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    Lekhpal Recruitment Exam 2025 : लेखपाल भर्ती परीक्षा के विज्ञापन को लेकर फिर गहराया विवाद, अब श्वेत पत्र की मांग

    By Jagran News Edited By: Brijesh Srivastava
    Updated: Mon, 29 Dec 2025 07:34 PM (IST)

    Lekhpal Recruitment Exam 2025 लेखपाल भर्ती परीक्षा के विज्ञापन को लेकर विवाद हो गया है। छात्र संगठनों ने विज्ञापन में अनारक्षित पदों की संख्या में बदल ...और पढ़ें

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    Lekhpal Recruitment Exam 2025 प्रयागराज में प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति ने लेखपाल भर्ती विज्ञापन को लेकर विरोध जताया है। 

    राज्य ब्यूरो, जागरण, प्रयागराज। Lekhpal Recruitment Exam 2025 लेखपाल भर्ती परीक्षा 2025 के विज्ञापन को लेकर एक बार फिर विवाद गहरा गया है। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी और छात्र आंदोलन समन्वय समिति के संयोजक प्रशांत पांडेय ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर 16 दिसंबर को जारी विज्ञापन को निरस्त किए जाने और 28 दिसंबर को संशोधित विज्ञापन जारी करने पर कड़ा एतराज जताया है।

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    राजनीतिक दबाव का लगाया आरोप 

    Lekhpal Recruitment Exam 2025 उन्होंने इस पूरे प्रकरण पर श्वेत पत्र जारी करने की मांग करते हुए आरोप लगाया कि राजनीतिक दबाव के चलते अनारक्षित वर्ग के मेधावी छात्रों के हितों से समझौता किया गया है। उनके अनुसार उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने 16 दिसंबर को विज्ञापन जारी कर लेखपाल के लिए अनारक्षित वर्ग के 4165 पद घोषित किए थे। हालांकि कुछ ही दिनों बाद 28 दिसंबर को नया विज्ञापन जारी कर अनारक्षित पदों की संख्या घटाकर 3205 कर दी गई।

    बोले- बदलाव के पीछे स्पष्ट प्रशासनिक कारण नहीं

    Lekhpal Recruitment Exam 2025 छात्र संगठनों का कहना है कि यह बदलाव न तो पारदर्शी है और न ही इसके पीछे कोई स्पष्ट प्रशासनिक कारण सामने आया है। उनका कहना है कि यदि पहले जारी विज्ञापन गलत था तो सरकार यह स्पष्ट करे कि उसमें क्या त्रुटि थी, उस त्रुटि के लिए जिम्मेदार कौन था और उसके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई। साथ ही यह भी बताया जाए कि नए विज्ञापन में अनारक्षित पदों की संख्या किस आधार पर घटाई गई।

    छात्र संगठनों ने दी चेतावनी

    Lekhpal Recruitment Exam 2025 छात्र संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार इस मुद्दे पर शीघ्र श्वेत पत्र जारी नहीं करती या फिर 16 दिसंबर के विज्ञापन के अनुसार भर्ती प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ाती तो अनारक्षित वर्ग के छात्र न्यायालय की शरण लेने केसाथ प्रदेशव्यापी आंदोलन को बाध्य होंगे।

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