I Love Muhammad का जुलूस निकाल रहे लोगों ने पुलिस पर किया पथराव, इंस्पेक्टर की वर्दी के स्टार नोचे
उन्नाव के शुक्लागंज में आई लव मोहम्मद के जुलूस के दौरान पुलिस पर पथराव किया गया जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल होने से बाल-बाल बचे। प्रदर्शनकारियों ने इंस्पेक्टर की वर्दी के स्टार तक नोच डाले। पुलिस ने लाठीचार्ज कर भीड़ को खदेड़ा और कई लोगों को हिरासत में लिया जिनमें महिलाएं भी शामिल हैं। पुलिस हिरासत में लिए गए लोगों से पूछताछ कर रही है।

जागरण संवाददाता, उन्नाव। आई लव मोहम्मद (I Love Muhammad) को लेकर शुक्लागंज में जुलूस निकालने के दौरान पुलिस पर पथराव कर दिया गया। इसमें कई पुलिसकर्मी घायल होते बचे। प्रदर्शनकारियों ने इंस्पेक्टर के स्टार तक नोच डाले।
दरअसल, रविवार रात आई लव मोहम्मद को लेकर शुक्लागंज में काफी संख्या में लोग जुलूस निकाल रहे थे। किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पुलिस मनोहर नगर पहुंची। उन्हें जुलूस निकालने से रोका गया। तभी लोगों ने पुलिसकर्मियों से बहसबाजी शुरू कर दी। यह बहसबाजी नोकझोंक में बदल गई। लोगों को वहां से हटाने के लिए पुलिस ने लाठी पटककर उन्हें खदेड़ा। लोगों ने पुलिस पर पथराव कर दिया।
गंगाघाट इंस्पेक्टर समेत कई पुलिसकर्मी घायल होते बचे। इस दौरान लोग पुलिस से हाथापाई पर आमादा हो गए। आक्रोशित लोगों ने गंगाघाट कोतवाल अजय कुमार सिंह की वर्दी के स्टार तक नोच डाले। पथराव के दौरान कई पुलिसकर्मी बचाव करते हुए इधर-उधर भागने लगे। पुलिस ने लाठी चला कर भीड़ को खदेड़ा।
मामले में लगभग आधा दर्जन से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है। जिसमें कुछ महिलाएं भी बताई जा रही हैं। सीओ बीघापुर मधुपनाथ मिश्रा, सीओ सफीपुर सोनम सिंह समेत अन्य थानों की पुलिस फोर्स मौजूद है। पुलिस हिरासत में लिए गए लोगों से पूछताछ कर रही है।
बिना अनुमति निकाला जुलूस
इंटरनेट मीडिया से प्रेरित होकर मुस्लिम समुदाय के कुछ युवाओं ने आइ लव मुहम्मद के नारे लिखे हुए बैनर और पोस्टर लेकर शहर के साबितगंज से रविवार को दोपहर बाद जुलूस निकाल दिया। बिना अनुमति के जुलूस निकाले जाने को लेकर पुलिस ने आधा दर्जन लोगों को गिरफ्तार कर लिया। यह सभी किशोर उम्र के थे। किशोरों को पकड़े जाने के बाद साबितगंज मुहल्ले से मुस्लिम समुदाय के लोग कोतवाली पहुंच गए और उसके बाद पीस कमेटी की बैठक बुलाई गई जिसमें व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष आलोक दीक्षित, कामिल कुरेशी, हबीब हंसारी आदि नेताओं को बुलाकर प्रभारी निरीक्षक यशवंत सिंह ने वार्ता की और उसके बाद कोई जुलूस न निकालने का आश्वासन दिया गया। पुलिस ने सभी किशोरों को छोड़ दिया। यशवंत सिंह ने बताया कि कुछ किशोरों ने इंटरनेट मीडिया से प्रेरित होकर जुलूस निकाल दिया था। इनको रोका गया है। बगैर अनुमति के कोई जुलूस नहीं निकाला जाएगा।
यहां से शुरू हुआ मामला
कानपुर के रावतपुर के सैय्यद नगर में रामनवमी शोभायात्रा गेट के सामने टट्टर पर आइ लव मोहम्मद का बोर्ड लगाने को लेकर चार सितंबर को हंगामा हुआ था। एसीपी रंजीत कुमार ने लोगों को समझाकर मामला शांत का प्रयास किया। नाराज हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ता आइ लव मोहम्मद का बैनर हटाए जाने की मांग को लेकर अड़े रहे। करीब दो घंटे बाद बोर्ड को हटाया गया। इसके बाद एसआइ पंकज शर्मा ने 10 सितंबर को शराफत हुसैन, शबनूर आलम, बाबू अली, मोहम्मद सिराज, फजलू रहमान, इकराम अहमद, इकबाल, बंटी, कुन्नू कबाड़ी, 10-15 अज्ञात, दो वाहनों के नंबर पर सवार अज्ञात के खिलाफ रावतपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। उनके अनुसार, चार सितंबर की शाम सैयदनगर में जफर वाली गली के सामने मुस्लिम समुदाय ने बारावफात की रोशनी कार्यक्रम के लिए आइ लव मोहम्मद का लाइट बोर्ड सजाए गए गेट के सामने रास्ते पर लगाया गया था।
इसलिए हुआ केस
मुकदमा बारावफात की रोशनी कार्यक्रम के दौरान बिना अनुमति के गेट बनाने और भंडारे का बैनर फाड़ने पर हुआ है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है। पुलिस के मुताबिक अगर कोई निर्दोष है तो उसका नाम विवेचना से हटाया जाएगा। बोर्ड पूर्व में कभी नहीं लगा, जिसका स्थानीय लोगों ने विरोध किया तो बोर्ड दूसरी जगह लगवाकर मामला शांत करा दिया गया, लेकिन पांच सितंबर को बारावफात जुलूस निकालने के दौरान रावतपुर गांव की हिंदू बस्ती में मुस्लिम समुदाय के कुछ अज्ञात युवकों ने भंडारे के बैनर को डंडों से फाड़ दिया, लेकिन मुस्लिम समुदाय ने आइ लव मोहम्मद लिखे होने पर मुकदमा होना समझा और अब विरोध करने लगे।
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