नोएडा में पिता-पुत्र की जोड़ी ने दर्शकों को किया मंत्रमुग्ध, बेटे ने बचपन तो पिता ने निभाया रावण की जवानी का किरदार
नोएडा में रामलीला के मंच पर एक अद्भुत दृश्य देखने को मिला जहां पिता और पुत्र ने मिलकर रावण के जीवन को दर्शाया। पिता ने रावण की जवानी का किरदार निभाया तो बेटे ने रावण के बचपन को जीवंत किया। अमित शर्मा और उनके बेटे अंगद शर्मा ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। यह अनोखी प्रस्तुति पारिवारिक विरासत और कला का अद्भुत संगम थी।

चेतना राठौर जागरण, नोएडा। रामलीला के एक ही मंच पर दो पीढ़ियों ने रावण बन लंकेश्वर के जीवन को दर्शाया दिखाया। पिता ने रावण का युवा स्वरूप और बेटा ने रावण का बचपन की कथा से रूबरू कराकर आकर्षित किया। दोनों के रूप मंच इस बार एक अनूठी कहानी का गवाह बना।
यहां पिता-पुत्र की जोड़ी ने एक ही मंच पर रावण का किरदार निभाकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। पिता ने रावण की परिपक्व जवानी को सशक्त रूप से जीवंत किया, तो बेटे ने बचपन के उन्मादी रावण को मंच पर उतारकर सबका दिल जीत लिया।
एक ही मंच पर दिखा पिता-पुत्र की जोड़ी का कमाल
यह नजारा न केवल कला का उत्सव था, बल्कि पारिवारिक विरासत और बंधन का एक जीता-जागता प्रतीक भी। सेक्ट-21ए स्थित नोएडा स्टेडियम में आयोजित रामलीला मंचन में पिता-पुत्र की जोड़ी का कमाल देखने को मिला।
अमित शर्मा पेशे से रेडिमेड गारमेंट के कारोबारी हैं। वहीं 13 साल का बेटा अंगद शर्मा खेतान पब्लिक स्कूल में नौवीं कक्षा में पढ़ता है। बचपन से पिता को रावण के किरदार में देखने के बाद स्वयं भी स्कूल में नाटक में हिस्सा लेता रहा।
अब पिता के साथ रामलीला में कई किरदार निभाते हैं। कभी रावण के बचपन, विभीषण के पुत्र तरनीसेन का किरदार निभा रहे हैं। पिता अमित शर्मा ने बताया कि अंगद का जन्म रामलीला के दौरान ही हुआ था। बचपन से ही रावण के किरदार में देखता रहा है।
आज वो पिता को पूरी तरह कॉपी करता है। अमित ने रावण की जवानी और बेटे अंगद ने बचपन का किरदार निभाया। लंकेश, जिसका अहंकार और विद्वता दर्शकों को झकझोर गया। उनके गर्जन भरे संवादों से मंच गूंज उठा। अंगद ने रावण के बचपन का नटखट अंदाज भी प्रस्तुत किया। अमित ने बताया कि रावण का किरदार जटिल है, और इसे बेटे के साथ निभाना गर्व की बात।
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