PGT Recruitment Exam : चौथी बार टली प्रवक्ता (PGT) परीक्षा, 15 और 16 को थी प्रस्तावित, अभ्यर्थियों में नाराजगी
PGT Recruitment Exam प्रवक्ता (पीजीटी) भर्ती परीक्षा बार-बार स्थगित होने से लाखों अभ्यर्थी निराश हैं। उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग ने चौथी बार परीक्षा स्थगित कर दी है। 624 पदों के लिए 4.50 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। परीक्षा पहले अप्रैल फिर जून में स्थगित हुई। अभ्यर्थियों में आक्रोश है और वे परीक्षा में देरी के कारणों पर सवाल उठा रहे हैं। नई तिथि का इंतजार है।

राज्य ब्यूरो, जागरण, प्रयागराज। PGT Recruitment Exam प्रवक्ता (पीजीटी) भर्ती परीक्षा के बार-बार स्थगित होने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। तीन वर्षों से इंतजार कर रहे लाखों अभ्यर्थियों के लिए सोमवार को एक और झटका तब लगा जब उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग ने चौथी बार परीक्षा स्थगित करने की घोषणा की।
आयोग के अनुसार 15 और 16 अक्टूबर को प्रस्तावित परीक्षा अब “अपरिहार्य कारणों” से स्थगित कर दी गई है। हालिया घटनाक्रम में उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग की अध्यक्ष कीर्ति पांडेय के त्यागपत्र से उपजे हालातों को भी इस परीक्षा के टलने की बड़ी वजह माना जा रहा है।
PGT Recruitment Exam हालांकि पीजीटी भर्ती परीक्षा के बार-बार स्थगन ने न केवल लाखों युवाओं के भविष्य को अधर में लटका दिया है, बल्कि यह भर्ती व्यवस्था पर गंभीर प्रश्नचिह्न भी खड़ा कर रहा है। अब अभ्यर्थियों को नई तिथि का इंतजार है।
पीजीटी भर्ती-2022 में कुल 624 पदों के लिए लगभग 4.50 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। आवेदन प्रक्रिया जुलाई 2022 में ही पूरी हो चुकी थी। आवेदन प्रक्रिया समाप्त होने के तीन साल बाद जाकर परीक्षा की तिथि घोषित की गई, लेकिन उसके बाद से परीक्षा आयोजित होने के बजाय केवल तिथियां बदलती रही हैं।
परीक्षा की कहानी अगर देखें तो यह पहले इस वर्ष 11 और 12 अप्रैल को प्रस्तावित थी, जिसे बाद में 20 और 21 जून पर टाला गया। इसके बाद पुनः 18 और 19 जून की नई तिथियां जारी हुईं, लेकिन वह भी रद्द कर दी गईं। इसके बाद अगस्त में परीक्षा की बात कही गई पर तिथि नहीं घोषित हुई। फिर 15 और 16 अक्टूबर को परीक्षा तय की गई, जिसे अब फिर स्थगित कर दिया गया है।
PGT Recruitment Exam यानी कुल मिलाकर चार बार परीक्षा स्थगित हो चुकी है। इससे अभ्यर्थियों में गहरी नाराजगी और असमंजस की स्थिति बन गई है। कई उम्मीदवारों ने सवाल उठाया है कि आखिर इतनी बार परीक्षा स्थगित करने के पीछे वास्तविक कारण क्या हैं? तीन वर्ष से अधिक समय बीतने के बाद भी आयोग परीक्षा आयोजन की ठोस तैयारी क्यों नहीं कर पा रहा है?
अभ्यर्थियों का कहना है कि भर्ती प्रक्रिया में इस तरह की लंबी देरी से न केवल उनकी तैयारी प्रभावित हो रही है, बल्कि आयुसीमा पार करने का भी खतरा बढ़ गया है। अभ्यर्थियों ने कहा कि हर बार तारीख बदल जाती है। इस असमंजस में मानसिक और आर्थिक दोनों तरह का दबाव झेलना पड़ रहा है।
बार-बार परीक्षा का टलना यह संकेत है कि प्रशासनिक स्तर पर गंभीर कमियां और समन्वय की कमी बनी हुई है।हालांकि आयोग का कहना है कि नई परीक्षा तिथि जल्द घोषित की जाएगी, लेकिन बार-बार की जा रही स्थगन से अभ्यर्थियों का सब्र अब टूटने लगा है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।