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जनसंख्या न‍ियंंत्रण कानून पर ओवैसी का बड़ा बयान, कहा-खुद ही घट रही जनसंख्‍या, कानून से बढ़ जाएगा गर्भपात

कानून से उत्तर प्रदेश की महिलाओं का सबसे बड़ा नुकसान होगा। महिलाओं को यह अधिकार मिलना चाहिए उन्हें तय करना चाहिए। हमने पहले ही कहा था कि शादी सही आयु में करें और उन्हें शिक्षित बनाने पर जोर दिया जाए।

By Narendra KumarEdited By: Published: Fri, 16 Jul 2021 09:47 AM (IST)Updated: Fri, 16 Jul 2021 09:47 AM (IST)
जनसंख्या न‍ियंंत्रण कानून पर ओवैसी का बड़ा बयान, कहा-खुद ही घट रही जनसंख्‍या, कानून से बढ़ जाएगा गर्भपात
कहा क‍ि जनसंख्या खुद घट रही है तो फिर ठोक दो पॉलिसी क्यों।

मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। जनसंख्या दर स्वयं ही लगातार घट रहा है फिर इस पर कानून बनाने की क्या जरूरत है। क्यों एक बार फिर लोगों पर ठोक दो की पॉलिसी को अपनाया जा रहा है। प्रदेश सरकार युवाओं को रोजगार देने के बजाय उन्हें गुमराह करने के लिए कानून लेकर आ रही है। जब केंद्र सरकार ने कोर्ट में हलफनामा दिया था कि हम जनसंख्या नियंत्रण पर कानून नहीं लाएंगे तो फिर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री, 56 इंच के सीने के खिलाफ कैसे जा रहे हैं।

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उक्त बातें एआइएमआइएम (ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन) पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने सम्भल में कही। असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि जनसंख्या तो खुद ही कम हो रही है फिर उत्तर प्रदेश की जनता पर ठोक दो की पॉलिसी क्यों थोपी जा रही है। जब एक भाजपा नेता ने कोर्ट में जनसंख्या नियंत्रण पर कानून बनाने के लिए याचिका दायर की थी तो केंद्र सरकार की तरफ से हलफनामा दिया गया था कि हम यह कानून नहीं लाएंगे, क्योंकि खुद ही जनसंख्या वृद्धि दर घट रहा है तो फिर अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 56 इंच के सीने के खिलाफ क्यों जा रहे हैं। सरकार ने जनसंख्या कानून पर राय मांगी है। हमारी पार्टी भी अपनी बात सरकार तक पहुंचाएंगी। हमारा मानना यह है कि टीएफआर रेट 2000 में 3.2 फीसद से घटकर 2018 में 2.2 फीसद हो गई। यह कैसे हुआ, क्या ठोक दो की पॉलिसी से या फिर डराने से। यह कानून धारा 21 के खिलाफ है। इस कानून से उत्तर प्रदेश की महिलाओं का सबसे बड़ा नुकसान होगा। महिलाओं को यह अधिकार मिलना चाहिए, उन्हें तय करना चाहिए। हमने पहले ही कहा था कि शादी सही आयु में करें और उन्हें शिक्षित बनाने पर जोर दिया जाए, लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार का इस तरफ कोई ध्यान नहीं है। स्वास्थ्य के मामले में प्रदेश सरकार ने लोगों के साथ धोखा किया है। मुख्यमंत्री ओवैसी के मजनू बन गए है। बार-बार लैला को याद करते हैं। प्रदेश में अस्पतालों की कमी के साथ-साथ चिकित्सकों की कमी है। वर्ष 2019 को लोकसभा में मोदी सरकार ने कहा था कि उत्तर प्रदेश में डॉक्टरों की कमी है और सरकार कह रही है जनसंख्या नियंत्रण करेंगे। पत्रकारों की तरफ इशारा करते हुए कहा कि जिससे आपको बहुत मोहब्बत है वह देश के प्रधानमंत्री जरूर हैंं, मोहब्बत करना कोई जरूरी नहीं है उनके खिलाफ भी बोल सकते हैंं, यह हमारा लोकतंत्र कहता है। प्रधानमंत्री ने कहा था कि हमारे देश में इतने युवा हैं, इतने पूरे विश्व में नहीं है तो फिर अब क्यों कानून बनाया जा रहा है। युवाओं को नौकरी नहीं देते, अस्पताल नहीं खोलते, अगर अस्पताल है तो डॉक्टर नहीं हैं। इस कानून के बाद गर्भपात बढ़ेगा। अगर किसी को पता चल जाएगा कि हमारे गर्भ में बच्ची है तो गर्भपात बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि कुछ सालों में स्वयं ही जनसंख्या नियंत्रण में आ जाएगी। जब बिहार के मुख्यमंत्री कह रहे हैं तो इन्हें सुनना चाहिए। उत्तर प्रदेश में जो कोरोना में मौत हुई जिनके शव गंगा में मिले हैं जिनके शवों को कुत्तों ने खाया है, प्रधानमंत्री यह भूल गए है कि वह किसी के अपने थे। 

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