Flood in Mirzapur : मीरजापुर में गंगा का विकराल रूप और झमाझम बरसात बनी आफत
मीरजापुर में गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ाव पर होने के साथ ही लगातार हो रही बरसात भी चुनौती बनी हुई है। जिले में गंगा का रौद्र रूप देख ग्रामीण जन जहां दहशत में हैं वहीं दूसरी ओर चुनार क्षेत्र में खेत- बस्तियां जलमग्न होने के साथ ही संपर्क मार्ग तक कट चुके हैं।

जागरण संवाददाता, चुनार (मीरजापुर)। गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर विकराल रूप ले चुका है। चुनार तहसील के सीखड़ व ढाब क्षेत्र के दर्जनों गांवों में गंगा का कहर अब खेतों की सीमा लांघ कर आबादी तक आ पहुंचा है।
सीखड़ क्षेत्र के दो दर्जन से अधिक गांवों में अस्सी प्रतिशत से ज्यादा फसलें पूरी तरह डूब चुकी हैं, जबकि ढाब क्षेत्र के सभी 12 गांवों की फसलें बर्बादी के कगार पर पहुंच गई हैं। गंगा के इस कहर से किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया है और अब वे बेबसी की स्थिति में ईश्वर से बाढ़ का पानी उतरने की प्रार्थना कर रहे हैं।
भोर में हुई बारिश कोढ़ में खाज
रविवार को भोर में हुई तीन घंटे की मूसलधार बारिश ने स्थिति को और भयावह बना दिया। भारी वर्षा के कारण जलभराव और बढ़ गया, जिससे तटवर्ती गांवों में गंगा का पानी घरों की दहलीज तक पहुंच गया। मेड़िया गांव में सड़क किनारे रहने वाले वनवासी समाज के लोगों के घरों में पानी घुसने से वे अपने घर छोड़ सड़क के किनारे तिरपाल लगाकर किसी तरह जीवन काटने को मजबूर हैं।
लोगों ने अपनी गृहस्थी और जरूरत का सामान लिया और सड़क किनारे तिरपाल लगा ली। चुनार नगर क्षेत्र के रैपुरिया गांव से लेकर जरगो तक के खेत पूरी तरह जलमग्न हो चुके हैं। लाल दरवाजा मुहल्ले में दर्जनों घरों में गंगा के पलट प्रवाह से जरगो नदी का पानी घुस गया है, जिससे अधिकांश लोगों को ऊपरी मंजिलों पर शरण लेनी पड़ी है। वहीं कुछ लोग अपने घरों का सामान निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर ले गए।
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जरगो पुल पर पानी, चुनार-जमुई मार्ग ठप
जरगो पुल पर गंगा के पानी का तेज बहाव होने से चुनार-जमुई मार्ग पर आवागमन पूरी तरह बाधित हो गया है। वहीं नागरपुर-आश्चर्य कूप मार्ग पर तीन से चार फुट तक पानी चढ़ जाने के कारण यह रास्ता भी बंद है। चुनार बालूघाट स्थित डाकघर के सामने भी तीन फुट पानी भर गया है, जिससे इस रास्ते से नगर के भीतर की आवाजाही ठप हो गई है। कुल मिला कर अब लोगों को गंगा पुल से कोतवाली की ओर से होते हुए बाजार के रास्ते ही आवागमन का रास्ता बचा है। भारतीय स्टेट बैंक के पास भी सड़क पर पानी आने से रास्ता अवरुद्ध हो गया है। यदि गंगा का जलस्तर यूं ही बढ़ता रहा तो आने वाले दिन और मुश्किल भरे हो सकते हैं।
चेयरमैन ने किया बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा
चेयरमैन मंसूर अहमद ने नगर क्षेत्र के बालूघाट, नागरपुर, लाल दरवाजा आदि का दौरा कर बाढ़ का जायजा लिया। उन्होंने नपा कर्मियों को पेयजल आपूर्ति व साफ सफाई संबंधी आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
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सीखड़ इलाके के इन गांवों में फसलें डूबी
चुनार तहसील के सीखड़ इलाके में गोरईया, घमही, रामगढ़, फुलहां, पचरांव, हांसीपुर, छीतमपुर, प्रेमापुर, धनैता, धन्नूपुर, पिपराही, मझरा, भगीरथपुर, पसियाही, खानपुर, सोनवर्षा, मगरहां, बटौवा, बसारतपुर, मेड़िया, तम्मनपट्टी आदि गावों के के सीवान जलमग्न हो गए हैं। ऐसे में इन गावों में किसानों को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है। इसके साथ ही इन गांवों का संपर्क भी टूट गया है।
ढाब के सभी गांव प्रभावित
ढाब क्षेत्र के बगही, जलालपुर माफी, गांगपुर, नियामतपुर खुर्द, केशवपुर, शिवपुर, रामरायपुर, चंदापुर, भवानीपुर, धरम्मरपुर, गोबिन्दपुर, चितरहा इत्यादि गांवों के संपर्क मार्गों पर पानी आ जाने से लोगों का आवागमन नावों द्वारा किया जा रहा है। इसके साथ ही इन गावों के करीब 75 फीसद खेत जलमग्न हो गए हैं। नुकसान कितना हुआ इसका आंकलन तो पानी उरतने के बाद ही हो सकेगा।
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