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    प्रतापगढ़ में चंदा के पैसे से बनाया जा रहा था पुल, खतरे की आशंका को देख प्रशासन ने लगा दी रोक

    Updated: Mon, 29 Sep 2025 09:11 PM (IST)

    प्रतापगढ़ के पहाड़पुर गंजेहड़ा में ग्रामीणों द्वारा चंदा जमा करके बनाया जा रहा पुल सुरक्षा कारणों से प्रशासन ने रुकवा दिया है। प्रत्येक वर्ष बरसात में बांस का पुल डूबने से लोगों को परेशानी होती थी इसलिए ग्रामीणों ने खुद ही पुल बनाने का फैसला किया था। एसडीएम के अनुसार सुरक्षा मानकों का पालन न होने के कारण काम रुकवाया गया। सरकारी स्तर पर पुल बनवाने का प्रयास किया जाएगा।

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    प्रतापगढ़ के ग्रामीणों ने पुल निर्माण कार्य रोका, सरकारी पुल बनेगा

    जागरण संवाददाता, प्रतापगढ़। बकुलाही नदी पर कई गांवों के लोग चंदा लगाकर लोहे का पुल बनवा रहे थे। इस गैर सरकारी पुल का काम सुरक्षा कारणों से प्रशासन ने रुकवा दिया। सदर के देल्हूपुर के पहाड़पुर गंजेहड़ा में बांस का पुल हर साल में बरसात में डूब जाता था। दर्जनभर गांवों के लोगों को पक्के पुल से होकर जाने में करीब एक किमी का चक्कर लगाना पड़ता है। इस समस्या से बचने को चहलीनुमा पुल का निर्माण गांव के लोग कर रहे थे।

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    कई बार जनप्रतिनिधियों, जिला पंचायत, प्रशासन से समस्या के समाधान की गुहार लगा चुके लोगों ने मदद न मिलने पखवारे भर पहले खुद ही पुल बनाने का बीड़ा उठाया। रानीगंज और विश्वनाथगंज के बार्डर पर स्थित इस गांव लोगों ने निजी प्रयास से चंदा इकट्ठा करना शुरू किया।

    500 लोगों ने जुटाया डेढ़ लाख रुपये

    500 से अधिक लोगों ने सहयोग जुटाया। डेढ़ लाख रुपये से पुल बनाने का काम शुरू कर दिया गया। ग्रामीणों में खुद ही कुछ लोग ऐसे हैं, जो लाेहे की वेल्डिंग का काम जानते हैं। वह करीब तीन फीट चौड़ा और 200 मीटर चौड़ा पुल बना रहे थे।

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    मानक के अनुसार प्रशासन बनवाएगा पुल

    जब प्रशासन को इसी जानकारी मिली तो एसडीएम ने टीम भेजी। टीम की रिपोर्ट पर एसडीएम सदर नैन्सी सिंह ने पुल का काम रुकवा दिया। कहा कि गांव के लोग पुल न बनाएं। ऐसे पुल से आवागमन में खतरा हो सकता है। इसे सरकारी स्तर पर मानक से बनवाने का प्रयास किया जाएगा।

    दर्जनभर गांवों के लिए उपयोगी

    पुल बन जाए तो दर्जनभर गांवों के लोगों के लिए काम का होगा। गंजेहड़ा, शेषनपुर, भावलपुर, विश्वनाथगंज, भिखनापुर, गुलरा, खमपुर, कसेरुआ, दूबे पट्टी, पंवारपुर समेत गांव के करीब तीन हजार लोग हाईवे के पक्के पुलिस तक जाने से एक किमी के घुमाव से बच सकेंगे। गंजेहड़ा के निवासी मो. गफूर, मो. रजी, मो. इसरार, मो. मुनीर, गुलरा मेहदवरी निवासी मुस्तफा आदि का कहना है कि जो पुल हम लोग बना रहे थे उससे केवल पैदल या बाइक ही जा सकती थी। पक्का बन जाए तो और अच्छा है।

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    प्रधान बोलीं- ग्रामीणों की मांग है पक्का पुल बनवाने की

    गंजेहड़ा की प्रधान अमरावती ने बताया कि गांव वालों की मांग है कि यहां पर कम चौड़ा ही सही, लेकिन पक्का पुल बनाया जाए। हमने भी उनकी मांगों के समर्थन में शासन को पत्र लिखा है। कोई पहल न होने पर लोग खुद ही आगे आए। 

    रानीगंज विधायक ने समस्या के समाधान का दिया है आश्वासन 

    जिला पंचायत सदस्य प्रमोद कुमार पटेल का कहना है कि यह केवल तीन फीट चौड़ा चहली की तरह का पुल बनाया जा रहा था। यहां हमेशा से बांस का पुल होता था। कोई नई बात नहीं है। हम लोगों की मांग पर रानीगंज विधायक ने दशहरे के बाद आकर समस्या का ठोस समाधान करने का भरोसा दिलाया है।

    एसडीएम सदर ने पुल निर्माण रुकवाने का बताया कारण 

    एसडीएम सदर नैन्सी सिंह का कहना है कि पुल बनाए जाने की बात ग्रामीणों द्वारा पता चली थी। मौके पर जाने पर लगा कि ऐसे पुल पर सुरक्षा मानकों का अनुपालन नहीं होने से खतरा हो सकता है। ऐसे में काम रुकवा दिया गया है।