पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए 26 मृतकों की आत्मा की शांति के लिए दशाश्वमेध घाट पर पिंडदान एवं श्राद्ध
वाराणसी के दशाश्वमेध गंगा घाट पर गंगोत्री सेवा समिति ने पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए 26 मृतकों की आत्मा की शांति के लिए विशेष तर्पण और श्राद्ध अनुष्ठान किया। समिति के अध्यक्ष किशोरी रमण दूबे ने वैदिक रीति से अनुष्ठान का नेतृत्व किया जिसमें पिंडदान और मंत्रोच्चार शामिल थे।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए 26 मृतकों की आत्मा की शांति एवं मोक्ष की कामना हेतु गंगोत्री सेवा समिति ने काशी के प्राचीन दशाश्वमेध घाट पर विशेष तर्पण एवं श्राद्ध अनुष्ठान का आयोजन किया। यह अनुष्ठान दिवंगत आत्माओं को श्रद्धांजलि अर्पित करने के उद्देश्य से किया गया था।
इस धार्मिक अनुष्ठान का नेतृत्व समिति के अध्यक्ष किशोरी रमण दूबे ने स्वयं वैदिक परंपराओं के अनुसार किया। पिंडदान के साथ-साथ यह अनुष्ठान 7 ब्राह्मणों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर समिति के सदस्य एवं पदाधिकारी, जैसे सचिव दिनेशंकर दूबे, संदीप कुमार दूबे, संकठा प्रसाद, मयंक दूबे सहित अन्य लोग भी उपस्थित रहे।
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अनुष्ठान में सहयोग करने वाले ब्राह्मणों में रनजित पाण्डे, किसून पाण्डे, सीताराम पाठक, रवी शंकर पुरोहित, और अंकुर पाण्डे शामिल रहे। सभी ने मिलकर इस अनुष्ठान को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इस अनुष्ठान के दौरान 26 मृतकों के नामों का उच्चारण किया गया, जिनमें मन्जुनाथ राव, कॉर्पोरल टेज़ हाइलयांग, दिनेश मिरानिया, एन. रामचन्द्रन, हेमंत जोशी, अतुल मोने, संजय लेले, सुशील नथानिएल, बिटन अधिकारी, सैयद आदिल हुसैन शाह (स्थानीय गाइड), दिलीप देसले, सन्तोष जगदेले, कौस्तुभ गनबोटे, शैलेशभाई कलाठिया, यतिशभाई परमार, सुमित परमार (यतिशभाई के पुत्र), मनीष रंजन, सोमिसेट्टी मधुसूदन राव, सुदीप न्यौपाने (नेपाल), नीरज उद्धवानी, प्रशांत सतपथ्य, भरत भूषण, शुभम द्विवेदी, समीर गुहा, विनय नरवाल, जे.एस. चन्द्रमौली शामिल हैं।
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गंगोत्री सेवा समिति ने इस अनुष्ठान के माध्यम से सभी दिवंगत आत्माओं को श्रद्धांजलि अर्पित की और समाज से अपील की कि सभी लोग पीड़ित परिवारों के साथ खड़े हों एवं उन्हें संबल प्रदान करें। समिति ने इस अवसर पर यह भी कहा कि ऐसे कठिन समय में एकजुटता और सहानुभूति की आवश्यकता है, ताकि पीड़ित परिवारों को इस दुखद घटना से उबरने में मदद मिल सके।
इस अनुष्ठान का आयोजन न केवल श्रद्धांजलि देने का एक माध्यम था, बल्कि यह समाज में एकजुटता और सहानुभूति का संदेश भी फैलाने का प्रयास था। गंगोत्री सेवा समिति ने इस प्रकार के धार्मिक अनुष्ठानों के माध्यम से समाज में सकारात्मकता और एकता को बढ़ावा देने का संकल्प लिया है।
समिति के अध्यक्ष किशोरी रमण दूबे ने कहा कि इस प्रकार के अनुष्ठान से न केवल मृतकों की आत्मा को शांति मिलती है, बल्कि यह जीवित लोगों को भी एकजुट होने और एक-दूसरे का सहारा बनने की प्रेरणा देता है। उन्होंने सभी से अपील की कि वे इस दिशा में आगे बढ़ें और समाज में एकता का संदेश फैलाएं।
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