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    बसपा के पूर्व एमएलसी इकबाल पर कसा शिकंजा: 995 करोड़ की संपत्ति कुर्क, सत्ता बदलते ही शुरू हुए बुरे दिन

    Updated: Sat, 01 Mar 2025 11:25 AM (IST)

    Haji Iqbal Saharanpur News ईडी ने बसपा के पूर्व एमएलसी इकबाल और उनके रिश्तेदारों की करीब 995 करोड़ की संपत्ति कुर्क की है। इसमें औने-पौने दामों में खरीदी गई तीन चीनी मिलों की खुली जमीन भवन और मशीनरी शामिल हैं। सत्ता बदलते ही इकबाल के बुरे दिन शुरू हो गए थे। अभी तक इकबाल की तलाश पुलिस नहीं कर सकी है।

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    Saharanpur News: बसपा के पूर्व एमएलसी थे हाजी इकबाल।

    जागरण संवाददाता, सहारनपुर। चीनी मिल खरीद घोटाले में ईडी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए बसपा के पूर्व एमएलसी इकबाल और उसके रिश्तेदारों की करीब 995 करोड़ की संपत्ति कुर्क की है। इसमें औने-पौने दामों में खरीदी गई तीन चीनी मिलों की खुली जमीन, भवन और मशीनरी शामिल हैं। ईडी ने इंटरनेट मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट कर जानकारी दी है।

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    बसपा सरकार के कार्यकाल में वर्ष 2010-11 में 21 चीनी मिलों को औने-पौने दामों में बेचा गया था। इनमें चीनी निगम की 10 संचालित व 11 बंद पड़ी मिलें शामिल थीं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वर्ष 2018 में घोटाले की सीबीआइ जांच कराने की सिफारिश की थी।

    प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत की कार्रवाई

    सीबीआइ ने एफआइआर दर्ज की थी। उस समय आरोप लगा था कि इकबाल और उसके सहयोगियों ने धोखाधड़ी कर विनिवेश प्रक्रिया के जरिए यूपी में कई चीनी मिलों का धोखाधड़ी से अधिग्रहण किया था। इस एफआइआर के आधार पर ही ईडी ने भी धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत जांच शुरू कर दी थी।। जांच में सामने आया था कि चीनी मिलों का बहुत कम कीमत पर मूल्यांकन किया था। नीलामी के जरिये यह अधिग्रहण किया गया था।

    डमी निदेशक और फर्जी लेनदेन का पता चला था

    जांच के बाद ईडी ने पूर्व एमएलसी इकबाल और रिश्तेदारों के स्वामित्व वाली मैसर्स मालो इंफ्राटेक प्रा. लिमिटेड, मैसर्स डायनेमिक शुगर्स प्रा. लिमिटेड और मैसर्स हनीवेल शुगर्स प्रा. लिमिटेड चीनी मिल की संपत्ति कुर्क कर ली। ये चीनी मिल देवरिया के बैतलपुर, भटनी और शाहगंज में स्थित हैं। शेल कंपनियों के जरिये खरीदी थीं सात चीनी मिल : पूर्व एमएलसी इकबाल और उसके परिवार के सदस्यों ने 2010-11 के दौरान चीनी मिलों के विनिवेश की बोली प्रक्रिया में भाग लिया था। उन्होंने विभिन्न शेल कंपनियों (मुखौटा कंपनी) के माध्यम से सात चीनी मिलों का अधिग्रहण किया था। इसमें विभिन्न शेल कंपनियों के डमी निदेशक और फर्जी लेनदेन का पता चला था।

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    ये शुगर मिल्स

    ये शुगर मिल्स बाराबंकी, देवरिया, कुशीनगर और बरेली में स्थित हैं। इकबाल और परिवार की गिरीशो कंपनी प्रा. लि. और नम्रता मार्केटिंग प्रा. लि. ने बोली लगाकर सात चीनी मिलों एब्लेज चीनी मिल्स प्राइवेट लिमिटेड, आदर्श शुगर प्राइवेट लिमिटेड, एजिल शुगर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, इकोन शुगर मिल्स प्राइवेट लिमिटेड, मेजेस्टी शुगर साल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, मास्टिफ शुगर साल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड और ओकरा शुगर्स प्राइवेट लिमिटेड को खरीदा था। 

    सत्ता बदलते ही शुरू हुए इकबाल के बुरे दिन

    प्रदेश में वर्ष 2017 में भाजपा सरकार के आते ही पूर्व बसपा एमएलसी इकबाल के बुरे दिन शुरू हो गए थे। इकबाल के आवास पर बुलडोजर भी गरजा। उसके बेटों और करीबियों की गिरफ्तारी हुईं। ताबड़तोड़ कार्रवाई के बीच हाजी इकबाल फरार होने में कामयाब रहा। माना जा रहा है कि वह इन दिनों दुबई में है। पुलिस ने पूर्व एमएलसी इकबाल के खिलाफ गैंग्स्टर समेत 36 मुकदमे दर्ज किए थे। हालांकि बाद में उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद कुछ मुकदमे खारिज हो गए। इकबाल और उसके साथियों की लखनऊ, गौतमबुद्धनगर, सहारनपुर समेत 63 स्थानों पर संपत्ति चिह्नित की गई थी।

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    इकबाल को गिरोह का सरगना घोषित किया गया था

    गैंगेस्टर मामले में इकबाल को गिरोह का सरगना घोषित किया गया था। गिरोह में शामिल इकबाल उर्फ बाला के अलावा अब्दुल वाजिद, जावेद, मोहम्मद अफजाल, आलीशान निवासीगण गांव मिर्जापुर पोल, राव लईक निवासी रायपुर, नसीम निवासी मिर्जापुर पोल पर पुलिस ने गैंगस्टर लगाई थी। इन सभी लोगों की संपत्तियों को चिह्नित कर जिला प्रशासन ने इकबाल और उनके साथियों की 506 करोड़ की संपत्ति कुर्क की थी। विभिन्न मामलों में पूर्व एमएलसी और सहयोगियों की कुल चार हजार करोड़ से ज्यादा की संपत्ति कुर्क की जा चुकी है।