New Delhi Prayagraj Train Running Status : शुक्रवार को पहुंची गुरुवार को आने वाली वंदे भारत ट्रेन, क्या आज भी लेट है?
Indian Railways News उत्तर भारत में कोहरे के कारण रेल यातायात प्रभावित है। वंदे भारत एक्सप्रेस 18 घंटे लेट प्रयागराज पहुंची, जिससे यात्रियों में रोष ह ...और पढ़ें

Indian Railways News कोहरे का कहर, नई दिल्ली से प्रयागराज आने वाली वंदे भारत समेत कई ट्रेनें घंटों लेट होने से यात्री परेशान रहे।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। Indian Railways Running Status उत्तर भारत में घने कोहरे ने रेल यातायात को पूरी तरह ठप कर दिया है। प्रीमियम ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस भी रोज इसकी चपेट में आ रही है। गुरुवार को नई दिल्ली से रात 9:11 बजे प्रयागराज पहुंचने वाली यह ट्रेन शुक्रवार दोपहर 3:11 बजे पहुंची, यानी पूरे 18 घंटे की देरी। दिल्ली से ही इसे 10 घंटे रीशेड्यूल किया गया था। अपराह्न तीन बजे रवाना होने वाली ट्रेन रात 1:40 बजे चली, फिर भी देरी का सिलसिला नहीं थमा।
ट्रेनों के विलंबित होने से यात्री परेशान, आक्रोश
Indian Railways Running Status ट्रेन पहुंचते ही परेशान यात्रियों का गुस्सा फूट पड़ा। एक यात्री रामेश्वर प्रसाद ने कहा, "मैं दिल्ली से परिवार के साथ प्रयागराज आ रहा था। महत्वपूर्ण काम था, लेकिन 18 घंटे की देरी ने सब बर्बाद कर दिया। कोहरे का बहाना हर साल, लेकिन रेलवे कोई स्थायी समाधान क्यों नहीं ढूंढता?" दूसरी यात्री सुशीला देवी ने आंसू भरी आंखों से बताया, "मैं अपनी बीमार मां से मिलने जा रही थी। रात भर ठंड में प्लेटफार्म पर इंतजार, अब स्वास्थ्य भी खराब हो गया। प्रीमियम ट्रेन का किराया देकर भी ऐसी हालत, रेलवे को तो किराया वापस करना चाहिए।"
प्रयागराज, हमसफर, रीवा व पुरुषोत्तम भी विलंबित
Indian Railways Running Status अन्य ट्रेनों की हालत भी बदतर रही। प्रयागराज एक्सप्रेस पांच घंटे 39 मिनट लेट होकर दोपहर 12:39 बजे पहुंची। हमसफर एक्सप्रेस सुबह 6:20 की जगह दोपहर 12:56 बजे आई, छह घंटे 36 मिनट देरी। रीवा एक्सप्रेस करीब 11 घंटे विलंबित होकर प्रयागराज आई। पुरुषोत्तम एक्सप्रेस सवा आठ घंटे देरी से दोपहर 1:10 बजे पहुंची।
लगातार 13वें दिन भी दिल्ली-प्रयागराज रूट प्रभावित
Indian Railways Running Status यह लगातार 13वां दिन है जब दिल्ली-प्रयागराज रूट पर सुबह की कोई ट्रेन समय पर नहीं पहुंची। सभी ट्रेनें छह से 18 घंटे तक लेट रहीं। कोहरे ने विजिबिलिटी शून्य कर दी है, लोको पायलट धीमी गति से ट्रेन चलाने को मजबूर। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि सुरक्षा सबसे ऊपर, इसलिए स्पीड सीमित। लेकिन यात्रियों का दर्द अनगिनत है – छूटी हुई नौकरियां, बिगड़े व्यापार, टूटे परिवारिक मिलन। यदि कोहरा ऐसे ही रहा तो नए साल में भी राहत मुश्किल। रेलवे से अपील है कि फाग सेफ्टी डिवाइस और बेहतर प्लानिंग से यात्रियों को इस यातना से मुक्ति दिलाएं।

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