बीएचयू में हमला करवाने के आरोपित प्रोफेसर का री-ज्वानिंग प्रयास, विभाग ने ठुकराया पत्र
बीएचयू के तेलुगू विभागाध्यक्ष प्रो. सीएस रामचंद्र मूर्ति पर हमले के आरोपी प्रो. बुदाती वेंकटेश्वर लू शनिवार को विश्वविद्यालय पहुंचे और री-ज्वानिंग का पत्र दिया जिसे विभाग ने अस्वीकार कर दिया। प्रो. बुदाती ने विभागाध्यक्ष के नाम पत्र में स्वास्थ्य कारणों से छुट्टी बढ़ाने की बात कही और पुनः ड्यूटी करने की अनुमति मांगी।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। बीएचयू के तेलुगू विभागाध्यक्ष प्रो. सीएस रामचंद्र मूर्ति पर जानलेवा हमले के आरोपित प्रो. बुदाती वेंकटेश्वर लू शनिवार दोपहर एक बजे विश्वविद्यालय पहुंचे। अभिनव भवन स्थित तेलुगू विभाग के कार्यालय में मौजूद कर्मचारी को री-ज्वानिंग का पत्र दिया। हालांकि, विभागीय कर्मचारियों ने पत्र अस्वीकार कर दिया।
फिर भी आरोपित प्रोफेसर अपना पत्र विभाग में रखकर चले गए। प्रोफेसर जिस समय विभाग पहुंचे थे, उस समय विभागाध्यक्ष मौजूद नहीं थे। बाद में आरोपित प्रोफेसर कला संकाय अध्यक्ष कार्यालय भी गए। विभागाध्यक्ष के नाम पत्र में प्रो. बुदाती ने लिखा है कि मैंने 11 से 14 अगस्त की छुट्टी ली थी।
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मैं घर गया था, जहां मेरी तबीयत और खराब हो गई। छुट्टी बढ़ाने के लिए 27 अगस्त को ई-मेल और स्पीड पोस्ट से रजिस्ट्रार को पत्र दिया। अब मैं स्वस्थ हूं। मुझे पुनः ड्यूटी करने दिया जाए। विभागाध्यक्ष ने इस पत्र की मौखिक सूचना डीसीपी क्राइम को दी है। बता दें कि विवि प्रशासन की तरफ से प्रो. बुदाती का वेतन 18 अगस्त के बाद रोक दिया गया है।
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28 जुलाई को बिरला हास्टल के पास बाइक सवार युवकों ने प्रो. मूर्ति पर जानलेवा हमला किया था। स्टील की राड से मारकर उनका दोनों हाथ तोड़ दिया गया। मामले में पुलिस ने प्रो. बुदाती को हमले का मास्टरमाइंड बताया था। उनकी गिरफ्तारी के लिए कई टीमें गठित की गईं। लंका पुलिस ने प्रो. मूर्ति को बताया कि आरोपित प्रोफेसर को हाई कोर्ट से 15 सितंबर तक अग्रिम जमानत मिली है।
बोले पुलिस अधिकारी
बीएचयू के आरोपित प्रोफेसर ने अरेस्ट स्टे लिया है। 16 सितंबर तक उसकी समयावधि है, लिहाजा उसके बाद ही पुलिस कानूनी कार्रवाई करेगी। कोर्ट का सक्षम आदेश नहीं होगा तो पुलिस गिरफ्तार करेगी। सरवणन टी, डीसीपी क्राइम।
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