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    यूपीसीडा सीईओ के वाराणसी दौर में आइआइटी-बीएचयू के साथ ऐतिहासिक एमओयू

    Updated: Fri, 05 Sep 2025 04:58 PM (IST)

    यूपीसीडा के सीईओ मयूर माहेश्वरी ने वाराणसी के करखियांव औद्योगिक क्षेत्र का दौरा किया और विकास कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने श्रमिक सेवा केंद्र और बुनियादी ढांचे को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए। आईआईटी-बीएचयू और यूपीसीडा के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए जिसका उद्देश्य तकनीकी हस्तांतरण को बढ़ावा देना और स्टार्टअप्स को समर्थन देना है।

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    साझेदारी राज्य में इनोवेशन-आधारित विकास को गति देगी और रोजगार के अवसर उत्पन्न करेगी।

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) प्रदेश के औद्योगिक ढांचे को मजबूत और आधुनिक बनाने की दिशा में लगातार कार्य कर रहा है, जिससे राज्य को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य की ओर तेजी से अग्रसर किया जा सके।

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    सीएम के इसी विज़न के तहत उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPSIDA) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) मयूर माहेश्वरी ने वाराणसी के कारखियांंव औद्योगिक क्षेत्र का दौरा किया साथ ही औद्योगिक विकास एवं अधोसंरचना उन्नयन कार्यों की विस्तृत समीक्षा की।

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    श्रमिक सेवा केंद्र व ट्रकर्स ले-बाय पर जोर

    निरीक्षण के दौरान उन्होंने विशेष रूप से श्रमिक सेवा केंद्र (Shramik Seva Kendra) की स्थापना, ट्रकर्स ले-बाय के निर्माण तथा सड़क, जल, विद्युत एवं अन्य बुनियादी ढाँचे के उन्नयन को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि विकास कार्यों की गति को और तेज किया जाए, ताकि प्रदेश में निवेशकों को विश्वस्तरीय सुविधाएँ उपलब्ध कराई जा सकें और औद्योगिक इकाइयों का संचालन और भी सुगम हो सके।

    निरीक्षण के उपरांत मुख्य कार्यपालक अधिकारी मयूर माहेश्वरी ने बनास डेयरी परिसर में औद्योगिक संगठन के प्रतिनिधियों एवं उद्यमियों के साथ संवाद भी किया। इस बैठक में औद्योगिक क्षेत्र की चुनौतियों, निवेश की संभावनाओं एवं उद्योगों को बेहतर सहयोग उपलब्ध कराने जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई। उन्होंने उद्योगपतियों को आश्वस्त किया कि UPSIDA उद्योगों की हर आवश्यकता को प्राथमिकता से पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है।

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    भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी), बीएचयू वाराणसी में शिक्षक दिवस और रिसर्च एवं इनोवेशन डे का भव्य आयोजन किया गया। इस अवसर पर प्रख्यात शिक्षाविदों, वैज्ञानिकों और नीति-निर्माताओं ने शिरकत की। कार्यक्रम में पुरस्कार वितरण, शोध उपलब्धियों का सम्मान और एक ऐतिहासिक सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। इस आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. जी. सतीश रेड्डी उपस्थित रहे। इसके अलावा काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के कुलपति प्रो. अजीत कुमार चतुर्वेदी, आईआईटी (बीएचयू) के निदेशक प्रो. अमित पत्रा, डीन, वरिष्ठ प्रोफेसर एवं छात्र-छात्राएं शामिल हुए।

    उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी, मयूर महेश्वरी (आईएएस) कार्यक्रम में गेस्ट ऑफ ऑनर के रूप में सम्मिलित हुए।

    IIT-BHU के साथ ऐतिहासिक एमओयू

    कार्यक्रम के दौरान आइआइटी (बीएचयू) और यूपीसीडा के बीच एक एमओयू (समझौता ज्ञापन) पर औपचारिक रूप से हस्ताक्षर किए गए। इस समझौते का उद्देश्य अकादमिक संस्थानों और उद्योगों के बीच घनिष्ठ सहयोग स्थापित करना है। इसका मुख्य फोकस तकनीकी हस्तांतरण को बढ़ावा देना, स्टार्टअप्स के इनक्यूबेशन को समर्थन देना तथा शोध को उत्तर प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्रों से जोड़ना है।

    यह साझेदारी राज्य में इनोवेशन-आधारित विकास को गति देगी, बड़े पैमाने पर निवेश आकर्षित करेगी और रोजगार के व्यापक अवसर उत्पन्न करेगी।

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    UPSIDA का विज़न हुआ और मज़बूत

    IIT-BHU परिसर में शि‍क्षक द‍िवस एवं Research & Innovation Day के इस अवसर पर CEO ने शिक्षकों एवं शोधकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा – “शिक्षक हमारे समाज और राष्ट्र की रीढ़ हैं। उनके मार्गदर्शन एवं प्रेरणा से ही छात्र शोध और नवाचार के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करते हैं। UPSIDA और IIT-BHU का यह सहयोग शिक्षा, अनुसंधान एवं उद्योगों के बीच सेतु का कार्य करेगा, जो भविष्य की औद्योगिक प्रगति और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक सशक्त कदम है।”

    UPSIDA का यह संयुक्त प्रयास प्रदेश में नवाचार, अनुसंधान आधारित औद्योगिक विकास और निवेश वृद्धि के लिए नए आयाम स्थापित करेगा। साथ ही औद्योगिक क्षेत्रों में तकनीक के महत्व को बताते हुए उन्होंने कहा कि UPSIDA आधुनिक तकनीक और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के उपयोग से औद्योगिक क्षेत्रों को स्मार्ट, पारदर्शी और निवेशक–हितैषी बना रहा है, जिससे उत्पादन क्षमता में वृद्धि और प्रक्रियाओं में सुगमता सुनिश्चित हो रही है। औद्योगिक क्षेत्रों में अत्याधुनिक तकनीक आधारित स्मार्ट स्ट्रीट लाइटिंग की व्यवस्था से ऊर्जा दक्षता बढ़ने के साथ-साथ महिला सुरक्षा को भी सुदृढ़ की जा रही है।

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