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    Azam Khan को कैसे मिली सजा, कितने गवाह पेश किए गए, यहां जानें मुकदमे का पूरा सफरनामा

    By Bhaskar SinghEdited By: Samanvay Pandey
    Updated: Fri, 28 Oct 2022 09:38 AM (IST)

    Azam Khan Punishment Full Story रामपुर शहर विधायक आजम खां के खिलाफ भड़काऊ भाषण के जिस मामले में गुरुवार को एमपी-एमएल स्पेशल कोर्ट ने फैसला सुनाया उसकी सुनवाई सात माह में पूरी हो गई। यह प्राथमिकी मिलक कोतवाली में नौ अप्रैल 2019 को पंजीकृत हुई थी।

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    Azam Khan Punishment Full Story : आचार संहिता मामले में अन्य नेताओं को भी हो चुकी है सजा

    जागरण संवाददाता, रामपुर। Azam Khan Punishment Full Story : रामपुर शहर विधायक आजम खां के खिलाफ भड़काऊ भाषण के जिस मामले में गुरुवार को एमपी-एमएल स्पेशल कोर्ट ने फैसला सुनाया, उसकी सुनवाई सात माह में पूरी हो गई। यह प्राथमिकी मिलक कोतवाली में नौ अप्रैल 2019 को पंजीकृत हुई थी।

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    आजम खां के खिलाफ 2020 में दर्ज हुआ था आरोप पत्र

    17 मार्च 2020 में पुलिस द्वारा आरोप पत्र अदालत में दाखिल किया गया। अदालत ने इस पर उसी दिन संज्ञान ले लिया था। चार मार्च 2022 से इसमें गवाही की प्रक्रिया शुरू हुई। पूरे मुकदमे में 10 लोगों की गवाही हुई। इसमें अभियोजन पक्ष की ओर से पांच गवाह पेश किए गए।

    जानें कौन-कौन थे गवाह

    • एक गवाह मुकदमा वादी अनिल कुमार चौहान थे। वह पंचायत अधिकारी हैं। घटना के समय उन्हें वीडियो अवलोकन टीम का प्रभारी नियुक्त किया गया था।
    • दूसरे गवाह वीडियो निगरानी टीम के प्रभारी चंद्रपाल सिंह थे।
    • तीसरे गवाह वीडियोग्राफर योगेंद्र कुमार थे।
    • चौथे गवाह के रूप में अभियोजन ने एफआइआर लेखक सिपाही जोगेंद्र सिंह।
    • पांचवें गवाह उप निरीक्षक ब्रजेश कुमार सिंह थे। उनके द्वारा ही मुकदमे की विवेचना की गई थी।
    • इन सभी गवाह ने घटना का समर्थन करते हुए आजम खां के खिलाफ गवाही दी।

    आजम खां के बचाव में किसने दी गवाही

    • आजम खां के बचाव में भी पांच लोगों ने गवाही दी।
    • अमरजीत सिंह सपा के टिकट पर इसी साल हुए विधानसभा चुनाव में बिलासपुर सीट से प्रत्याशी थे।
    • नगर पालिकाध्यक्ष बिलासपुर मोहम्मद हसन।
    • सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष अखिलेश कुमार।
    • शाहबाद नगर पंचायत की अध्यक्ष शमा परवीन।
    • उसामा परवीन पत्नी जलील अहमद ने आजम खां के पक्ष में गवाही दी।

    जानें आजम के बचाव में क्या कहा

    बचाव पक्ष के गवाहों का कहना था कि आजम खां ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया था। गवाही की प्रक्रिया के बाद अभियाेजन की ओर से 15 अक्टूबर को बहस भी पूरी हो गई। इसके बाद बचाव पक्ष ने बहस की। दोनों पक्षों की बहस पूरी होने के बाद गुरुवार को अदालत ने फैसला सुना दिया।

    आचार संहिता उल्लंघन में जानें किसको-किसको मिली सजा

    हाईकोर्ट के आदेश पर माननीयों के मामलों की सुनवाई के लिए विशेष न्यायालय गठित किए गए हैं। इनमें बहुत तेजी से सुनवाई की प्रक्रिया चल रही है। इससे पहले पूर्व मंत्री नवेद मियां को अदालत ने पहली अगस्त को आचार संहिता के मामले में तीन माह कैद की सजा सुनाई थी।

    उन्होंने सेशन कोर्ट में अपील की थी। वहां सुनवाई के बाद उन्हें आरोपों से बरी कर दिया गया था। चार अगस्त को पूर्व मंत्री शिव बहादुर सक्सेना और जिला पंचायत अध्यक्ष ख्यालीराम लोधी को भी एक-एक माह की सजा सुनाई गई। पूर्व विधायक संजय कपूर को भी छह माह की सजा हो चुकी है।

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