Maha Kumbh 2025 में हर घाट पर होगा अमृत स्नान, भीड़ प्रबंधन को बना मास्टर प्लान, श्रद्धालुओं की सुरक्षा ही प्राथमिकता
पुलिस अधिकारियों ने भीड़ प्रबंधन का अहम प्लान बनाया है जिसके तहत हर घाट पर श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्नान कराया जा रहा है। इसके साथ ही संगम की तरफ जाने वाली भीड़ को कम करने पर जोर देते हुए स्नानार्थियों की सुविधा का भी ध्यान दिया जा रहा है। ताकि उन्हें कम से कम पैदल चलना पड़े और स्नान करके सकुशल अपने गंतव्य तक वापस पहुंचा सकें।

जागरण संवाददाता, महाकुंभ नगर। हर घाट पर हो स्नान, भीड़ प्रबंधन का अहम प्लान। जी हां। विश्व प्रसिद्ध संगम नगरी में आस्था का ज्वार फूट पड़ा है। यहां देश-विदेश के श्रद्धालुओं, स्नानार्थियों और पर्यटकों की भीड़ पुण्य लाभ प्राप्त करने, सनातन संस्कृति को जानने-समझने के लिए आतुरता के साथ आ रही है। ऐसे में पुलिस-प्रशासन के सामने भीड़ का प्रबंधन बड़ी चुनौती मानी जा रही है।
इसके लिए पुलिस अधिकारियों ने भीड़ प्रबंधन का अहम प्लान बनाया है, जिसके तहत हर घाट पर श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्नान कराया जा रहा है। इसके साथ ही संगम की तरफ जाने वाली भीड़ को कम करने पर जोर देते हुए स्नानार्थियों की सुविधा का भी ध्यान दिया जा रहा है। ताकि उन्हें कम से कम पैदल चलना पड़े और स्नान करके सकुशल अपने गंतव्य तक वापस पहुंचा सकें।
सेवा-सत्कार में कोई कमी नहीं
वह अपने साथ बेहतर अनुभव लेकर घर लौंटे, इसके लिए श्रद्धालुओं की सेवा-सत्कार में कोई कमी नहीं रख रहे हैं। पौष पूर्णिमा पर सोमवार शाम 1.65 करोड़ से अधिक श्रद्धालु संगम और गंगा में आस्था की डुबकी लगा चुके हैं। इस स्नान पर्व पर पुलिस की ओर से बनाई गई योजना सफल रही, लेकिन जिस तेज गति से स्नानार्थियों की भीड़ मेला क्षेत्र में पहुंच रही है, उसे चुनौती के रूप में पुलिस अधिकारी स्वीकार करते हुए अपनी योजनाओं को और मजबूत बना रहे हैं।
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कल है शाही स्नान
मंगलवार को अखाड़ों का अमृत स्नान यानी शाही स्नान भी है, जिनका विराट वैभव देखने के लिए भी एकाएक श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। इसके अलावा वाराणसी, लखनऊ, कानपुर, बांदा, मिर्जापुर समेत अन्य सड़क मार्ग, ट्रेन और हवाई जहाज से भी लगातार तीर्थ यात्री आ रहे हैं। इन सबको देखते हुए पुलिस अधिकरियों ने इनर कार्डेन और आउटर कार्डेन के अनुरूप सुरक्षा, यातायात व भीड़ प्रबंधन के अनुसार योजना बनाकर लागू किए जाने की तैयारी है।
भीड़ प्रबंधन पर दिया जाएगा जोर
प्लान एक, दो और तीन बनाए गए हैं, जिसे भीड़ के अनुसार लागू किया जाएगा। हालांकि सबसे अहम प्लान में हर घाट पर श्रद्धालुओं के स्नान को शामिल किया गया है, जिससे भीड़ किसी एक घाट पर केंद्रित न हो सके। मंगलवार शाम तक तीन करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के स्नान करने का अनुमान लगाया गया है, उसी के अनुसार, व्यवस्था को पूरी तरह से मजबूत बनाया जा रहा है। महाकुंभ मेला, कमिश्नरेट, रेंज और जोन के सभी जिलों की पुलिस से भी समन्वय बनाया गया है।
ज्यादा देर न रुकने पाए भीड़
मेला क्षेत्र में एक ही स्थान पर भीड़ को ज्यादा देर नहीं रुकने की योजना भी बनाई गई है। इसके तहत मेले में ड्यूटी कर रहे सभी सुरक्षाकर्मियों को निर्देशित किया गया है, जहां भी भीड़ एकत्रित रहे, उनसे अनुरोध करके आगे बढ़ने के लिए कहें। एक स्थान पर भीड़ के अधिक समय तक रुकने के कारण जहां भगदड़ की संभावना रहती है।
वहीं सुगम यातायात भी प्रभावित होता है। इसके साथ ही टीथर ड्रोन और एआइ तकनीक से युक्त सीसीटीवी के जरिए भी इनपुट लेकर भीड़ व यातायात प्रबंधन को सशक्त किया जा रहा है।
- जौनपुर के रास्ते आने वाले श्रद्धालु निर्धारित पार्किंग में वाहन खड़ा करके पैदल ओल्ड जीटी मार्ग से मेला क्षेत्र में प्रवेश करेंगे। इसके बाद निर्धारित घाट पर स्नान करेंगे।
- वाराणसी मार्ग की ओर से आने वाले स्नानार्थी अलग-अलग पार्किंग में वाहन खड़ा करेंगे। फिर पैदल चलकर छतनाग मार्ग होकर मेला क्षेत्र में पहुंचकर स्नान करेंगे।
- मिर्जापुर की तरफ आने वाले श्रद्धालु निर्धारित पार्किंग में पार्क करके पैदल अरैल बांध रोड से होते हुए मेला क्षेत्र में पहुंचेंगे। इसके बाद स्नान करके वापस लौटेंगे।
- रीवा-बांदा-चित्रकूट की ओर से आने वाले स्नानार्थी पार्किंग में वाहन खड़ा करके पैदल ओल्ड रीवा मार्ग व न्यू रीवा मार्ग होकर अरैल बांध से मेला में प्रवेश कर सकेंगे।
- कानपुर-कौशांबी की तरफ से आने वाले श्रद्धालु पैदल जीटी जवाहर चौराहा होते हुए काली मार्ग से मेला क्षेत्र में प्रवेश कर सकेंगे। फिर संगम स्नान करके वापस लौटेंगे।
- लखनऊ-प्रतापगढ़ की ओर से आने वाले स्नानार्थी नजदीकी पार्किंग में वाहन पार्क करके पैदल नागवासुकी मार्ग से मेला क्षेत्र में प्रवेश कर निर्धारित घाट पर स्नान करेंगे।
- अयोध्या-प्रतापगढ़ की तरफ से आने वाले श्रद्धालुओं के वाहन शिवबाबा पार्किंग और दूसरी पार्किंग में खड़े होंगे। फिर संगम लोवर मार्ग से पैदल मेला में प्रवेश करेंगे।
संगम आने का पैदल मार्ग
संगम आने वाले श्रद्धालुओं/स्नानार्थियों को जीटी जवाहर से प्रवेश कर काली सड़क आकर काली रैम्प से होते हुए संगम अपर मार्ग से संगम तक जाना होगा।
श्रद्धालुओं की सुरक्षा, सुविधा के साथ-साथ भीड़ और यातायात प्रबंधन के लिए भी कई प्लान तैयार किए गए हैं। स्नानार्थियों को कम से कम पैदल चलना पड़े और घाट पर सुरक्षित स्नान करके सकुशल गंतव्य तक पहुंच सकें, इस पर विशेष जोर दिया गया है। -भानु भास्कर, एडीजी जोन व नोडल अधिकारी महाकुंभ
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