जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने सोनभद्र में बहन से बंधवाई राखी, लिया आशीर्वाद
Sonbhadra news जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने सोनभद्र के आमडीह में अपनी बहन आभा राय से राखी बंधवाकर आशीर्वाद लिया। उन्होंने बहन के घर भोजन किया और फिर वाराणसी एयरपोर्ट के लिए रवाना हो गए। हर साल रक्षाबंधन पर मनोज सिन्हा अपनी बहन के घर आते हैं।
जागरण संवाददाता, सुकृत (सोनभद्र)। जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने रक्षाबंधन के अवसर पर अपनी बड़ी बहन आभा राय से सुबह 10:15 बजे आमडीह में राखी बंधवाकर उनका आशीर्वाद लिया।
इस विशेष अवसर पर उपराज्यपाल ने अपनी बहन के पैर छूकर प्रणाम किया, जिसके बाद आभा राय ने उन्हें मिठाई खिलाकर आशीर्वाद दिया। उपराज्यपाल ने इस पारिवारिक समारोह के बाद 11:45 बजे वाराणसी एयरपोर्ट के लिए कार से प्रस्थान किया। इससे पहले, उन्हें पुलिस द्वारा गार्ड आफ आनर दिया गया।
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मनोज सिन्हा शुक्रवार रात लगभग 9 बजे मधुपुर के आमडीह गांव में अपनी बहन के घर पहुंचे थे। वहां पहले से मौजूद जिलाधिकारी बीएन सिंह, पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीणा और बहनोई डा. अरुण राय ने उनका स्वागत किया। इस दौरान सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए थे, ताकि उपराज्यपाल की यात्रा सुरक्षित और सुचारू रूप से हो सके।
उपराज्यपाल हर वर्ष रक्षाबंधन के पर्व पर अपनी बहन के घर जाकर इस परंपरा को निभाते हैं। यह न केवल पारिवारिक संबंधों को मजबूत करने का एक अवसर है, बल्कि यह भाई-बहन के रिश्ते की मिठास को भी दर्शाता है। उपराज्यपाल ने सभी से वादा किया कि वे जल्द ही फिर से आएंगे, जिससे परिवार के सदस्यों में खुशी का माहौल बना रहा।
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इस अवसर पर मीडिया कर्मियों ने भी उपराज्यपाल की गतिविधियों को कवर करने के लिए दूर से ही नजर रखी। उपराज्यपाल का यह पारिवारिक दौरा न केवल व्यक्तिगत संबंधों को दर्शाता है, बल्कि यह उनके मानवीय पहलू को भी उजागर करता है।
मनोज सिन्हा का यह दौरा रक्षाबंधन के पर्व की महत्ता को भी दर्शाता है, जिसमें भाई-बहन के बीच प्रेम और स्नेह का आदान-प्रदान होता है। इस प्रकार के पारिवारिक समारोहों से समाज में एकता और भाईचारे की भावना को बढ़ावा मिलता है।
उपराज्यपाल का यह दौरान न केवल उनके परिवार के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह समाज में पारिवारिक मूल्यों को भी प्रोत्साहित करता है। इस प्रकार, मनोज सिन्हा का यह दौरा एक प्रेरणादायक उदाहरण प्रस्तुत करता है कि कैसे सार्वजनिक जीवन में रहते हुए भी पारिवारिक संबंधों को महत्व दिया जा सकता है।
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