इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा- ‘शादी का वायदा कर यौन संबंध बना मुकरने की प्रवृति खत्म किए जाने की जरूरत’
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा कि शादी का झूठा वादा करके यौन संबंध बनाने के बाद मुकरना समाज में बढ़ रहा है, इसे रोकना ज़रूरी है। न्यायमूर्ति नलिन कुमार श्र ...और पढ़ें

शारीरिक संबंध के लिए विवाह के झूठे वादे करने के मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने महत्वपूर्ण आदेश दिया है।
विधि संवाददाता, जागरण, प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा कि शादी का झूठा वायदा कर यौन संबंध के बाद मुकरने की प्रवृत्ति समाज में बढ़ रही है और इसे शुरुआत में ही खत्म किए जाने की जरूरत है। यह टिप्पणी न्यायमूर्ति नलिन कुमार श्रीवास्तव ने औरेया निवासी प्रशांत पाल की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज करते हुए की है।
अभियोजन के अनुसार पांच साल के रिश्ते के बावजूद आरोपित ने पीड़िता के साथ शादी करने से इन्कार कर दिया और उसने दूसरी महिला से सगाई कर ली। अपीलार्थी के अधिवक्ता ने कहा, दोनों (अपीलार्थी-पीड़िता) बालिग हैं और 2020 से सहमति से रिश्ते में साथ रह रहे हैं, लेकिन आरोपित ने कभी भी शादी का कोई वायदा नहीं किया था। सिर्फ शादी से इन्कार करना अपराध नहीं है।
राज्य सरकार की ओर से अर्जी का विरोध करते हुए कहा गया कि मेडिकल जांच में पीड़िता के साथ यौन संबंध बनाए जाने के बयान की पुष्टि हुई है। आरोपित पीड़िता को अश्लील वीडियो से भी धमकी दे रहा था। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट के विभिन्न फैसलों का हवाला देते हुए कोर्ट ने कहा, तथ्यों से पता चलता है कि आरोपित का पीड़िता के प्रति धोखे का इरादा शुरू से ही था। वह सिर्फ अपनी हवस पूरी कर रहा था। यह समाज के खिलाफ एक गंभीर अपराध है।
हालांकि पीड़िता बालिग थी और नतीजों से वाकिफ थी, लेकिन उसने आरोपित पर पूरी तरह भरोसा किया। आरोपित के खिलाफ बीएनएस की विभिन्न धाराओं के तहत औरैया थाना जिला औरैया में केस दर्ज है।
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