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    Cyber Crime: वाराणसी पुलिस ने साइबर ठगों का किया भंडाफोड़, 80 लाख की ठगी के तीन आरोपी गिरफ्तार

    Updated: Sun, 09 Feb 2025 07:01 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश वाराणसी जिले में पुलिस के हाथ बड़ी सफलता मिली है। यहां विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर 80 लाख रुपये ऐंठने वाले साइबर गिरोह के तीन बदमाशों को गिरफ्तार किया है। आरोपितों के पास से लैपटाप मोबाइल सिम रुपये आदि मिले हैं। पुलिस ने इलेक्ट्रानिक साक्ष्य मिलने पर कानूनी कार्रवाई की है। डीसीपी अपराध प्रमोद कुमार ने सफलता के लिए साइबर थाना की टीम शाबाशी दी।

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    विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर युवक से 80 लाख रुपये ठगने के आरोपी। जागरण

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर 80 लाख रुपये ऐंठने वाले साइबर गिरोह के तीन बदमाशों को वाराणसी पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस इलेक्ट्रानिक साक्ष्य मिलने पर कानूनी कार्रवाई की। आरोपितों के पास लैपटाप, मोबाइल, सिम रुपये आदि मिले हैं। डीसीपी अपराध प्रमोद कुमार ने सफलता के लिए साइबर थाना की टीम की पीठ थपथपाई है।

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    डीसीपी ने बताया कि गत 17 जनवरी को पहड़िया के आनंदपुरी कालोनी निवासी अखिलेश कुमार पांडेय के साथ 80 लाख की ठगी हुई थी। अखिलेश ने तहरीर में बताया था कि उनके मोबाइल पर इंडीड कंपनी का प्रतिनिधि बनकर आस्ट्रेलिया में नौकरी दिलाने के लिए फोन आया था। चूंकि उन्होंने जाब प्रोवाइडर कंपनी की वेबसाइट पर अपना बायोडाटा अलोड किया था, इसलिए भरोसा कर लिए।

    पुलिस जांच की तो गाजियाबाद के थाना विजय नगर अंतर्गत बुद्ध विहार निवासी दीपक कुमार, कुनाल विश्वास और मैनपुरी जनपद के थाना अजीतगंज अंतर्गत इटौरा निवासी भानु प्रताप के खिलाफ घटना करने के क्लू मिले। जिसके बाद नोएडा के सेक्टर 10 स्थित कार्यालय से पुलिस तीनों आरोपितों को पूछताछ के लाई और वाराणसी में साक्ष्य प्रस्तुत करते हुए गिरफ्तारी की।

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    पुलिस ने मामले का खुलासा कर दिया है। जागरण


    साइबर ठग इस तरह बनाते निशाना

    देश में टाइम्स जाब इंटरनेट तथा वर्क इंडिया सरीखी कंपनियों पर युवा अपना बायोडाटा अपलोड करते हैं। साइबर अपराधी ऐसी कंपनियों के सिस्टम में सेंधमारी कर डेटा चारी कर बेरोजगार युवाओं को फंसाते हैं। बाद में टेलीकालर के जरिए फोन से रजिस्ट्रेशन के नाम पर उनके दस्तावेज मंगा लेते हैं। युवाओं की योग्यता मुताबिक विदेशी कंपनियों में नौकरी दिलाने के लिए फंसाकर रुपये ऐंठ लेते हैं। पुलिस से बचाव को फेक आइडी पर सिम प्राप्त कर उससे ईमेल जनरेट करते हैं।

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    ये हुई बरामदगी

    सात आइओएस मोबाइल, छह कीपैड मोबाइल, पांच एंड्रायड मोबाइल, तीन लैपटाप, तीन कंप्यूटर डेक्सटाप, एक कंपनी डेट शीट, दो पेनड्राइव, एक वाइफाई राउटर, तीन सिमकार्ड और 20,690 रुपये।

    पुलिस टीम में प्रभारी निरीक्षक राजीव कुमार सिंह, इंस्पेक्टर विजय यादव, राजकिशोर पाण्डेय, दीनानाथ यादव, मुख्य आरक्षी गोपाल चैहान, रजनीकांत, कांस्टेबल चंद्रशेखर यादव, मनीष सिंह, देवेंद्र यादव, अवनीश सिंह, धर्मेन्द्र यादव, जितेन्द्र मौर्या, पुनीता यादव, अंकिता सिंह, विजय कुमार रहे।

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