ट्रेनों में भीड़ इतनी कि टॉयलेट में बैठकर सफर करने को मजबूर हुए श्रद्धालु, रिजर्वेशन वाले यात्री तक को नहीं मिली सीट
शाही स्नान के बाद संगम में डुबकी लगाने की योजना से एक बार फिर ट्रेनों में भीड़ बढ़ गई है। शुक्रवार की रात से ही कैंट स्टेशन से प्रयागराज जाने वाली गाड़ियों में लोगों का कब्जा हो गया था। चेन पुलिंग और कब्जे की शिकायत पर पहुंचे आरपीएफ जवानों को भी बोगी खाली कराने में पसीने बहाने पड़े। रिजर्वेशन वाले यात्रियों को अपनी सीट पाने के लिए मशक्कत करनी पड़ी।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। शाही स्नान के बाद संगम में डुबकी लगाने की योजना से एक बार फिर ट्रेनों में भीड़ बढ़ गई है। शुक्रवार की रात से ही कैंट स्टेशन से प्रयागराज जाने वाली गाड़ियों में लोगों का कब्जा हो गया था। चेन पुलिंग और कब्जे की शिकायत पर पहुंचे आरपीएफ जवानों को भी बोगी खाली कराने में पसीने बहाने पड़े।
वहीं, अंदर से दरवाजा बंद होने के कारण रिजर्वेशन वाले यात्रियों को अपनी सीट पाने के लिए मशक्कत करनी पड़ी। इधर, जयनगर - एलटीटी पवन एक्सप्रेस में चढ़ने में नाकाम यात्रियों ने डिप्टी एसएस (उप स्टेशन अधीक्षक) परिचालन कार्यालय पर हंगामा किया।
वीकेंड ने भी बढ़ाया दबाव
शनिवार और रविवार को साप्ताहिक बंदी से भी प्रयागराज रूट की गाड़ियों में दबाव काफी बढ़ गया। एक दिन पूर्व जयनगर - एलटीटी पवन एक्सप्रेस की एसी बोगी का दरवाजा बंद होने से यात्रियों ने अपनी नाराजगी जताई। वहीं, सुबह पांच बजे प्लेटफॉर्म नंबर एक पर पहुंची गाड़ी संख्या -05004 गोरखपुर - झूंसी कुंभ मेला स्पेशल की दशा ठसाठस थी।
यात्रियों की शिकायत पर आरपीएफ की महिला उप निरीक्षक राधा तोमर और उनकी टीम ने अंदर से बंद एसी बोगी का दरवाजा खोलने का प्रयास किया। किसी तरह यात्रियों को अंदर चढ़ाया गया। वहीं, महिला श्रद्धालु इस ट्रेन के शौचालय में सफर करने को मजबूर दिखीं।
चालक और परिचालक का मोबाइल फोन बंद
इधर, कैंट रोडवेज बस स्टैंड पर प्रयागराज जाने वाले श्रद्धालुओं को संसाधन के अभाव में परेशानियों का सामना करना पड़ा। शनिवार को सुबह पांच बजे से ग्रामीण डिपो की तीन गाड़ियां चालक और परिचालक की प्रतीक्षा में खड़ी रहीं। बस के अंदर यात्री भरे हुए थे, लेकिन ड्यूटी वाले चालक और परिचालक ने अपना मोबाइल फोन बंद कर लिया था।
तीन से चार चक्कर लगा चुके थे ड्राइवर
पर्यवेक्षण कार्य से जुड़े लोगों की मानें तो प्रत्येक रनिंग स्टाफ वाराणसी से प्रयागराज रूट पर तीन से चार चक्कर लगा चुका है। थकान के कारण उन्होंने फोन बंद कर लिया होगा।
प्राइवेट वाहन स्वामियों ने काटी चांदी
वहीं प्राइवेट वाहन संचालकों ने प्रयागराज की भीड़ को अवसर बनाते हुए श्रद्धालुओं से खूब जेबकतरी की। रोडवेज परिक्षेत्र में अनाधिकृत रूप से संचालित प्रयागराज कार स्टैंड पर लोगों से मनमानी हुई। पांच-पांच हजार रुपए में रिजर्व बुक किया। दूसरी तरफ कैंट स्टेशन के बाहर विकसित अवैध प्राइवेट बस स्टैंड में भी श्रद्धालुओं की मजबूरी का फायदा उठाया गया।
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