गंगा के घाटों पर बाढ़ के बाद जमी गंदगी को हटाने के लिए बढ़े हाथ, स्वच्छता के लिए कसी कमर
वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर बाढ़ के बाद सफाई अभियान चलाया गया। नमामि गंगे के स्वयंसेवकों और नगर निगम कर्मचारियों ने मिलकर घाट से पूजा सामग्री और बाढ़ के कचरे को हटाया। इस दौरान एक टन से अधिक कचरा गंगा से निकाला गया। नमामि गंगे के राजेश शुक्ला ने गंगा सफाई के महत्व पर जागरूकता बढ़ाई।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। गंगा की धारा भले ही बाढ़ के बाद लौटकर पेटा में समाने को आतुर हो और तटवर्ती इलाकों को राहत मिले। मगर, दूसरी ओर गंगा की लहरों ने तट पर गाद और गंदगी का जो सैलाब छोड़ा है उसे संभालने के लिए काफी मशक्कत करने की जरूरत है।
घाटों पर पर्यटकों के आने पर गंदगी न दिखे और घाट पूर्व की तरह ही साफ और स्वच्छ नजर आए उसके लिए व्यापक अभियान गंगा घाटों पर छेड़ा गया है। संस्था और निगम के साथ ही घाटों पर समितियों की ओर से भी पहल कर घाटों की रौनक को लौटाने का प्रयास हो रहा है। इसी कड़ी में सोमवार को टीम ने घाटों के किनारे जमी गंदगी और गाद को साफ करने का यत्न शुरू किया है।अभियान का यही क्रम जारी रहा तो उम्मीद जताई जा रही है कि आगामी त्योहारों के पूर्व ही घाटों की रौनक वापस लौट आएगी।
यह भी पढ़ें : गाजीपुर के सनबीम स्कूल में छात्र की हत्या की पटकथा तो 15 अगस्त को ही लिखी जा चुकी थी
दशाश्वमेध घाट पर बाढ़ के बाद की स्थिति को सुधारने के लिए सोमवार को एक स्वच्छता अभियान का आयोजन किया गया। इस अभियान में नमामि गंगे के स्वयंसेवकों और नगर निगम के कर्मचारियों ने मिलकर घाट की सफाई की। इस दौरान गंगा नदी में बहकर आए पूजा सामग्री और बाढ़ के अवशिष्ट को बाहर निकाला गया। स्वच्छता अभियान के तहत एक टन से अधिक कचरा गंगा से निकाला गया।
यह भी पढ़ें : गाजीपुर के सनबीम स्कूल में छात्र की चाकू मारकर हत्या, तीन अन्य छात्र गंभीर रूप से घायल
.jpg)
नमामि गंगे और नगर निगम के आवाहन करने पर घाट पर उपस्थित नगरवासियों ने भी स्वच्छता में सहयोग किया। स्वयंसेवकों ने गंगा सफाई के महत्व के बारे में लोगों को जागरूक किया। नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक और नगर निगम के स्वच्छता ब्रांड एंबेसडर राजेश शुक्ला ने बताया कि बाढ़ के बाद गंगा की तलहटी और सतही जल में कई प्रकार की वस्तुएं आ जाती हैं, जिससे गंगाजल प्रदूषित होता है। उन्होंने कहा कि गंगा घाटों पर फैली सिल्ट और अन्य अपशिष्टों की सफाई आवश्यक है, ताकि घाट स्वच्छ रहें और पर्यटकों को किसी प्रकार की परेशानी न हो।
यह भी पढ़ें : गाजीपुर के सनबीम स्कूल में छात्र को चाकुओं से गोद डाला, अब सामने आ रहा है इस गिरोह का कनेक्शन
.jpg)
इस श्रमदान में प्रमुख रूप से राजेश शुक्ला, नगर निगम के सुपरवाइजर कामेश्वर सेठ, स्वच्छता कर्मचारी दिनेश चौधरी, गोपाल साहनी, सेवी भारती, रेखा और मोहन शामिल रहे। इस अभियान ने न केवल घाट की स्थिति को सुधारने में मदद की, बल्कि स्थानीय समुदाय में स्वच्छता के प्रति जागरूकता भी बढ़ाई। इस दौरान कचरे के ढेर का निस्तारण भी किया गया।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।