अगस्त को जन्माष्टमी का पर्व मनाएंगे। इस अवसर पर सभी मंदिरों, मठों, आश्रमों व घरों में उत्सवी आयोजन होंगे। अर्धरात्रि को 12 बजे प्रभु का जन्म होते ही चहुंओर उल्लास छा जाएगा और छह दिवसीय जन्मोत्सव कार्यक्रम आरंभ हो जाएंगे।
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बीएचयू ज्योतिष विभाग के पूर्व अध्यक्ष, श्रीकाशी विद्वत परिषद के संगठन मंत्री प्रो. विनय कुमार पांडेय ने बताया कि ने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण ने आज के पांच हजार वर्ष पूर्व मथुरा में भाद्रपद कृष्ण पक्ष अष्टमी, बुधवार को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था।
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तभी से भाद्रपद कृष्ण पक्ष अष्टमी को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है। इस बार भाद्रपद कृष्ण अष्टमी 16 अगस्त रविवार को है। राेहिणी नक्षत्र भी उस दिन प्रात:काल 8:08 बजे लग जाएगा जो अगले दिन 17 अगस्त को सुबह 6:29 बजे तक रहेगा। इसलिए सभी वैष्णव व स्मार्त 16 अगस्त को अर्धरात्रि को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाएंगे। प्रो. पांडेय ने बताया कि सनातन धर्म में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी तीन मतों के लोग तीन योगों में मनाते हैं।
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स्मार्त लोग रात्रिव्यापिनी अष्टमी में तो वैष्णवजन निशीथकालीन रोहिणी में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाते हैं तो वहीं औदायिक रोहिणी मतावलंबी उदयाव्यािपनी राेहिणी नक्षत्र में प्रभु का जन्मोत्सव आयोजित करते हैं।
इस बार रात्रिव्यापिनी अष्टमी व निशीथकालीन रोहिणी नक्षत्र 16 अगस्त की अर्धरात्रि में ही मिल रहा है, इसलिए स्मार्त एवं अधिकांश वैष्णवजन 16 अगस्त को ही श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाएंगे। जबकि औदायिक रोहिणी नक्षत्र में जन्मोत्सव मनाने वाले वैष्णवजन 17 अगस्त को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाएंगे क्योंकि उदयातिथि में रोहिणी 17 अगस्त को ही सुबह 6:29 बजे तक मिलेगी।
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