कभी चमत्कार होते देखा है? मीरजापुर में बाढ़ में बहती बच्ची को जिंदगी ही नहीं ममता की छांव भी मिली, देखें वीडियो...
बाढ़ में बहती हुई एक नवजात बच्ची को नीलम भारती नामक महिला ने बचाया। नीलम और उनके पति मन्नू प्रसाद ने बच्ची को खुशी-खुशी पालने का निर्णय लिया है। उनके पहले से ही दो बेटियां और एक बेटा है। इस साहसिक कदम की पूरे समुदाय में प्रशंसा हो रही है।

जागरण संवाददाता, जमालपुर (मीरजापुर)। बाढ़ के पानी में बांस के दौरा में बहकर आ रही नवजात बच्ची को मंगलवार की शाम करजी एवं हसौली गांव के बार्डर पर किनारे पर ओड़ी गांव की निवासी नीलम भारती का सहारा मिल गया। दरअसल अहरौरा जलाशय के बाढ़ में किसी ने ममता का गला घोंट कर बांस के दौरा में बच्ची को प्रवाहित कर दिया जो नीलम को दिख गया और बच्ची को बचा लिया।
चमत्कार का नाम तो सभी ने सुना होगा लेकिन बाढ़ में बच्ची किस तरह बांस के दौरा में बची रही यह किसी भी चमत्कार से कम नहीं था। बच्ची को जीवित देखकर नीलम ने नवजात बच्ची को अपने साथ ले लिया और उसे खुशी- खुशी पालन- पोषण करने के लिए तैयार हो गईं। नीलम और उनके पति मन्नू प्रसाद ने कहा कि वे इस नवजात बच्ची को अपने परिवार का हिस्सा बनाएंगे। दंपति के पास पहले से दो पुत्रियां और एक पुत्र है।
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एक मां ने ममता का गला घोंट बाढ़ के पानी में किस्मत के भरोसे मासूम बच्ची के जन्म के साथ ही जल में प्रवाहित कर दिया। अब जिसे बच्ची बाढ़ में बहती मिली उसने बच्ची को नया जीवन देने की ठान ली। नवजात बच्ची को देखने के लिए लोगों की भीड़ जुट रही है और सभी लोग दंपति के इस साहसिक निर्णय की सराहना कर रहे हैं। नीलम ने बताया कि जब उन्होंने बच्ची को पानी में बहते देखा, तो उनका दिल पिघल गया। उन्होंने तुरंत उसे बचाने का निर्णय लिया। नीलम का कहना है कि यह बच्ची अब उनकी बेटी है, और वे उसे अपने बच्चों की तरह प्यार और देखभाल देंगे।
देखें वीडियो :
#Mirzapur : बांध से पानी छोड़ने के बाद आई बाढ़ में बांस का दौरा में एक बच्ची परिवार को मिली है। pic.twitter.com/433zxXcbyY
— Abhishek sharma (@officeofabhi) September 3, 2025
पति मन्नू प्रसाद ने कहा कि इस कठिन समय में, जब बाढ़ ने कई परिवारों को प्रभावित किया है, ऐसे में एक नवजात बच्ची को बचाना एक बड़ी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि वे अपनी पूरी कोशिश करेंगे कि बच्ची को किसी भी प्रकार की कमी महसूस न हो। दंपति ने यह भी कहा कि वे बच्ची के लिए एक नाम चुनने की योजना बना रहे हैं, ताकि वह उनके परिवार का हिस्सा बन सके।
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स्थानीय लोगों ने नीलम और मन्नू के इस निर्णय की प्रशंसा की है। कई लोग उनके घर जाकर बच्ची को देखने के लिए आए हैं और दंपति को बधाई दे रहे हैं। यह घटना न केवल एक नवजात बच्ची के जीवन को बचाने की कहानी है, बल्कि यह मानवता की एक मिसाल भी पेश करती है। बाढ़ के कारण कई परिवारों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन नीलम और मन्नू का यह कदम एक सकारात्मक संदेश देता है। इस प्रकार, नीलम भारती और मन्नू प्रसाद का यह साहसिक निर्णय न केवल एक नवजात बच्ची के लिए नया जीवन देने का कार्य है, बल्कि यह समाज में एकता और सहानुभूति का प्रतीक भी है।
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