Azam Khan ने जिस IAS Officer के लिए कहा था 'जूते साफ कराऊंगा', उसी ने संकट में डाल दी राजनीति
Azam Khan Punishment Full Story समाजवादी पार्टी के फायर ब्रांड नेता आजम खां ने जिस आइएएस अफसर से जूते साफ कराने की बात कही थी उसी ने उन्हें सबक सिखा दिया। उनकी राजनीति को ही संकट में डाल दिया।

रामपुर, (मुस्लेमीन)। Azam Khan Punishment Full Story : समाजवादी पार्टी के फायर ब्रांड नेता आजम खां ने जिस आइएएस अफसर से जूते साफ कराने की बात कही थी, उसी ने उन्हें सबक सिखा दिया। उनकी राजनीति को ही संकट में डाल दिया। तीन साल की सजा होने से उनकी विधायकी भी खतरे में पड़ गई है।
अभी 92 मुकदमों में फैसला आना बाकी
आजम खां के खिलाफ अभी तक सिर्फ एक ही मुकदमा निस्तारित हो सका है। अभी 92 मुकदमों में फैसला आना बाकी है।सपा के राष्ट्रीय महासचिव आजम खां सत्ता में रहे हों या विपक्ष में, हमेशा अफसरों को निशाना बनाते रहे। अधिकारी भी उनके सामने बोलने की हिम्मत नहीं जुटा पाते थे, लेकिन मुरादाबाद के मंडलायुक्त आन्जनेय कुमार सिंह ने ऐसा सबक सिखाया कि उनकी राजनीति ही खतरे में पड़ गई है।
आजम खां ने अफसरों पर साधा था निशाना
आन्जेय कुमार साल 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान रामपुर में जिलाधिकारी थे। तब वह जिला निर्वाचन अधिकारी की जिम्मेदारी भी निभा रहे थे। आचार संहिता का अनुपालन कराने के लिए अफसरों को जिम्मेदारी सौंप रखी थी, लेकिन आजम खां अफसरों पर ही निशाना साध रहे थे। जिलाधिकारी के बारे में भी अमर्यादित टिप्पणी कर रहे थे।
आजम अपशब्द बोलते रहे, डीएम मुकदमे कराते रहे
डीएम से जूते साफ कराने की बात भी कह डाली थी। आजम खां अपशब्द बोलते गए और डीएम मुकदमे दर्ज कराते गए। गुरुवार को जिस मुकदमे में सजा हुई, उसकी एफआइआर में ही लिखा है कि कलक्टर अंधा हो गया है। इस जैसे जाने कितने कलक्टर ने मेरे दफ्तर में खड़े होकर पेशाब किया है। लोकसभा चुनाव के बाद भी आजम खां के खिलाफ बड़े पैमाने पर मुकदमे दर्ज हुए। उन्हे भू माफिया भी घोषित किया।
आन्जनेय कुमार रामपुर में दो साल डीएम रहे
बाद में मजबूत पैरवी भी कराई। इसी के चलते सजा भी हो गई। आन्जनेय कुमार रामपुर में करीब दो साल डीएम रहे। पदोन्नति पाकर मुरादाबाद के मंडलायुक्त बने। उनका कहना है कि प्रशासन ने एफआइआर में जो आरोप लगाए थे, उसे अदालत ने भी सही माना है। वह हम पर गलत आरोप लगाते रहे। कोर्ट के फैसले से सच्चाई सामने आ गई है। हमने पूरी तरह निष्पक्ष चुनाव कराया था।
मुसीबत में आजम का पूरा परिवार
आजम खां का पूरा परिवार ही मुसीबत में फंसा है। आजम खां के खिलाफ 93 मुकदमे दर्ज हैं तो उनकी पत्नी पूर्व सांसद तजीन फात्मा के खिलाफ 34 मुकदमे चल रहे हैं। उनके बेटे विधायक अब्दुल्ला आजम के खिलाफ 46 और बड़े बेटे अदीब आजम के खिलाफ 32 मुकदमे हैं। आजम खां की बहन निखत अफलाक पर भी 30 मुकदमे दर्ज हैं।
आजम की पत्नी और बेटे पर भी मुकदमे
आजम खां 26 फरवरी 2020 को पत्नी और बेटे अब्दुल्ला के साथ कोर्ट में हाजिर हुए थे। उनकी पत्नी 10 माह बाद और बेटे 23 बाद जमानत पर जेल से बाहर आ सके थे। आजम खां इसी साल 20 मई को सीतापुर जेल से छूटे थे। इसके बाद उनकी तबीयत खराब हो गई। कई बार अस्पताल जाना पड़ा। दिल की नस ब्लाक होने पर स्टेंट डाला गया।
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