Rampur Nawab Family : मुकदमे में बीत गए 49 साल, फिर भी नहीं हो सका नवाब खानदान की संपत्ति का बंटवारा
नवाब खानदान की रामपुर में 2600 सौ करोड़ से ज्यादा की संपत्ति है। इसके बंटवारे के लिए 49 साल से मुकदमेबाजी चल रही है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के पौने दो साल बाद भी हिस्से नहीं बंट पा रहे हैं। अदालत ने अब विभाजन योजना तैयार की है।
मुरादाबाद, मुस्लेमीन। नवाब खानदान की रामपुर में 2600 सौ करोड़ से ज्यादा की संपत्ति है। इसके बंटवारे के लिए 49 साल से मुकदमेबाजी चल रही है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के पौने दो साल बाद भी हिस्से नहीं बंट पा रहे हैं। अदालत ने अब विभाजन योजना तैयार की है। मुकदमेबाजी के दौरान ही दो पक्षकारों की मौत भी हो गई। अब 16 पक्षकार ही बचे हैं। इनमें भी ज्यादातर बुजुर्ग हो गए हैं।
रामपुर में करीब पौने दो सौ साल तक नवाबों का राज रहा। आखिरी नबाब रजा अली खां की संपत्ति के बंटवारे को लेकर मुकदमेबाजी चल रही है। नवाब रजा अली खां के तीन बेटे थे। राज परंपरा के मुताबिक बड़ा बेटा ही नवाब की संपत्ति का हकदार होता था, इसलिए सबसे बड़े बेटे मुर्तजा अली खां के कब्जे में अधिकांश संपत्ति रही। इसके विरोध में परिवार के दूसरे सदस्यों ने अदालत का दरवाजा खटखटाया। उन्होंने तर्क दिया कि जब राजशाही नहीं रही तो फिर बंटवारा भी उसकी परंपरा के अनुसार न किया जाए। इस मुकदमे की शुरूआत 1972 में हुई थी। साल 1996 में हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया, जिसमें राजशाही परंपरा को सही माना गया। इसके बाद परिवार के सदस्यों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की। सुप्रीम कोर्ट ने 31 जुलाई 2019 को फैसला सुनाया है कि शरीयत के हिसाब से बंटवारा किया जाए। जिला जज को दिसंबर 2020 तक बंटवारा कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई। अदालत ने संपत्ति के सर्वे व मूल्यांकन के लिए एडवोकेट कमिश्नर तैनात कर दिए, जिन्होंने मूल्यांकन कर रिपोर्ट कोर्ट में पेश कर दी। कुल संपत्ति 2600 करोड़ से ज्यादा की आंकी गई। इसके बाद जिला जज ने मध्यस्त्था के जरिये बंटवारा कराने के लिए स्पेशल जज को मध्यस्थ नियुक्त कर दिया। उन्होंने कई बार पक्षकारों के वकीलों के साथ बैठक की। लेकिन, सहमति नहीं बन सकी। ज्यादातर पक्षकार कोठी खासबाग में हिस्सा लेना चाहते हैं। दरअसल कोठी खासबाग सिविल लाइंस में है और इसकी जमीन भी महंगी है।
नवाब खानदान की आलीशान कोठी : नवाब खानदान की पांच बड़ी संपत्ति हैं। इनमें कोठी खास बाग सबसे बड़ी संपत्ति है। यूरोपीय इस्लामी शैली में बनी इस कोठी में लगभग दो सौ कमरे हैं। सिनेमा हाल एवं संगीत हाल भी हैंं। देश की पहली फुल्ली एयरकंडीशनर कोठी है। इसे बनाने के लिए विदेश से इंजीनियर आए थे और राज मिस्त्रियों को मजदूरी के बदले चांदी के सिक्के दिए जाते थे। तब इसी कोठी में नवाब परिवार रहता था। नवाब सोने के बर्तनों में खाना खाते थे और चांदी के पलंगों पर सोते थे। कोठी खासबाग का 430 एकड़ रकबा है, जिसमें कोठी के चारों ओर बाग है, जिसकी कीमत 1435 करोड़ निर्धारित की गई है।
कोठी लक्खी बाग : कोठी लक्खी बाग शाहबाद की कीमत भी करीब 721 करोड़ है। इस कोठी के चारों ओर बाग हैं, जिसमें एक लाख पौधे लगाए गए थे। इसीलिए इसका नाम लक्खी बाग है। इसके अलावा कोठी बेनजीर, नवाब रेलवे स्टेशन और कुंडा भी नवाब कानदान की बड़ी संपत्ति हैं। इनकी कीमत 432 करोड़ आंकी गई है। इसके अलावा 64 करोड़ से ज्यादा की अचल संपत्ति है। इनमें करीब एक हजार हथियार भी शामिल हैं।
दो पक्षकारों की हो चुकी है मौत : नवाब खानदान की संपत्ति में 18 पक्षकार हैं, जिनमें दो की मौत हो चुकी है। लेकिन, शरीयत के हिसाब से इनका हिस्सा भी तय है। पूर्व सांसद बेगम नूरबानो का हिस्सा 2.250 प्रतिशत, उनके बेटे नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां का 7.874 प्रतिशत, बेगम नूरबानो की बेटी समन खां का 3.937 प्रतिशत और दूसरी बेटी सबा दुर्रेज अहमद का 3.937 प्रतिशत है। सबा के पति दुर्रेज अहमद जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं, जबकि उनके पिता फखरुद्दीन अली अहमद देश के राष्ट्रपति रहे हैंं। इनके अलावा तलत फतमा हसन का 2.025 प्रतिशत, गीजला मारिया अली खान 5.165 प्रतिशत, नदीम अली खां 5.165 प्रतिशत, सिराजुल हसन 4.051 प्रतिशत, ब्रिजिश लका बेगम का 8.999 प्रतिशत, अख्तर लका बेगम 8.999 प्रतिशत, नाहिद लका बेगम 8.999 प्रतिशत, कमर लका बेगम का 8.999 प्रतिशत हिस्सा तय हुआ था। मुहम्मद अली खां उर्फ मुराद मियां का हिस्सा 8.101 और उनकी बहन निगहत बी का हिस्सा 4.051 प्रतिशत है। केसर जमानी बेगम और तलत जमानी बेगम की मौत हो चुकी है। इन दोनों का हिस्सा बराबर-बराबर 4.167 प्रतिशत है। पाकिस्तान के पूर्व एयर चीफ मार्शल अब्दुल रहीम खान की पत्नी मेहरुन्निशा बेगम(87) भी हिस्सेदार हैं। वह नवाब रजा अली खां की बेटी हैं। उनके हिस्से में सबसे ज्यादा करीब तीन सौ करोड़ की संपत्ति आ रही है। दरअसल इनका हिस्सा 7.292 फीसद है, जबकि इनकी मां तलत जमानी बेगम का हिस्सा 4.167 फीसद है। इनकी मां की मौत हो चुकी है। उनका हिस्सा भी इन्हें मिल रहा है। इस तरह इनके हिस्से में 11.459 फीसद संपत्ति आ रही है, जो तीन सौ करोड़ से भी ज्यादा है। हालांकि इस संपत्ति पर भारत सरकार के सह अभिरक्षक शत्रु संपत्ति ने अपना दावा जताते हुए इसी माह कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया है। उन्होंने इस संपत्ति को शत्रु संपत्ति बताते हुए कब्जा दिलाने की मांग की है।
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