मीरजापुर में बबूल की डाल बाढ़ में बनी ढाल, तीन किशोरों की गोताखोरों ने इस तरह बचाई जान
Flood in Mirzapur मीरजापुर जिले में मंगलवार को अचानक बाढ़ के पानी में फंसने की वजह से तीन किशोर बहने लगे। किशोंरों के बहने के दौरान अचानक बबूल की डाल उनके लिए राहत बनकर आई और डाल के सहारे किशोर किसी तरह लटके रहे और गोताखोरों ने उनकी जान बचा ली।

जागरण संवाददाता, चुनार (मीरजापुर)। गंगा में बाढ़ का आलम यह है कि रोज पानी ऊपर चढ़ता ही जा रहा है। वहीं तेज प्रवाह में हादसे भी कम नहीं हो रहे हैं। इसी कड़ी में मंगलवार की दोपहर बाढ़ के पानी में फंसे तीन किशोरों को बड़ी मुश्किल से बचाया जा सका है।
दरअसल पुलिस की तत्परता और किशाेरों की किस्मत से बड़ी दुर्घटना टल गई। दरअसल डूबने के दौरान बबूल की डाल पकड़े किशोर काफी देर तक प्रवाह से खुद को बचाने में सफल रहे तो जानकारी होने के बाद मौके पर पहुंचे कोतवाल और गोताखोरों ने किशोरों को सुरक्षित बचा लिया।
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चुनार कोतवाली क्षेत्र के पयागपुर गांव में मंगलवार पूर्वाह्न लगभग 11 बजे उस समय हड़कंप मच गया जब तीन किशोर बाढ़ के पानी में बहते- बहते अचानक ही डूबने लगे। हालांकि गनीमत यह रही कि पास ही खड़े बबूल के पेड़ की डाल को पकड़कर तीनों किशोर किसी तरह पानी में खुद को बचाए रखने में सफज रहे। समय रहते सूचना मिलने पर पुलिस भी सक्रिय हुई और कोतवाल रविंद्र भूषण मौर्य ने गोताखोरों की मदद से तीनों को सुरक्षित बाहर निकलवाया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, पयागपुर निवासी 16 वर्षीय विकास पुत्र रामसकल, 15 वर्षीय आनंद पुत्र वसंत लाल और 14 वर्षीय इंद्रजीत पुत्र राजकुमार मंगलवार की सुबह गांव के पास बाढ़ के पानी में नहा रहे थे। कुछ दूर जाने के बाद पानी का बहाव तेज होने से तीनों ही तेज प्रवाह में बहने लगे। इसी दौरान वहां रास्ते में मौजूद एक बबूल के पेड़ की डाल को पकड़कर तीनों किसी तरह खुद को संभाले रखने में सफल रहे।
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वहीं पेड़ को पकड़ने के साथ ही मदद के लिए जोर जोर से चिल्लाने लगे। शोर सुनकर लोग वहां पेड़ से लटके किशोरों को देखे तो सूचना पुलिस तक पहुंचाई गई। घटना की जानकारी मिलते ही कोतवाल रविंद्र भूषण मौर्य मौके पर पहुंचे और स्थानीय गोताखोरों को बुलाकर बचाव कार्य शुरू कराया। थोड़ी ही देर में तीनों किशोरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।
राहत और बचाव कार्य के बाद पुलिस ने किशोरों की स्थिति सामान्य बताई है। वहीं प्राथमिक जांच के बाद किशोरों को उनके परिजनों को सौंप दिया गया। ग्रामीणों ने पुलिस और गोताखोरों की तत्परता की सराहना करते हुए कहा कि यदि थोड़ी भी देर होती तो बड़ी दुर्घटना हो सकती थी। वहीं परिजन भी बच्चों को सुरक्षित पाकर भावुक नजर आए।
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