प्रयागराज में गैर जमींदारी भूमि का Khewat होगा आनलाइन, जमीनों के दस्तावेजों का रुकेगा फर्जीवाड़ा, थमेंगे विवाद
प्रयागराज में गैर जमींदारी भूमि के खेवट को आनलाइन करने का ट्रायल शुरू हो गया है। इसके लिए 20 मजिस्ट्रेटों की टीम बनाई गई है। राजस्व परिषद साफ्टवेयर को अपडेट कर रहा है जिसके बाद खेवट की फीडिंग शुरू होगी। खेवट के आनलाइन होने से राजस्व वादों का बोझ कम होगा और जमीनों के दस्तावेजों का फर्जीवाड़ा भी रुकेगा।

जागरण संवाददाता, प्रयागराज। गैर जमींदारी भूमि के खेवट को आनलाइन करने का ट्रायल प्रयागराज में शुरू करा दिया गया। इसके लिए जनपद में कुल 20 मजिस्ट्रेट लगाए गए हैं। इन मजिस्ट्रेटों के साथ गैर जमींदारी भूमि (नान जेडए) के राजस्व निरीक्षकों व लेखपालों की टीम भी लगाई गई है।ट्रायल के बाद एक साथ जिले के सभी गांवों की खेवट को आनलाइन करने की प्रक्रिया शुरू कराई जाएगी।
खेवट के आनलाइन कराए जाने के लिए ट्रायल के साथ ही राजस्व परिषद इससे संबंधित साफ्टवेयर को भी अपडेट कराने में जुट गया है। ट्रायल के बाद नए साफ्टवेयर में खेवट की फीडिंग शुरू करा दी जाएगी। इसके लिए सभी आठ तहसीलों के एसडीएम व तहसीलदार के साथ ही चार एसीएम भी लगाए गए हैं।
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ये एसडीएम, तहसीलदार और एसीएम संबंधित राजस्व निरीक्षक तथा लेखपालों की टीम से हर गांव का डाटा लेकर उसकी फीडिंग कराए जाएंगे, जिसके बाद खेवट आनलाइन हो जाएगी। जिले में 838 गाटा नान जेडए के हैं जबकि 15347 गाटा आंशिक नान जेडए के हैं।
संपूर्ण और आंशिक दोनों तरह के गाटों को आनलाइन किया जाएगा। खेवट के आनलाइन होने से न्यायालयों में राजस्व वादों का बोझ कम होने के साथ ही आपसी विवादों पर भी अंकुश लग सकेगा। जेडए की जमीनों की खतौनी पहले से ही आनलाइन हो चुकी है।
एडीएम नजूल संजय कुमार पांडेय का कहना है कि खेवट को आनलाइन कराए जाने के लिए ट्रायल शुरू करा दिया गया है। इसके बाद फीडिंग का कार्य शुरू होगा, जिसके बाद खेवट आनलाइन हो जाएगी। खेवट के आनलाइन होने से तमाम तरह के विवाद नहीं होंगे। इससे जमीनों के दस्तावेजों का फर्जीवाड़ा भी रुकेगा।
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