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    सावन पूर्ण‍िमा पर सपरिवार विराजे श्रीकाशी विश्वनाथ, धाम में बाबा का झूलनोत्सव

    Updated: Sat, 09 Aug 2025 12:17 PM (IST)

    वाराणसी में सावन पूर्णिमा के अवसर पर श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में बाबा का झूलनोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है। सुबह से ही भक्त कतार में लगकर बाबा विश्वनाथ का दर्शन कर रहे हैं और उन्हें बेल पत्र दूध-जल और राखियां अर्पित कर रहे हैं। दोपहर तीन बजे काशीपुराधिपति सपरिवार झूले पर विराजमान होंगे जिसके बाद भक्त बाबा को झूला झुलाएंगे।

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    सावन मास में हर सोमवार को बाबा का अलग-अलग रूपों में शृंगार किया जाता है।

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। सावन माह के प्रमुख द‍िन सावन पूर्णिमा पर शनिवार को श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में बाबा का झूलनोत्सव मनाया जा रहा है। बड़ी संख्या में भक्त सुबह से कतार में लगकर बाबा का दर्शन कर रहे हैं और बेल पत्र, दूध-जल के साथ ही राखियां भी बाबा को अर्पित कर रहे हैं।

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    दोपहर तीन बजे काशीपुराधिपति सपरिवार झूले पर विराजे और भक्तगणों ने बाबा को झूला झुलाया। सावन मास में बाबा की हर सोमवार अलग-अलग स्वरूप में शृंगार झांकी सजाई जाती है और सावन की पूर्णिमा पर झूला शृंगार किया जाता है।

    सावन माह के प्रमुख दिन सावन पूर्णिमा पर शनिवार को श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में बाबा का झूलनोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस अवसर पर बड़ी संख्या में भक्त सुबह से ही कतार में लगकर बाबा का दर्शन कर रहे हैं। भक्तगण बेल पत्र, दूध-जल के साथ-साथ राखियां भी बाबा को अर्पित कर रहे हैं, जो इस पर्व की विशेषता है।

    दोपहर तीन बजे काशीपुराधिपति अपने परिवार के साथ झूले पर विराजेंगे, जहां भक्तगण बाबा को झूला झुलाएंगे। सावन मास में हर सोमवार बाबा की अलग-अलग स्वरूप में शृंगार झांकी सजाई जाती है, और सावन की पूर्णिमा पर विशेष रूप से झूला शृंगार किया जाता है। यह परंपरा भक्तों के लिए एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करती है, जिसमें वे अपने श्रद्धा और भक्ति के साथ बाबा का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

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    झूलनोत्सव का आयोजन हर वर्ष सावन पूर्णिमा के दिन किया जाता है, जो भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक अवसर है। इस दिन भक्तगण अपने परिवार और मित्रों के साथ मिलकर बाबा के दरबार में पहुंचते हैं और अपनी मनोकामनाएं पूरी करने के लिए प्रार्थना करते हैं। इस अवसर पर मंदिर परिसर में विशेष सजावट की जाती है, जिससे वातावरण भक्ति और श्रद्धा से भर जाता है।

    भक्तों की संख्या को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। मंदिर परिसर में पुलिस बल तैनात किया गया है ताकि किसी भी प्रकार की अव्यवस्था न हो। भक्तों को दर्शन के लिए उचित व्यवस्था प्रदान की जा रही है, जिससे वे आसानी से बाबा का दर्शन कर सकें।

    सावन पूर्णिमा का यह पर्व न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह सामाजिक एकता और भाईचारे का भी प्रतीक है। भक्तगण इस दिन एक-दूसरे को राखियां बांधते हैं, जो भाई-बहन के रिश्ते को और मजबूत बनाता है। इस प्रकार, सावन पूर्णिमा का झूलनोत्सव न केवल आध्यात्मिक बल्कि सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।

    इस प्रकार, श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में मनाया जाने वाला झूलनोत्सव भक्तों के लिए एक अद्वितीय अनुभव है, जो उनकी आस्था और भक्ति को और भी गहरा करता है।

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