YEIDA News: ई-ऑफिस में बदले जाएंगे यीडा के पांच विभाग, अब फटाफट होंगे लोगों के रुके काम
YEIDA News यमुना प्राधिकरण जमीनी विवादों के समाधान और आवंटियों से जुड़े कार्यों में तेजी लाने के लिए पांच विभागों को ई-ऑफिस में बदलने जा रहा है। इस कदम से आवंटियों को अपने काम कराने के लिए अब विभागों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे और फाइलों के गुम होने की समस्या भी समाप्त हो जाएगी। लेख में पढ़ें पूरी खबर।

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। जमीनी विवाद के हल और आवंटियों से जुड़े कार्यों में तेजी लाने के लिए यमुना प्राधिकरण (यीडा) पांच विभागों को ई आफिस बनाने जा रहा है। इन विभागों से जुड़े सभी कार्य सोमवार से आनलाइन ही किए जाएंगे। विभागों की पुरानी फाइलों को भी डिजिटल बनाकर अपलोड किया जाएगा।
यमुना प्राधिकरण (Yamuna Authority) काफी वक्त से अपने कार्यालय को ई-ऑफिस में तब्दील करने के प्रयास कर रहा है, लेकिन सफलता नहीं मिल सकी है। बड़ी संख्या में फाइलों का डिजिटल प्रारूप तैयार न हो पाने और कर्मचारियों को कामकाज में अड़चन से प्राधिकरण ई-ऑफिस के लक्ष्य से दूर है।
पहले चरण में पांच विभाग ई-ऑफिस में होंगे तब्दील
इसलिए प्राधिकरण ने चरणबद्ध तरीके से ई-ऑफिस का लक्ष्य पूरा करने का फैसला किया है। पहले चरण में पांच विभाग सोमवार से ई-ऑफिस में तब्दील हो जाएंगे। इन विभागों को सोमवार से सभी कार्य ऑनलाइन होगा। कर्मचारियों को फाइल लेकर अधिकारियों के कार्यालय तक भागदौड़ नहीं करनी होगी।
सभी कर्मचारियों व अधिकारियों के यूजर आईडी और पासवर्ड तैयार किए गए हैं। इसके जरिये वह फाइल में अपने कार्य को पूरा करेंगे। अधिकारी हस्ताक्षर व फाइल में हुई प्रगति की स्थिति को अपने कंप्यूटर स्क्रीन पर देख सकेंगे। प्राधिकरण ने ई-ऑफिस के लिए कर्मचारियों को दो दिवसीय प्रशिक्षण की व्यवस्था की है। इसके लिए एनआईटी कंपनी को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
ई-ऑफिस बनने से कर्मचारियों की बढ़ेगी दक्षता
इस संबंध में प्राधिकरण के ओएसडी एवं महाप्रबंधक परियोजना राजेश कुमार ने बताया कि सोमवार से लीगल, सिस्टम, कॉमर्शियल, एचआर और फाइनेंस विभाग पूरी तरह से ई-ऑफिस में कामकाज करेंगे। प्राधिकरण के अन्य विभागों को भी चरणबद्ध तरीके से ई-ऑफिस में बदला जाएगा। इन विभागों के ई-ऑफिस बनने से कर्मचारियों की दक्षता बढ़ेगी।
फाइलों को एक कार्यालय से दूसरे कार्यालय लेकर होने वाली भागदौड़ व समय की बचत होगी। फाइलों के गुम होने की समस्या समाप्त होगी। अधिकारी किसी भी वक्त अपने कंप्यूटर स्क्रीन पर फाइल को देख सकेंगे। आवंटियों के प्राधिकरण से संबंधित कामकाज की गति बढ़ेगी। उन्हें अपने काम कराने के लिए फाइल की स्थिति जानने को एक से दूसरे विभाग नहीं भटकना पड़ेगा।
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