ईएसआइसी अस्पताल में पहली बार हई यूरेट्रोस्कोपिक लिथोट्रिप्सी सर्जरी, स्टोन बनने से मिली मुक्ति
वाराणसी के कर्मचारी राज्य बीमा निगम मेडिकल कॉलेज में पहली बार यूरेट्रोस्कोपिक लिथोट्रिप्सी सर्जरी हुई। यूरोलॉजी विभाग के चिकित्सक डा. मजीत सिंह ने यह सफल ऑपरेशन किया। मरीज प्रदीप कुमार कई महीने से पेशाब की नली में स्टोन की समस्या से परेशान थे। पेशाब को जोड़ने वाली नली में स्थित स्टोन को यूरेट्रोस्कोपी मशीन से महीन करके निकाला गया।

जागरण संवाददाता, वाराणसी : किडनी से पेशाब नली को जोड़ने वाली नली में स्थित स्टोन को यूरेट्रोस्कोपी मशीन से निकालने की सर्जरी जिले में पहली बार की गई है। यूरोलाजी ओपीडी का संचालन सोमवार, मंगलवार व गुरुवार को सुबह 10 से दाेपहर दो बजे तक किया जाता है।
पांडेयपुर स्थित कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआइसी) मेडिकल कालेज एंड हास्पिटल में शुक्रवार को पहली बार यूरेट्रोस्कोपिक लिथोट्रिप्सी सर्जरी हुई। यह सफल आपरेशन यूरोलाजी विभाग में नव नियुक्त चिकित्सक डा. मजीत सिंह ने किया। बताया कि 32 प्रदीप कुमार कई माह से परेशान थे। बार-बार पेशाब की नली यानी यूरेटिटर में स्टोन बन जा रहा था। इसके कारण उनको समस्या होती थी।
यह भी पढ़ें : सावन पूर्णिमा पर सपरिवार विराजेंगे श्रीकाशी विश्वनाथ, धाम में बाबा का झूलनोत्सव
किडनी से पेशाब को जोड़ने वाली नली में स्थित स्टोन को यूरेट्रोस्कोपी मशीन से उसी जगह महीन कर दिया गया। इसके बाद एक स्टेंट लगा दिया गया। यह एक अत्याधुनिक विधि है। बताया कि मरीज को दो दिन आब्जर्वेशन में रखने के बाद छुट्टी कर दी जाएगी।
यूरेट्रोस्कोप एक महीन टेलीस्कोप होता है जिसे पेशाब के रास्ते प्रवेश कराया जाता है। इस प्रक्रिया को यूरेट्रोस्कोपिक लिथोट्रिप्सी सर्जरी कहा जाता है। यूआरएसएल (यूरेटेरोस्कोपिक लिथोट्रिप्सी) सर्जरी गुर्दे की पथरी के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली एक सामान्य प्रक्रिया है। यूआरएसएल सर्जरी गुर्दे की पथरी, खासकर छोटी पथरी के इलाज में प्रभावी है।
बोले अधिकारी
इस अस्पताल में धीरे-धीरे सभी सुविधाएं बढ़ाई जा रही है। कई सुपर स्पेशियलिटी विभाग के चिकित्सक एवं शिक्षक नियुक्त किए जा चुके हैं। यहां पर पहली बार यूरोलाजी विभाग की ओर से आपरेशन किया गया है। इससे मरीजों को बहुत राहत मिलेगी। आगे भी कई सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी। डा. मंजीत सिंह द्वारा यूरोलाजी ओपीडी का संचालन सोमवार, मंगलवार व गुरुवार को सुबह 10 से दाेपहर दो बजे तक हो रहा है। - डा. प्रभास राय, चिकित्सा अधीक्षक।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।