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    वाराणसी में खतरा निशान से ऊपर बह रहीं गंगा, गल‍ियों में नाव बनी सहारा तो शवदाह के ल‍िए इंतजार

    Updated: Sun, 03 Aug 2025 05:12 PM (IST)

    Flood in Varanasi गंगा का जलस्‍तर खतरा ब‍िंदु से भी ऊपर करीब आधा मीटर तक बह रहा है। बाढ़ की वजह से न‍िचले स्‍तर पर जहां चुनौती है तो वहीं दूसरी ओर गंगा के क‍िनारे के मोहल्‍लों में तटवर्ती क्षेत्र की गल‍ियों में नौका ही एकमात्र सहारा बचा है।

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    वाराणसी में गंगा का जलस्‍तर खतरा ब‍िंदु से आधा मीटर दर्ज क‍िया गया है।

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। गंगा और वरुणा नदियों में आई बाढ़ के कारण पानी अब गलियों और सड़कों पर बह रहा है। शनिवार की रात 12 बजे गंगा का जलस्तर खतरे के निशान 71.26 मीटर को पार कर 71.31 मीटर पहुंच गया। रविवार की शाम चार बजे तक गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से 47 सेमी ऊपर बह रहा है। शहरी क्षेत्रों मेें घाटों को पार कर पानी सड़कों पर आ गया।

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    श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के गंगा द्वार के समीप जल पहुंच रहा हैं कुछ सीढ़िया ही बाकी रह गई हैं इसी तरह बढ़ाव जारी रहा तो शाम तक गंगा द्वार मे पानी प्रवेश कर जाएगा। मणिकर्णिका घाट की गली में गंगा पानी सतुआ बाबा आश्रम तक आ पहुंचा है तो उधर दशाश्वमेध पर चितरंजन पार्क की ओर पानी चढ़ने को है। गंगा सेवा निधि कार्यालय की तरफ से पानी सड़क पर आ पहुंचा है। जबक‍ि कम स्‍थान बचने की वजह से शवदाह के ल‍िए कतार लगाने तक की नौबत आ चुकी है। 

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    शीतला घाट की ओर से भी पानी सड़क पर आ चुका है। असि घाट पर गंगा का पानी जगन्नाथ मंदिर गली तक पहुंच गया है तो गंगोत्री विहार, नगवा, सामनेघाट कालोनियों में सड़क से होते हुए पहुंच गया है। संत रविदास पार्क के के दोनों तरफ बनी गंगोत्री विहार और नगवा की कालोनियों तक पानी पहुंच गया है। करीब 50 घर बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं जिन्हें सुरक्षित स्थान पहुंचाया गया है।

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    नगवा नाला से पानी घुसकर रामेश्वर मठ के पीछे से भागवत विद्यालय तक पानी भर गया है। नगवा नाले से पानी होते है साकेत नगर कालोनी में नाले के किनारे तक बाढ़ का पानी पहुंच गया है।सामने घाट तिराहे से बाढ़ का पानी बालाजीनगर की तरफ बढ़ रहा है । यहां महामृत्युंजय मंदिर के ऊपर तक पानी चढ़ गया है। सामने घाट में बना पक्का घाट और जजेज गेस्ट हाउस पानी की चपेट में आ गया है।

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    सनबीम एकेडमी परिसर, ज्ञान प्रवाह, परमहंस आश्रम, कबीर मठ, अपना घर आश्रम से लेकर विश्वसुंदरी पुल तक गंगा का पानी सड़क तक आ गया है। कोनिया घाट से सारनाथ को जोड़ने वाले पुल का शुरुआती हिस्सा बाढ़ के पानी से क्षतिग्रस्त होकर बह जाने से उस पर आवागमन ठप हो गया है। यह पुल सारनाथ, सलारपुर, चिरईगांव पंचकोशी खालिसपुर की ओर से शहर में प्रवेश करने वाले लोगों के लिए प्रमुख मार्ग है।

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    गंगा और वरुणा की बाढ से सदर तहसील क्षेत्र में नगर के 21 मुहल्ले और 26 गांव बाढ़ प्रभावित हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से अब तक 1000 से ज्यादा परिवारों के लगभग 4000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया गया है। बढ़ते जलस्तर को देखते हुए प्रभावित क्षेत्र की बिजली काट दी है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने के लिए प्रशासन, जल पुलिस, एनडीआरएफ व पुलिस टीम लगातार चक्रमण कर रही है। केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक, गंगा के जलस्तर में इस समय दो सेमी प्रति घंटा के वेग से वृद्धि हो रही है जबकि क्षैतिज प्रसार काफी तेजी से हो रहा है।

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