वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन के गूलर यार्ड में गिरा संदिग्ध ड्रोन, रेलवे प्रशासन जांच पड़ताल में जुटा
वाराणसी स्थित कैंट रेलवे स्टेशन के गूलर यार्ड में मंगलवार को संदिग्ध ड्रोन गिरने के बाद रेलवे प्रशासन जांच पड़ताल में जुट गया है। इस बात की पड़ताल की जा रही है कि इस ड्रोन में आखिर क्या दर्ज किया गया है। वहीं ड्रोन के संचालक की भी तलाश हो रही है।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। ड्रोन की अवैध उड़ान, विशेषकर वाराणसी जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में, पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती बनती जा रही है। इसी संदर्भ में, मंगलवार को कैंट स्टेशन के गूलर यार्ड में शाम लगभग 5:51 बजे एक ड्रोन कैमरा गिरने की सूचना मिली। इस घटना के बाद रेलवे प्रशासन तुरंत सक्रिय हो गया।
आरपीएफ और जीआरपी की टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए घटनास्थल पर पहुंचकर जांच शुरू की। स्टेशन निदेशक अर्पित गुप्ता और सुरक्षा बल के अन्य अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने ड्रोन के मालिक की पहचान करने और कैमरे में दर्ज रिकार्ड की जांच करने का कार्य आरंभ किया।
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इस घटना ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। ड्रोन की अवैध उड़ानें न केवल सुरक्षा के लिए खतरा हैं, बल्कि यह रेलवे संचालन में भी बाधा डाल सकती हैं। रेलवे प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा है कि वे इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाएंगे।
ड्रोन कैमरों का उपयोग कई क्षेत्रों में बढ़ रहा है, लेकिन इसके अवैध उपयोग से सुरक्षा में खतरें उत्पन्न हो रहे हैं। वाराणसी जैसे महत्वपूर्ण स्थलों पर ड्रोन की उड़ानें न केवल कानून का उल्लंघन हैं, बल्कि यह यात्रियों की सुरक्षा के लिए भी गंभीर खतरा बन सकती हैं।
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इस घटना के बाद, रेलवे प्रशासन ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे इस प्रकार की गतिविधियों पर नजर रखें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत दें। इसके अलावा सावन माह में यात्रियों से भी विशेष अपील की गई है कि वे किसी भी अनधिकृत ड्रोन की उड़ान के बारे में जानकारी साझा करें।
ड्रोन की अवैध उड़ानें न केवल सुरक्षा के लिए चुनौती हैं, बल्कि यह रेलवे के संचालन में भी बाधा डाल सकती हैं। रेलवे प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा है कि वे इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाएंगे।
इस संदर्भ में, रेलवे सुरक्षा बल ने कहा है कि वे ड्रोन की उड़ानों पर नजर रखने के लिए विशेष निगरानी तंत्र विकसित करेंगे। इसके साथ ही, यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा उपायों को और अधिक सख्त किया जाएगा।
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इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि ड्रोन की अवैध उड़ानें न केवल कानून का उल्लंघन हैं, बल्कि यह यात्रियों की सुरक्षा के लिए भी गंभीर खतरा बन सकती हैं। रेलवे प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा है कि वे इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाएंगे।
रेलवे प्रशासन ने इस दिशा में ठोस कदम उठाने का आश्वासन दिया है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके। हालांकि इस घटना ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। रेलवे प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा है कि वे इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाएंगे।

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