वाराणसी में इंस्पायर अवार्ड नामांकन में निराशाजनक स्थिति, निजी विद्यालयों का प्रदर्शन खराब
वाराणसी में इंस्पायर मानक योजना के तहत नामांकन की स्थिति कमजोर है खासकर निजी विद्यालयों में। जनपद में 5570 नामांकन का लक्ष्य है लेकिन अभी तक केवल 40% ही हो पाया है। योजना का उद्देश्य छात्रों में नवाचार को बढ़ावा देना है जिसके तहत देशभर से 10 लाख विचारों को आमंत्रित किया गया है।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। इंस्पायर मानक योजना विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी), भारत सरकार के प्रमुख कार्यक्रमों में से एक है। इंसपायर अवार्ड-मानक (मिलियन माइंड्स आगमेंटिंग नेशनल एस्पिरेशंस एंड नालेज), का निष्पादन डीएसटी के नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन- इंडिया (एनआइएफ) की ओर से किया जाता है।
इस योजना का उद्देश्य स्कूली बच्चों में रचनात्मकता और नवीन सोच तथा नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा देना है। इसके तहत देशभर से लगभग 10 लाख विचारों यानी आइडिया लेना है, जो सीधे समाज पर असर डालती हो। बेहतर आइडिया पर छात्रों को पुरस्कृत किया जाता है।
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इसके लिए प्रत्येक विद्यालयों से पांच-पांच बच्चों का पंजीकरण कराना है, लेकिन इंस्पायर अवार्ड नामांकन में जिले की स्थिति ठीक नहीं है। बुधवार की शाम तक महज 40 प्रतिशत ही नामांकन हो पाया था। जनपद में 5570 नामांकन का लक्ष्य है, जबकि 2184 ही नामांकन हो पाया है। इसमें सबसे खराब स्थित निजी विद्यालयों की है। नामांकन को बढ़ाने के लिए आज यानी चार सितंबर को नामांकन दिवस के रूप में अभियान चलेगा।
छात्र-छात्राओं के विज्ञान और सामाजिक अनुप्रयोगों में मूल विचारों / नवाचारों को लिया जा रहा है। इसके लिए जिला विद्यालय निरीक्षक भोलेंद्र प्रताप सिंह कई बार विद्यालयों को निर्देश जारी कर चुके हैं। बताया कि 30 अगस्त से तीन सितंबर तक विद्यालयों में अभियान चलाकर विद्यार्थियों को इंस्पायर अवार्ड मानक योजना के बारे में बताया गया। अब चार को सभी विद्यालय इंस्पायर मानक नामांकन दिवस मनाया जाएगा। इंस्पायर अवार्ड मानक योजना के पोर्टल पर 15 सितंबर तक आइडिया सबमिशन किया जा सकेगा।
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अब कक्षा 11 और 12 के भी विद्यार्थियों का आइडिया सबमिट हो सकेगा, पहले यह योजना केवल कक्षा छह से 10 तक के विद्यार्थियों के लिए ही थी। देशभर से लगभग दस लाख आइडिया में से एक लाख आइडिया को चिंहित कर प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) योजना के माध्यम से छात्रों के बैंक खातों में 10,000 राशि पुरस्कार के रूप में भेजी जाएगी।
जिला स्तरीय प्रदर्शनी और परियोजना प्रतियोगिता (डीएलईपीसी) का आयोजन कर राज्य स्तरीय प्रदर्शनी और परियोजना प्रतियोगिताओं (एसएलईपीसी) के लिए 10,000 सर्वश्रेष्ठ आइडिया/प्रोजेक्ट का चयन किया जाता है। आइडिया/ नवाचारों का चयन नवीनता, सामाजिक प्रयोज्यता, पर्यावरण मित्रता, उपयोगकर्ता मित्रता और मौजूदा समान प्रौद्योगिकियों पर तुलनात्मक लाभ पर आधारित होगा।
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राष्ट्रीय पुरस्कारों और भविष्य की दिशा के लिए शीर्ष 60 नवाचारों का चयन किया जाएगा। उत्पाद/प्रक्रिया विकास के लिए एनआईएफ द्वारा शीर्ष 60 विचारों/नवाचारों पर विचार और एनआईएफ/डीएसटी की अन्य योजनाओं के साथ उनका जुड़ाव और नवाचार और उद्यमिता के वार्षिक उत्सव में उनका प्रदर्शन किया जाता है। राष्ट्रीय स्तर पर चयनित प्रोजेक्ट का पेटेंट भी कराया जा सकता है तथा चयनित प्रतिभागियों को अपना आइडिया/ प्रोजेक्ट विदेशों में भी प्रदर्शित करने का अवसर मिलता है।
जिला विद्यालय निरीक्षक भोलेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि इंस्पायर अवार्ड नामांकन में राजकीय सभी विद्यालयों ने लक्ष्य की प्राप्ति कर दी है। वहीं एडेड विद्यालयों की प्रगति लगभग 60 प्रतिशत है, जबकि अन्य विद्यालयों की स्थिति बहुत ही निराशाजनक है। बताया कि यू डायस वाले सभी विद्यालयों को अपने-अपने यहां से पांच-पांच विद्यार्थियों का नामांकन अनिवार्य है।
जिले में विद्यालयों की स्थिति
विद्यालय संख्या
राजकीय 31
एडेड 106
वित्त विहीन 257
सीबीएसई 168
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