काशी में शीतला घाट पर देश के क्रांतिवीरों की स्मृति में श्रद्धांजलि और तर्पण का आयोजन
प्रणाम वन्देमातरम् समिति ने शीतला घाट पर स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि दी। कार्यक्रम में वीरों के चित्रों पर पुष्पांजलि अर्पित की गई और राजगुरु सुखदेव भगत सिंह जैसे क्रांतिकारियों को तर्पण किया गया। समिति अध्यक्ष अनुप जायसवाल ने कहा कि वीरों का बलिदान हमारी धरोहर है और नई पीढ़ी को उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। वन्देमातरम् समिति द्वारा शुक्रवार की सुबह शीतला घाट पर देश की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले क्रांतिकारी वीरों के प्रति एक श्रद्धांजलि एवं तर्पण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का आरंभ क्रांतिकारी वीरों के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर किया गया। इस अवसर पर उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों ने वीरों के प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। तर्पण के दौरान गंगा जी के तट पर विधिवत तर्पण कर राजगुरु, सुखदेव, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, बिरसा मुंडा, रानी लक्ष्मीबाई, वीर सावरकर, पृथ्वीराज चौहान सहित अनेक स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को नमन किया गया।
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इस अवसर पर उपस्थित लोगों ने वीरों के त्याग और बलिदान को याद किया और उनके प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। समिति के अध्यक्ष अनुप जायसवाल ने कार्यक्रम का नेतृत्व किया। उन्होंने कहा, “देश की आज़ादी के लिए जिन वीरों ने हंसते-हंसते प्राण न्यौछावर किए, उनकी स्मृति ही हमारी सबसे बड़ी धरोहर है। नई पीढ़ी को उनके त्याग और बलिदान से प्रेरणा लेनी चाहिए। हमें उनके आदर्शों पर चलने का प्रयास करना चाहिए और देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझना चाहिए।”
कार्यक्रम के अंत में सभी ने मिलकर ‘वन्देमातरम्’ का सामूहिक उद्घोष किया। इस अवसर पर उपस्थित लोगों ने वीरों के प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की और देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझने का संकल्प लिया।
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कार्यक्रम का संचालन धीरेंद्र शर्मा ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन शंकर जायसवाल ने किया। इस अवसर पर मंगलेश जायसवाल, विकास शुक्ला, सुनील शर्मा, कन्हैयालाल सेठ, विजय गुप्ता, पूर्व पार्षद नवीन कसेरा, अखिल वर्मा, धर्मचंद केसरी, विष्णु यादव, सोमनाथ विश्वकर्मा, ओम प्रकाश यादव बाबू, सिद्धनाथ गौड़ अलगु, चन्द्र विजय सिंह, एडवोकेट सुनील कनौजिया, राजेश दुबे, मनीष चौरसिया, प्रदीप जायसवाल, गोपाल जी आदि लोग उपस्थित थे।
इस कार्यक्रम ने न केवल स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की, बल्कि नई पीढ़ी को उनके बलिदान से प्रेरित करने का भी कार्य किया। यह आयोजन एक महत्वपूर्ण अवसर था, जिसमें सभी ने मिलकर देश की आज़ादी के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीरों को याद किया और उनके प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त की। इस प्रकार, यह कार्यक्रम न केवल श्रद्धांजलि का प्रतीक था, बल्कि एकजुटता और देशभक्ति की भावना को भी प्रकट करता है।
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