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    वाराणसी में बाढ़ का कहर, गंगा ने चेतावनी के बाद खतरा निशान भी क‍िया पार, न‍िचले इलाकों के कई गांव डूबे

    Updated: Sun, 03 Aug 2025 12:26 PM (IST)

    केन-बेतवा और यमुना नदियों में जलस्तर बढ़ने से वाराणसी में गंगा नदी खतरे के निशान को पार कर गई है। वरुणा और असि नदी के पलट प्रवाह के कारण कई गांव और मोहल्ले बाढ़ से प्रभावित हैं। घाटों के ऊपर पानी चढ़ गया है और निचले इलाकों में पानी भर गया है। मणिकर्णिका घाट पर शवदाह के लिए जगह कम होने के कारण गलियों में अंतिम संस्कार हो रहा है।

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    वाराणसी में गंगा खतरा ब‍िंदु को पार कर गई हैं।

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। गंगा नदी देर रात खतरा ब‍िंंदु को पार करने के बाद अब चुनौती दे रही है। तटवर्ती इलाकों में गल‍ियों में नाव चल रही है तो कई घरों को लोग खाली कर सुरक्ष‍ित स्‍थान की ओर पलायन कर गए हैं। जबक‍ि बाढ़ राहत केंद्रों पर पलायन करने वालों की भीड़ बढ़ रही है। 

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    दरअसल केन-बेतवा, चंबल और यमुना में उफान से इटावा होते हुए प्रयागराज के रास्‍ते वाराणसी में गंगा में जलस्तर ने खतरे के निशान 71.262 मीटर को देर रात तक पार कर लिया है। रविवार सुबह आठ बजे 73.901 मीटर जलस्‍तर दर्ज क‍िया गया है। जबक‍ि खतरा ब‍िंंदु को पार करने के बाद गंगा तीन सेमी प्रत‍िघंटे की गत‍ि से लगातार अब भी बढ़ रही हैं।

    वहीं दूसरी ओर वरुणा और असि नदी में पलट प्रवाह से पानी आबादी क्षेत्र में पहुंच गया है। कई प्रमुख गांव और मोहल्ले बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। सभी प्रमुख घाटों के ऊपर पानी चढ़ने के साथ ही दशाश्वमेध घाट स्थित शीतला मंदिर के छत पर पानी पहुंच चुका है। मणिकर्णिका घाट पर हो रहे शवदाह के बीच वहां जगह के अभाव मे गलियों में शवदाह होने लगा है। विश्वनाथ धाम के गंगा द्वार तक पहुंचने में कुछ सीढ़ियां ही शेष हैं। जबक‍ि न‍िचले आधार वाले क्षेत्र को गंगा रात में ही छू चुकी है।

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     21 गांवों और 26 वार्डों में बाढ़ का पानी पहुंच चुका है, तटवर्ती गांवों की सैकड़ों एकड़ फसल डूब गई है। 4,733 लोगों ने बाढ़ राहत शिविरों में शरण ली है और 1062 परिवार विस्थापित हुए हैं। गंगा में बढ़ाव का यही रुख जारी रहा तो शहर के प्रमुख तटवर्ती पुराने मोहल्‍लों में बाढ़ का पानी जल्‍द ही प्रवेश कर सकता है। इसकी वजह से दुश्‍वा‍र‍ियां नए स‍िरे से स‍ि‍र उठाएंगी।  

    काशी में सारे घाट व वहां के मंदिर डूब चुके हैं पानी सड़कों पर आ चुका हैं। दशाश्वमेध क्षेत्र में सड़क पर पानी लगातार आ रहा है। लोग सड़कों पर ही स्नान कर बाबा के दर्शन को जा रहे हैं। उधर, जल पुलिस केंद्र डूबने वाला है नाव से लगातार जल पुलिस स्नान करने वालों पर ध्यान दे रही है। इसी तरह जलस्तर बढ़ता रहा तो शाम तक चितरंजन पार्क तक पानी पहुंच सकता है। मणिकर्णिका घाट पर शवदाह स्थल फुल होने से गलियों मे हो रहा है। शव यात्रियों को लम्बा इंतजार करना पड़ रहा है।

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