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    नोएडा में WhatsApp-Telegram को ठगी का टूल बना रहे ठग, इंजीनियर से प्रोफेसर तक फंसकर गंवा रहे मेहनत की कमाई

    Updated: Fri, 25 Jul 2025 04:45 PM (IST)

    नोएडा में साइबर ठगों ने व्हाट्सएप और टेलीग्राम को ठगी का नया जरिया बना लिया है। वे लोगों को शेयर बाजार में निवेश के नाम पर धोखा दे रहे हैं। इंजीनियरों से लेकर प्रोफेसर तक इनके जाल में फंस रहे हैं। पुलिस लोगों को अनजान नंबरों से आने वाले संदेशों को अनदेखा करने और ठगी होने पर तुरंत शिकायत दर्ज कराने के लिए कह रही है।

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    व्हाट्सएप्प, टेलीग्राम को ठगी का टूल बना रहे ठग, इंजीनियर से प्रोफेसर तक फंसकर गवां रहे रकम

    मुनीश शर्मा, नोएडा। साइबर ठग व्हाट्सएप्प और टेलीग्राम को भी ठगी का टूल बनाकर ठग रहे हैं। शेयर बाजार में निवेश के नाम पर ठगने में प्रयोग कर रहे हैं। इंजीनियर से लेकर प्रोफेसर तक व्हाट्सएप्प व टेलीग्राम के माध्यम से भी ठगों के संपर्क में आकर जमा पूंजी को गंवा दे रहे हैं। जिले में इस तरह के कई केस साइबर क्राइम थाने में दर्ज हुए हैं।

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    लगातार जागरूक कर रहे

    दरअसल, साइबर ठगों ने पहले व्हाट्सएप्प, टेलीग्राम पर मैसेज भेजकर संपर्क किया। बातचीत होने पर शेयर बाजार में निवेश कर मोटा मुनाफा कमाने का झांसा दिया। ग्रुप पर जोड़ मुनाफा कमाने वालों के रिव्यू से विश्वास दिलाया। बाद में ठगी का अहसास होने पर पता चला कि ग्रुप पर जुड़े लोग साइबर ठगों के ही साथी थे। उधर, पुलिस ने साइबर ठगी का शिकार होने से बचने को लेकर लगातार जागरूक कर रही है।

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    केस एक : नोएडा सेक्टर 78 के रहने वाले पीयूष के पास 28 अप्रैल को पहले टेलीग्राम पर अनजान नंबर से पंकज नाम के व्यक्ति का मैसेज आया था। उसके बाद आराध्या नाम की महिला ने वाट्सएप पर संपर्क किया था। दोनों ने मिलकर शेयर बाजार में निवेश कर मोटा मुनाफा कमाने का झांसा दिया था। पीड़ित ने ठगों के झांसे में आकर 78 लाख रुपये गंवा दिए थे।

    केस दो : नोएडा के रहने वाले राम कृष्ण से एक अप्रैल को टेलीग्राम पर अनजान महिला ने संपर्क किया था। उसने शेयर बाजार में निवेश कर प्रतिदिन 15 से 30 प्रतिशत लाभ कमाने का झांसा दिया था। पीड़ित को जाल में फंसाकर निवेश कराया था। इसके एवज में 2.89 करोड़ रुपये की ठगी की थी।

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    ठगों के जाल में फंसने से बचें : डीसीपी साइबर प्रीति यादव ने बताया कि साइबर ठग मोबाइल व वाट्सएप के अलावा टेलीग्राम पर भी मैसेज भेजकर संपर्क करते हैं। शुरुआत में कथित नामी कंपनी के लोगो, विज्ञापन आदि में फेरबदल कर प्रयोग करते हैं।

    इंटरनेट पर क्राॅस चेक करने के दौरान सरसरी तौर पर सभी ठीक नजर आता है, लेकिन ठगों के जाल में फंसकर मोटी रकम गंवाने पर ठगों के फर्जीवाड़े का पता चलता है। इससे बचने के लिए टेलीग्राम व वाट्सएप पर आने वाले अनजान नंबर के मैसेज को नजरअंदाज करना ही ठीक है।

    ऐसा नहीं करने पर ठगी का भी शिकार हो सकते हैं। उन्होंने ठगी होने पर तत्काल 1930 और एनसीआरपी पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराने पर जोर दिया है।

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