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    सपा शासन में Azam Khan की भैंसों का भी था रुतबा, पुलिस थाने में भैंसों को मिला था वीआईपी ट्रीटमेंट

    By Mohd MuslemeenEdited By: Samanvay Pandey
    Updated: Fri, 28 Oct 2022 12:39 PM (IST)

    Azam Khan News समाजवादी पार्टी की सरकार में जब अखिलेश यादव मुख्यमंत्री थे तब आजम खां संसदीय कार्य और नगर विकास समेत आठ विभागों के मंत्री थे। रामपुर जिले में ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में उनका जलवा था। उनके आगे पीछे अफसरों का काफिला चलता था।

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    Azam Khan News : सपा शासन में आजम खां की भैंसों का भी था रुतबा

    रामपुर (मुस्लेमीन)। Azam Khan News :  समाजवादी पार्टी की सरकार में जब अखिलेश यादव मुख्यमंत्री थे तब आजम खां संसदीय कार्य और नगर विकास समेत आठ विभागों के मंत्री थे। रामपुर जिले में ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश में उनका जलवा था। उनके आगे पीछे अफसरों का काफिला चलता था। उस दौर में आजम खां ही नहीं, बल्कि उनकी भैंसों का भी रुतबा था।

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    आजम खां की भैंसेंं चोरी होने की कहानी

    जनवरी 2014 में आजम खां के तबेले से सात भैंसे चोरी हो गई थीं। कड़ाके की ठंड में तत्कालीन पुलिस अधीक्षक साधना गोस्वामी पूरी रात जिलेभर की पुलिस के साथ भैंसें तलाश करती रही थीं। 24 घंटे में ही भैंसें बरामद भी हो गई थीं। इस घटना के बाद आजम खां के तबेले में पांच और भैंसें हरियाणा से लाई गई थी। इन्हें रास्ते में सहारनपुर में रात्रि विश्राम कराया गया था। जहां पुलिस की ओर से इन्हें वीआईपी ट्रीटमेंट मिला था।

    हरे चारे के साथ भैंसों को मिला था गुड़

    हरे चारे के साथ ही गुड़ भी खिलाया गया था। इन्हें मच्छर न लगें, इसकी व्यवस्था भी की गई थी। आज आजम खां खुद ही भैंस चोरी, बकरी चोरी, किताब चोरी, फर्नीचर चोरी, जमीने कब्जाने और लूटपाट के आरोपों में घिरे हैं। उनके खिलाफ 93 मुकदमे अदालतों में विचाराधीन है। भड़काऊ भाषण के एक मुकदमे में उन्हें गुरुवार को ही तीन साल की सजा हुई है।

    अदालत ने फैसले में आजम के लिए क्या कहा

    अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि आजम खां ने जिन-जिन शब्दों का प्रयोग किया और जिस उद्देश्य से उन शब्दों का प्रयोग किया गया, वह विधि की दृष्टि से भड़काऊ, घृणित, समाज को बांटने वाले तथा सरकार व प्रशासन को अपमानित करने वाले हैं। सरकार के प्रति घृणा उत्पन्न करने वाले और लोक प्रशांति व लोक क्षेम को हानि पहुंचाने वाले हैं, इसलिए अभियुक्त को दंडित किया जाना न्यायोचित प्रतीत होता है।

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