Railway News: खत्म होगी ट्रेनों में पानी की किल्लत, छह मिनट में भरेगी 48 हजार लीटर की टंकी
बनारस रेल मंडल ने ट्रेनों में पानी की समस्या को दूर करने के लिए क्विक वाटरिंग सिस्टम (Quick Watering System) शुरू किया है। इस तकनीक से बनारस मऊ और छपरा रेलवे स्टेशनों पर 24 कोच वाली ट्रेनों में 5-6 मिनट में 48 हजार लीटर पानी भरा जा सकेगा। इस नई व्यवस्था से यात्रियों को गर्मी में पानी की किल्लत से राहत मिलेगी।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। ट्रेनों में पानी की किल्लत को दूर करने के लिए बनारस रेल मंडल प्रशासन ने क्विक वाटरिंग सिस्टम लागू किया है। इसके जरिए 24 कोच वाली ट्रेनों में 48 हजार लीटर पानी पांच से छह मिनट भरा जा सकेगा।
शुरुआत में क्विक वाटरिंग सुविधा का लाभ बनारस, मऊ और छपरा रेलवे स्टेशन के यात्रियों को मिलेगा। पहले भी ट्रेनों में पानी प्रेशर से भरे जाते थे, लेकिन नई व्यवस्था से पूर्व के सापेक्ष आधा समय में पानी भर जाएगा।गर्मियों में पानी की किल्लत के कारण मचने वाला हंगामा भी थमेगा।
लंबी दूरी की ट्रेनों के यात्रियों को मिलेगा लाभ
गर्मियों में लंबी दूरी की ट्रेनों में अक्सर पानी की किल्लत हो जाती है। इसके पीछे ट्रनों का चंद मिनट ठहराव बड़ी वजह होती है। क्विक वाटरिंग उपकरण के जरिए 24 कोच में लगे दो-दो हजार लीटर की टंकियों को पांच से छह मिनट में भरा जा सकेगा। नए सिस्टम में आधुनिक मशीन से प्रेशर को बढ़ाया गया है।
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क्विक वाटरिंग सिस्टम के लिए बनारस स्टेशन पर लगी मशीनें : स्रोत रेल
स्क्रीन पर दिखेगी महत्वपूर्ण जानकारी
क्विक वाटरिंग सिस्टम टीवी स्क्रीन से जुड़ा रहेगा। जिस पर ट्रेनों में पानी की उपलब्धता, प्रेशर, मात्रा, खपत, फ्लो एवं पानी भरी जाने वाली ट्रेनों के नंबर देखे जा सकेंगे। वाटरिंग कार्य के आंकड़े रियल टाइम में उपलब्ध रहने से अधिकारी मीनीटरिंग कर सकेंगे।
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अधिकांश कोच अब एलएचबी हो रहे हैं, जिसकी प्रत्येक टंकी दो हजार लीटर की है। पूर्व की ट्रेनों में 18 सौ लीटर की टंकी होती है। बदलते वक्त की मांग है, क्विक वाटरिंग सिस्टम। -अशोक कुमार, जनसंपर्क अधिकारी।
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