Assembly Election 2022 : गुन्नौर में हुई शिवपाल यादव की एंट्री तो बदल जाएंगी सपा की राजनीतिक परिस्थितियां
सपा परिवार से अलग होकर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी बनाकर अपनों को चुनौती देने वाले शिवपाल सिंह के सम्भल के गुन्नौर आगमन की खबरें चर्चाओं का विषय बनी हुई है। जिससे सपा के गढ़ में न केवल राजनीतिक सरगर्मियां तेज हैं।
मुरादाबाद, संवाद सहयोगी। सपा परिवार से अलग होकर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी बनाकर अपनों को चुनौती देने वाले शिवपाल सिंह के सम्भल के गुन्नौर आगमन की खबरें चर्चाओं का विषय बनी हुई है। जिससे सपा के गढ़ में न केवल राजनीतिक सरगर्मियां तेज हैं बल्कि इसके अलग अलग राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं। फिलहाल आगामी विधानसभा में उनके चुनाव लड़ने की अटकलों को लेकर सपा की ओर से कोई भी टिप्पणी नहीं की जा रही है लेकिन प्रसपा जिलाध्यक्ष ने गुन्नौर में आगमन और उनके चुनाव की तैयारियों को लेकर पुष्टि की है।
वर्ष 2004 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने जिले की गुन्नौर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था और वह रिकॉर्ड मतों से जीतकर सदन में पहुंचे थे। वर्ष 2007 तक सरकार रहते हुए विधायक रहे, इस दौरान सपा परिवार के उनके भाई शिवपाल यादव के अलावा रामगोपाल यादव, बेटे अखिलेश यादव और परिवार के अन्य सदस्य भी यहां चुनाव प्रचार के दौरान नजर आए थे। स्थानीय लोगों से नजदीकियां बढ़ी थी और तभी से गुन्नौर के स्थानीय नेताओं से शिवपाल यादव का करीबी संपर्क है। अब जबकि गुन्नौर विधानसभा में स्थानीय नेताओं में सपा से टिकट लेने की होड़ सी मची है और अलग-अलग मंच बनाते हुए आगे निकलने की कोशिश हो रही हैं। तभी गुन्नौर में शिवपाल यादव की एंट्री की खबरें और उनके चुनाव लड़ने की अटकलें अलग-अलग राजनीतिक मायने निकालने को मजबूर कर रहे हैं। गुन्नौर के प्रगतिशील समाजवादी पार्टी की स्थानीय पदाधिकारी स्थानीय नेताओं से फोन कर वार्ता कर रहे हैं और अलग-अलग स्थानों पर शिवपाल यादव के कार्यक्रम के आयोजन की रणनीति बनाई जा रही है। वह जसवंतनगर सीट को छोड़कर गुन्नौर में चुनाव लड़ेंगे। इसकी पुष्टि प्रसपा के जिलाध्यक्ष कैप्टन सर्वेश यादव कर रहे हैं। लेकिन इसको लेकर शिवपाल की ओर से आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। फिलहाल इंटरनेट मीडिया और पोस्टर के जरिए शिवपाल यादव के नाम से अपील की जा रही है कि वे 2004 में मुलायम सिंह को मिले आशीर्वाद की तरह ही उन्हें आशीर्वाद प्रदान करें। इसको लेकर समाजवादी पार्टी में बेशक बेचैनी हो लेकिन प्रगतिशील समाजवादी से कोई संबंध या समझौता नहीं होने के चलते किनारा किया जा रहा है। गुन्नौर के विधानसभा क्षेत्र अध्यक्ष अमित यादव का मानना है कि सपा का प्रसपा से कोई लेना देना नहीं है, और न ही पार्टी हाईकमान की ओर से कोई ऐसा संदेश मिला है। लिहाजा शिवपाल यादव कहां आते हैं और कहां से चुनाव लड़ते हैं, इस संबंध में हमें कोई लेना देना नहीं। ठीक सधे हुए लफ्जों में सपा के जिलाध्यक्ष असगर अली अंसारी ने भी शिवपाल यादव के गुन्नौर से चुनाव लड़ने की सूचना पर कुछ भी बोलने से इन्कार किया है।
23 से 26 जुलाई के बीच रहेगा शिवपाल का गुन्नौर दौरा : शिवपाल सिंह यादव 23 से 26 जुलाई के बीच गुन्नौर विधानसभा के दौरे पर आएंगे। यहां वे सबसे पहले अपने स्थानीय पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगे। तत्पश्चात पूर्व विधायक राजेश यादव के घर जाएंगे और बबराला में पूर्व विधायक प्रेमवती यादव के निधन के बाद उनके बेटे भूपेंद्र सिंह यादव उर्फ काली के घर भी जाना होगा। इसके अलावा अन्य कई ऐसे दिग्गजों के घर कार्यक्रम तय किए जा रहे हैं जो कहीं न कहीं भाजपा और सपा दोनों से अनदेखी का शिकार हैं। लिहाजा गुन्नौर विधानसभा में भी थर्ड फ्रंट की राजनीति शुरू हो सकती है।
प्रगतिशील समाजवादी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव 23 से 26 जुलाई के बीच गुन्नौर विधानसभा में आ रहे हैं। यहां पर भी पूर्व विधायक पूर्व विधायक के पुत्र और अन्य दिग्गजों के घर जाएंगे। राजनीतिक हस्तियों से मुलाकात करेंगे। गुन्नौर से चुनाव लड़ना लगभग तय है। इसको लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं।
कैप्टन सर्वेश यादव, जिलाध्यक्ष, प्रसपा, सम्भल।
लगाई जा रही थी सपा परिवार से चुनाव लड़ने की अटकलें : आगामी विधानसभा 2022 में होने वाले आम चुनाव के दौरान गुन्नौर की सियासत में चर्चा चल रही थी कि स्थानीय नेताओं में आपसी खींचतान और मनमुटाव को दूर करने के लिए मुलायम परिवार से कोई सदस्य यहां विधानसभा का चुनाव लड़ सकता है। इसके लिए स्थानीय कई दिग्गज लखनऊ में अखिलेश यादव और रामगोपाल यादव से भी मिल चुके थे। उन्हें भी यहां से चुनाव लड़ने के लिए आमंत्रित किया गया था हालांकि राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की ओर से ठोस आश्वासन नहीं दिया गया था। संकेत दिए जा रहे थे कि उनके अलावा परिवार का कोई अन्य सदस्य भी यहां से चुनाव लड़ सकता है। ऐसे में अगर अब शिवपाल यादव गुन्नौर से चुनाव लड़ते हैं तो मुलायम परिवार के लिए यह एक बड़ी चुनौती से कम नहीं होगा तो परिवारों के बीच सीधा सीधा मुकाबला भी हो सकता है।
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